भोपाल। नगर निगम भोपाल ने मंगलवार को वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर दिया है. इसमें शहर के विकास कार्यों के लिए 3353 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. शहर वासियों के लिए अच्छी खबर ये है कि नए बजट में न तो कोई नया कर लगाया गया और न ही पुराने टैक्स में कोई बढ़ोत्तरी की गई है. महापौर मालती राय ने बताया कि इस बार का बजट संतुलित है. बजट में आय और व्यय बराबर रहेगा.
महापौर को 5, अध्यक्ष को 2 करोड़ और पार्षदों को 25 लाख का बजट
वर्ष 2024-25 के बजट में महापौर निधि 5 करोड़ रुपये रखी गई है. इसी प्रकार नगर निगम अध्यक्ष के लिए 2 करोड़ रुपये की निधि देने का प्रावधान है. वहीं सभी 85 वार्ड के पार्षदों को 25-25 लाख रुपये की पार्षद निधि दी गई है. इसके अलावा वार्डों से वसूले जाने वाले संपत्ति कर का 50 प्रतिशत हिस्सा भी उसी वार्ड के विकास कार्य में खर्च किए जाएंगे.
भोपाल को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए साथ आए पक्ष और विपक्ष
बजट सम्मेलन के दौरान वार्ड क्रमांक 43 से कांग्रेस पार्षद नसीम गफूर ने एमआईसी सदस्य जगदीश यादव से पूछा कि नगर निगम के सभी 85 वार्डों में कितनी गुमठियां रखी गई हैं. यह किसके आदेश पर रखी गई और इसका टैक्स क्या नगर निगम को मिलता है. इस पर भाजपा के पार्षदों ने भी समर्थन दिया और अपने वार्डों की परेशानी बताई. इसका जवाब देते हुए एमआईसी सदस्य जगदीश यादव ने कहा कि हम जल्द शहर से भी गुमठियों को उठवाएंगे. महापौर मालती राय ने कहा कि कार्रवाई के दौरान एक तरफ से गुमठियों का अतिक्रमण हटाना चाहिए.
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कर्मचारी की मृत्यु के बाद भी दे रहे हैं वेतन
वार्ड क्रमांक 35 से कांग्रेस पार्षद शिरीन खान ने बजट बैठक में पूछा कि जोन क्रमांक 7 की सफाई व्यवस्था में कितने कर्मचारियों को लगाया गया है. इसका जवाब स्वास्थ्य विभाग के एमआईसी सदस्य आरके सिंह बघेल ने दिया. इस पर कांग्रेस पार्षद ने बताया कि उनके वार्ड के सफाई सुपरवाइजर जसवंत की कुछ महीने पहले मृत्यु हो चुकी है, लेकिन अभी भी उनके खाते में वेतन जा रहा है. इसी प्रकार 4 अन्य कर्मचारी हैं, जो काम नहीं करते, लेकिन उनको वेतन दिया जा रहा है.
2024-25 के बजट में शहरवासियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
- शहर में चल रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन के लिए 400 करोड़ रुपए.
- अवैध से वैध हुई कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- पिछड़ी बस्तियों में जल संरचनाओं के विकास और सुधार के लिए 5 करोड़ रुपए.
- जलभराव को रोकने के लिए नाला-नालियों के निर्माण के लिए 35 करोड़ रुपए.
- जीर्ण-शीर्ण बस्तियों में पुनर्वास और विस्थापन कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए.
- अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय व निगम स्वामित्व की खुली भूमियों की फेंसिंग के लिए 5 करोड़ रुपए.
- तालाब, जल संरक्षण और सुधार के लिए 5 करोड़ रुपए.
- तालाब किनारे स्थित विसर्जन घाटों के विकास के लिए 2.5 करोड़ रुपए.
- मिनी स्पोर्ट्स सेंटर के लिए 5 करोड़ रुपए.
- विद्यार्थियों की सुविधा के लिए शिक्षा उपकर के माध्यम से 27.15 करोड़ रुपए.
- शहर के पार्कों के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए.
- महापुरुषों की प्रतिमाओं से संबंधित कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपए.
- छोटे व्यापारियों, पथ विक्रेताओं और ग्राहकों की सुविधा के लिए 5 करोड़ रुपये से बनेंगे हाकर्स कार्नर.
- शहर सीमा के मुख्य मार्गों पर 5 करोड़ रुपये से बनाए जाएंगे हेरिटेज द्वार.
- ट्रैफिक और चौराहों के सुधार के लिए 10 करोड़ रुपए.
- डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए 10 करोड़ रुपये से खरीदे जाएंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल.
- मुख्यमंत्री शहरी अधोसंचरना विकास योजना फेस-4 के लिए 5 करोड़ रुपए.
- नगर निगम कर्मचारियों की बेटियों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर मिलेंगे 5-5 हजार रुपए.
- शहर में 10 करोड़ रुपये से बनाए जाएंगे कन्वेंशन हाल.