भोपाल: मध्य प्रदेश में बिजली बिल की भारी भरकम उधारी विभाग पर भारी पड़ रही है. मध्य प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या हजारों में हैं जिन्होंने बिजली की खपत तो जमकर की लेकिन बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा. इसके चलते मध्यप्रदेश में बकाया बिजली बिल की वसूली बढ़कर 14 हजार 733 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. ऊर्जा विभाग अब इसकी वसूली करने कमर कसकर मैदान में उतर गया है. विद्युत वितरण कंपनियों ने प्रदेश भर के कलेक्टरों को पत्र लिखा है. बकायादारों से वसूली के लिए सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं. तमाम समझाइश के बाद भी बिजली बिल न देने वालों के बिजली कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं. ऐसे लोगों की दीवाली अंधेरे में गुजर सकती है.
घरेलू उपभोक्ताओं पर सबसे ज्यादा बकाया
प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली बिल का बकाया घरेलू उपभोक्ताओं पर है. प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं से 8 हजार 631 करोड़ रुपये की बिल वसूली की जानी है. इसमें सबसे ज्यादा ग्वालियर क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ता हैं. इस क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं पर 3 हजार 513 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है. भोपाल के घरेलू उपभोक्ताओं पर 1467 करोड़, इंदौर के घरेलू उपभोक्ताओं पर 830 करोड़ रुपये की रकम बकाया है. घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा कृषि उपभोक्ताओं पर 2982 करोड़, व्यवसायिक उपभोक्ताओं पर 1282 करोड़ की वसूली की जानी है.
10 हजार से ज्यादा बकाया वालों को 15 दिन
बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए प्रदेश के सभी बिजली कंपनियां अभियान चला रही हैं. लोगों से लगातार बकाया बिल भरने की अपील के बाद अब कंपनियांं ने सख्ती करना शुरू कर दिया है. 10 हजार से ज्यादा बकाया बिजली बिल वाले उपभोक्ताओं को 15 दिन की समयसीमा दी जा रही है. बड़े बकायादारों की सूची सोशल मीडिया पर जारी की जा रही है. इसके बाद भी बिजली बिल जमा न करने पर उनके घरों की बिजली कटौती करने की तैयारी की जा रही है. जाहिर है बिजली बिल न भरने वालों की दीपावली अंधेरे में ही मनेगी.
सीधे वेतन से कटेगा बकाया बिजली बिल
विद्युत वितरण कंपनियों ने विभिन्न सरकारी विभागों में पदस्थ सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों से बकाया बिजली बिल वसूले जाने को लेकर भी सख्ती बरतना शुरू कर दी है. प्रदेश भर में सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों पर ही करीबन 30 करोड़ से ज्यादा बिजली बिल बकाया है. इसको लेकर अब बिजली कंपनियों ने 10 हजार से ज्यादा बिजली बिल की बकाया रकम वाले कर्मचारी अधिकारियों को चिन्हित किया है. उनकी जानकारी संबंधित जिलों के कलेक्टरों के माध्यम से विभागों के प्रमुख और जिला कोषालय भेजी जा रही है. बिजली बिल जमा न करने पर सीधे कर्मचारियों की सैलरी से बिजली बिल काटा जाएगा. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल के मुताबिक बिजली बिल की बकाया रकम वसूलने के लिए कंपनी के कार्यक्षेत्र के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा गया है.