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म्यूजियम ऑन व्हील्स, चलता फिरता म्यूजियम दे रहा संस्कृति, विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों की रोचक जानकारी - Museum on Wheels

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 23, 2024, 12:32 PM IST

म्यूजियम ऑन व्हील्स मध्य प्रदेश के अलग-अलग छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में जाकर शासकीय स्कूल के बच्चों को म्यूजियम का अनुभव करा रहा है, जिससे स्कूली बच्चे देश-विदेश की संस्कृति, हमारी विरासत और इससे जुड़ी रोचक जानकारियों को जान सकें.

MUSEUM ON WHEELS
म्यूजियम ऑन व्हील्स
म्यूजियम ऑन व्हील्स

भोपाल. अबतक आपने सुना होगा कि लोग म्यूजियम घूमने जाते हैं पर भोपाल में एक म्युजियम खुद चलकर बच्चों के स्कूल पहुंत रहा है. जी हां. हम बात कर रहे हैं म्यूजियम ऑन व्हील्स की. दरअसल, अजीम प्रेम जी संस्थान और छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय मुंबई के प्रयासों से एक चलते फिरते म्युजियम को बच्चों के स्कूलों में ले जाया जा रहा है. जिससे वे देश-विदेश की संस्कृति, हमारी विरासत और इससे जुड़ी रोचक जानकारियों को जान सकें और अनुभव भी कर सकें.

Museum on Wheels
म्यूजियम ऑन व्हील्स

जब बच्चों के स्कूल चलकर पहुंचा म्यूजियम

इसी कड़ी में सोमवार को भोपाल के बरई स्थित सीएम राइस स्कूल में म्यूजियम ऑन व्हील्स पहुंचा. नीले रंग की इस आकर्षक बस को देखकर छात्र काफी उत्साहित नजर आए. वहीं इससे भी ज्यादा रोमांचक अनुभव छात्रों को बस के अंदर जाकर हुआ. बस को स्कूल के ग्राउंड में खड़ा कर बारी-बारी से बच्चों को उनकी क्लास के अनुसार बस के अंदर बना म्यूजियम दिखाया गया. बता दें कि राजधानी में ट्राइबल म्यूजियम जैसे आकर्षक म्युजियम भी हैं और अधिकांश निजी स्कूलों के संचालक अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को म्यूजियम व साइंस हाउस घुमाते हैं लेकिन सरकारी स्कूलों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती. ऐसे में अजीम प्रेमजी ग्रुप की ओर से या व्यवस्था की गई.

Museum on Wheels
म्यूजियम ऑन व्हील्स

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गांवों-कस्बों में भी जा रहा म्यूजियम ऑन व्हील्स

यह बस मध्य प्रदेश के अलग-अलग छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में जाकर शासकीय स्कूल के बच्चों को म्यूजियम का अनुभव करा रही है. साथ ही बच्चों के साथ बातचीत कर उन्हें देश व विदेश की धरोहरों और उससे जुड़ी हुई मूर्तियों या अन्य वस्तु जो इन्हें अलग-अलग संग्रहालय से प्राप्त होती हैं, उन्हें दिखाया जाता है और उसके बारे में जानकारी दी जाती है. देश ही नहीं विदेश की भी कई ऐतिहासिक इमारत के बारे में वीडियो के माध्यम जानकारी इस बस के अंदर उपलब्ध है. इसके साथ ही देश-विदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को भी यहां दिखाया जाता है.

म्यूजियम ऑन व्हील्स के पीछे ये सोच

अपनी विरासत और संस्कृति के बारे में जागरूक बनाने के साथ-साथ अतीत की विरासत और वर्तमान समाज में इसकी प्रासंगिकता के बीच संबंध स्थापित करने के लिए ये कार्य किया जा रहा है. जिससे स्कूली छात्र हमारी विरासत और संस्कृति के बारे में बेहतर ढंग से जान पाएं और अनुभव कर पाएं.

म्यूजियम ऑन व्हील्स

भोपाल. अबतक आपने सुना होगा कि लोग म्यूजियम घूमने जाते हैं पर भोपाल में एक म्युजियम खुद चलकर बच्चों के स्कूल पहुंत रहा है. जी हां. हम बात कर रहे हैं म्यूजियम ऑन व्हील्स की. दरअसल, अजीम प्रेम जी संस्थान और छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय मुंबई के प्रयासों से एक चलते फिरते म्युजियम को बच्चों के स्कूलों में ले जाया जा रहा है. जिससे वे देश-विदेश की संस्कृति, हमारी विरासत और इससे जुड़ी रोचक जानकारियों को जान सकें और अनुभव भी कर सकें.

Museum on Wheels
म्यूजियम ऑन व्हील्स

जब बच्चों के स्कूल चलकर पहुंचा म्यूजियम

इसी कड़ी में सोमवार को भोपाल के बरई स्थित सीएम राइस स्कूल में म्यूजियम ऑन व्हील्स पहुंचा. नीले रंग की इस आकर्षक बस को देखकर छात्र काफी उत्साहित नजर आए. वहीं इससे भी ज्यादा रोमांचक अनुभव छात्रों को बस के अंदर जाकर हुआ. बस को स्कूल के ग्राउंड में खड़ा कर बारी-बारी से बच्चों को उनकी क्लास के अनुसार बस के अंदर बना म्यूजियम दिखाया गया. बता दें कि राजधानी में ट्राइबल म्यूजियम जैसे आकर्षक म्युजियम भी हैं और अधिकांश निजी स्कूलों के संचालक अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को म्यूजियम व साइंस हाउस घुमाते हैं लेकिन सरकारी स्कूलों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती. ऐसे में अजीम प्रेमजी ग्रुप की ओर से या व्यवस्था की गई.

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यह बस मध्य प्रदेश के अलग-अलग छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में जाकर शासकीय स्कूल के बच्चों को म्यूजियम का अनुभव करा रही है. साथ ही बच्चों के साथ बातचीत कर उन्हें देश व विदेश की धरोहरों और उससे जुड़ी हुई मूर्तियों या अन्य वस्तु जो इन्हें अलग-अलग संग्रहालय से प्राप्त होती हैं, उन्हें दिखाया जाता है और उसके बारे में जानकारी दी जाती है. देश ही नहीं विदेश की भी कई ऐतिहासिक इमारत के बारे में वीडियो के माध्यम जानकारी इस बस के अंदर उपलब्ध है. इसके साथ ही देश-विदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को भी यहां दिखाया जाता है.

म्यूजियम ऑन व्हील्स के पीछे ये सोच

अपनी विरासत और संस्कृति के बारे में जागरूक बनाने के साथ-साथ अतीत की विरासत और वर्तमान समाज में इसकी प्रासंगिकता के बीच संबंध स्थापित करने के लिए ये कार्य किया जा रहा है. जिससे स्कूली छात्र हमारी विरासत और संस्कृति के बारे में बेहतर ढंग से जान पाएं और अनुभव कर पाएं.

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