भोपाल। मध्यप्रदेश के चर्चित व्यापम पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा साल 2013 के मामले में भोपाल जिला कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने 7 आरोपियों को 7-7 वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार रूपये अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है. राजधानी भोपाल के जिला न्यायालय में सीबीआई व्यापम प्रकरण के विशेष जज नीति राज सिंह सिसोदिया ने एसटीएफ भोपाल के अपराध क्रमांक 06/2014 जो कि 13 मार्च 2014 को पंजीबद्ध किया गया था. जिसमें हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सीबीआई ने अग्रिम विवेचना कर पूरक अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था. इस पूरे मामले में कुल 7 आरोपीयों को 7 साल की सजा से दंडित किया गया है.
अभ्यर्थियों की जगह बैठा था कोई और
भोपाल जिला न्यायालय में सीबीआई के लोक अभियोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि ''व्यापम द्वारा वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 7 अप्रैल 2013 को आयोजित की थी. जिसमें 5 अभ्यर्थियों मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी एवं आशीष शर्मा ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति (प्रतिरूपक) को परीक्षा में बैठाकर परीक्षा पास की थी. मुकेश रावत के स्थान पर प्रतिरूपक सुनील श्रीवास्तव ने, अजब सिंह के स्थान पर अवधेश गोस्वामी ने, वासुदेव त्यागी के स्थान पर अज्ञात प्रतिरूपक ने, सुनील त्यागी के स्थान पर अज्ञात प्रतिरूपक ने तथा आशीष शर्मा के स्थान पर अज्ञात प्रतिरूपक ने परीक्षा दी थी. परिणाम स्वरूप पाचों अभ्यार्थी पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में पास हो गए थे.
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10 साल बाद सजा आरोपियों को सजा
10 साल के बाद न्यायालय ने 75 गवाहों, लगभग 410 दस्तावेजों और कई आर्टिकल्स के आधार पर 5 अभ्यथियों मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी, आशीष शर्मा तथा 2 प्रतिरूपकों सुनील श्रीवास्ताव तथा अवधेश गोस्वामी को सजा सुनाई है. सभी को न्यायालय ने सात-सात वर्ष कठोर कारावास तथा दस-दस हजार रुपए अर्ध दण्ड से भी दण्डित किया है.