भोपाल। लंबे समय से नियुक्ति की राह देख रहे पटवारी परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश सरकार पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को जल्द ही नियुक्ति देने जा रही है. सामान्य प्रशासन विभाग ने घोषित किए गए परिणाम के आधार पर नियुक्ति दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश में कहा गया है कि होल्ड किए गए ग्रुप 2 और सब ग्रुप 4 के रिजल्ट भी जल्द ही जारी किए जाएंगे. यह परीक्षा रिजल्ट जारी होने के बाद ही विवादों में घिर गई थी, जिसके बाद तत्कालीन शिवराज सरकार ने इस परीक्षा की जांच कराने और जांच होने तक नियुक्ति पर रोक लगा दी थी.
8 माह की जांच के बाद मिली क्लीन चिट
पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 30 जून 2023 को जारी हुआ था. रिजल्ट की मेरिट लिस्ट में एक ही परीक्षा सेंटर से कई अभ्यर्थियों के नाम होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 जुलाई 2023 को ट्वीट कर नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी. इसके 6 दिन बाद सरकार ने परीक्षा की जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया था. इसकी जांच का जिम्मा जस्टिस राजेन्द्र वर्मा को सौंपा गया. 8 माह चली जांच के बाद आयोग ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. जांच में गड़बड़ी के तमाम आरोपों को क्लीन चिट दे दी है.
एक ही परीक्षा केन्द्र से सिलेक्ट होने पर उठे सवाल
परीक्षा को लेकर सबसे ज्यादा आरोप एक ही परीक्षा केन्द्र से 114 लोगों के सिलेक्ट होने को लेकर उठे थे. आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि परीक्षा के लिए 78 सेंटर बनाए गए थे. इनमें ग्वालियर का एनआरआई कॉलेज भी एक है. सिर्फ इस सेंटर से ही 114 अभ्यर्थी सिलेक्ट नहीं हुए, कई सेंटर्स से 250 से ज्यादा उम्मीदवार मेरिट में आए हैं.
कांग्रेस बोली-बेरोजगार कब तक ठगे जाएंगे
उधर परीक्षा को क्लीन चिट दिए जाने को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि ''जिसका इंतजार था, वह घड़ी आ गई. आखिरकार पटवारी भर्ती घोटाले में भ्रष्टों को क्लीन चिट मिल गई, यानी घोटाला हुआ ही नहीं? यही है भ्रटाचार को लेकर जीरो टॉलरेंट पीएम मोदी की गारंटी. आखिर युवा बेरोजगारों को कब तक ठगी का शिकार होना पड़ेगा.''
गड़बड़ी को लेकर सड़कों पर उतरे थे सैंकड़ों छात्र
गौरतलब है कि नंवबर 2022 में पटवारी सहित ग्रेड 3 के 9200 पदों के लिए कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा कराई थी. इस परीक्षा में 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था और 8617 चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट जारी हुई थी, बाकी पदों के रिजल्ट रोक दिए गए थे. परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों और परीक्षा का रिजल्ट रोके जाने के बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर उतरे थे. भोपाल, इंदौर सहित प्रदेश भर में इसको लेकर प्रदर्शन हुए. कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सीबीआई तक से जांच कराने की मांग की थी.