भोपाल। मप्र उच्च शिक्षा विभाग ने नए सत्र में दाखिले के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके अनुसार अब कोएड कॉलेजों में ट्रांसजेंडरों को प्रवेश दिया जाएगा. वहीं बीसीए करने के लिए गणित विषय की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. अब वाणिज्य, विज्ञान और आर्टस वाले छात्र भी बीसीए में एडमिशन ले सकेंगे. वहीं एलएलबी में एडमिशन के लिए 12 वीं कक्षा में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है. नए शैक्षणिक सत्र से 45 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र भी एलएलबी की पढ़ाई कर सकेंगे.
इस वजह से बीसीए क्वालिफिकेशन में मिली छूट
सबसे बड़ा बदलाव बीसीए और एलएलबी में प्रवेश के लिए किया गया है. दरअसल, मप्र में 100 से अधिक कॉलेजों में बीसीए का कोर्स होता है. पिछले कुछ वर्षों में हुए एडमिशन के आंकड़ों के अनुसार कॉलेजों में करीब 60 प्रतिशत सीटें खाली रह जाती थीं. इसीलिए मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने अब बीसीए के लिए 12वीं कक्षा में मैथ्स की अनवार्यता को समाप्त कर दिया है. वहीं एलएलबी में सामान्य विद्यार्थियों को 45 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 42 और एससी-एसटी के लिए 40 प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता रखी गई है.
स्थानीय कॉलेजों में प्रवेश पर 5 प्रतिशत का वेटेज
स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों को कॉलेज में प्रवेश लेने पर एडमिशन में पांच प्रतिशत का वेटेज दिया जाएगा. यानी छात्र ने जिस स्कूल में 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है, उसके नजदीकी कॉलेज में दाखिला लेने पर पांच प्रतिशत अधिक अंक दिए जाएंगे. जिससे दाखिला मिलना आसान होगा.
500 की जगह 150 देना होगा आवेदन शुल्क
पिछले वर्ष कॉलेज में दाखिले के लिए छात्रों से सीएलसी राउंड में 500 रु पंजीयन शुल्क लिया गया था. लेकिन इस बार इसमें भी छूट दी गई है. अब छात्रों को सीएलसी में आनलाइन पंजीयन कराने पर 150 रु शुल्क ही लिया जाएगा.
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एक मई से शुरु होगा आवेदन
कॉलेजों में प्रवेश के लिए स्नातक स्तर पर एक मई और स्नाकोत्तर स्तर पर दो मई से पंजीयन शुरु होगा. वहीं बीएड व एनसीटीई के अन्य कोर्सों के लिए पांच मई से पंजीयन शुरु होगा. इसके साथ ही अब तक चॉइस फिलिंग के दौरान छात्र 15 कालेजों का चयन कर सकते थे, अब इसकी संख्या घटाई गई है. छात्र अब 10 कॉलेजों की चॉइस फिलिंग ही कर सकेंगे.