भोपाल। भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में चंडीगढ़ से ऐसे ज्योतिषी पहुंचे, जो पेंडुलम से भविष्यवाणी करते हैं. उनका दावा है कि पेंडुलम के जरिए सिर्फ भविष्यवाणी ही नहीं की जा सकती, बल्कि इसकी मदद से कोई खोई हुई वस्तु का पता लगाया जा सकता है. इससे कई बीमारी का इलाज भी संभव है.
पेंडुलम से भविष्यवाणी संभव कैसे
चंडीगढ़ से आए ज्योतिषाचार्य आशीष वेग कहते हैं "वे कई सालों से पेंडुलम डाउजिंग के जरिए भविष्यवाणी करते आ रहे हैं. भविष्यवाणी की तमाम विद्याएं चाहें वह हस्तरेखा शास्त्र हो, जन्मुकंडली या फिर पेंडुलम डाउजिंग सभी वैदिक शास्त्र से निकली हैं. अन्य विद्याओं की तरह पेंडुलम डाउजिंग से भविष्यवाणी संभव है. इसमें भविष्य से जुड़ी बातों को जानने के लिए सवाल के जवाब सिर्फ हां या न में ही मिलते हैं. जब इसे हाथ में पकड़कर कोई सवाल करते हैं तो यह पेंडुलम अपने आप गतिमान हो जाता है. इसे इसका जवाब कहा जाता है."
पेंडुलम के मूविंग कंडीशन से लें जानकारी
ज्योतिषाचार्य आशीष वेग बताते हैं "यदि जवाब सकारात्मक है तो पेंडुलम सीधे हाथ की तरफ मूव करता है और यदि जवाब नकारात्मक है तो यह उलटे हाथ की तरफ मूव करता है. यह विद्या बहुत प्राचीन है. प्राचीन काल में जमीन के अंदर पानी खोजने में ऐसे ही यंत्र का उपयोग किया जाता था. पेंडुलम डाउजिंग आसान विद्या है. इसे कोई भी सीख सकता है. इसका सीधा संबंध अवचेतन मन से होता है. आपका दिमाग जितना शांत होगा, इसके रिजल्ट उतने ही अच्छे आएंगे और यह ध्यान और लगातार प्रैक्टिस से होता है. यदि आप पेंडुलम डाउजिंग शुरू करने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखना होगा कि पेंडुलम को आपके अलावा कोई और हाथ न लगाएं. क्योंकि यह आपके अवचेतन माइंड से जुडता है. इसके बाद इसका नामकरण करें."
हर विषय के लिए अलग पेंडुलम
ज्योतिषाचार्य आशीष वेग के अनुसार "मैंने अपने पेंडुलम का नाम भोले नाथजी रखा है. इसके नामकरण के साथ इससे सवाल पूछें, यह जवाब जरूर देंगे. वैसे पेंडुलम भी कई तरह के होते हैं. नेगेटिव ऊर्जा से जुड़े सवालों के लिए ब्लैट टॉरमोलाइन पेंडुलम का उपयोग किया जाता है. जबकि परिवार, रोजगार से जुड़े सवालों के लिए रोजकॉड पेंडुलम का उपयोग होता है. इसके अलावा भी कई तरह के पेंडुलम का उपयोग होगा है. पेंडुलम डाउजिंग हीलिंग में भी असरकारक है. इसकी ऊर्जा शरीर में किसी तरह के दर्द में राहत पहुंचाने का काम करती है."