भोपाल। पति-पत्नी के बीच पारिवारिक कलह सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस परिवार परामर्श केंद्र से अब लाड़लियों को मदद नहीं मिल पाएगी. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश के सभी जिलो में पुलिस द्वारा संचालित परिवार परामर्श केंद्र और महिला हेल्पलाइन को तत्काल बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं. महिलाओं के अब घरेलू विवादों की काउंसलिंग महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर में की जाएगी.
परिवार परामर्श केंद्र और महिला हेल्पलाइन बंद
पुलिस द्वारा संचालित परिवार परामर्श केन्द्र और महिला हेल्पलाइन को बंद करने के निर्देश केन्द्र सरकार ने जारी कर दिए हैं और इन्हें तत्काल बंद करने का निर्णय लोकसभा चुनावों के ठीक पहले लिया गया है. महिलाओं के अत्याचार मामलों और महिला अपराध में सहायता के मामले में ये केन्द्र बेहतर साबित हो रहे थे. मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरक्षा प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव ने इस संबंध में पुलिस उपायुक्त मुख्यालय नगरीय भोपाल, इंदौर के अलावा सभी जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर निर्देश जारी कर दिए हैं. अपने आदेश में विभाग ने पुलिस द्वारा संचालित परिवार परामर्श केंद्र और महिला हेल्पलाइन तत्काल बंद करने के लिए कहा गया है.
आरसीएच ने बंद कर दिया था वित्तीय सहयोग
भारत सरकार की स्वाधार गृह योजना अंतर्गत पुलिस विभाग द्वारा परिवार परामर्श केंद्र और महिला हेल्पलाइन प्रोजेक्ट का संचालन किया जा रहा था. एमपी के सभी जिलों में ये योजना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आरसीएच कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित हो रही थी. महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2009 से आरसीएच कार्यक्रम द्वारा एफसीसीएस को वित्तीय सहयोग देना बंद कर दिया गया है. इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के स्वाधार गृह योजना के घटक के रूप में एफसीसीएस को वित्तीय सहयोग दिया जाकर योजना को संचालित कराया गया था लेकिन भारत सरकार ने इस योजना को बंद करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल रीवा जिले में पुलिस परामर्श केंद्र हेल्पलाइन में मानसेवी काउंसलर्स को रखा गया है और उनके लंबित भत्तों के निराकरण के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
महिला थाना केंद्र में संचालित होते रहे हैं परामर्श केंद्र
अभी तक पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र प्रदेश के सभी महिला थानों में संचालित होते रहे हैं. यहांं पति-पत्नी के बीच पारिवारिक विवाद के मामलों में दोनों पक्ष और उनके परिवारों की काउंसलिंग कराई जाती है ताकि परिवार को टूटने से बचाया जा सके. हालांकि ऐसे मामलों में निर्णय नहीं निकलने पर महिला की इच्छा के बाद पुलिस कार्रवाई की जाती है. हालांकि वकीलों का मानना है कि पुलिस थानों में और पुलिस द्वारा होने वाली काउंसलिंग में दोनों पक्षों पर एक तरह का दबाव होता है जिसमें नतीजे बेहतर आने की संभावना रहती है.
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वन स्टॉप सेंटर में सुनी जाएगी फरियाद
पुलिस परिवार परामर्श केंद्र बंद किए जाने के बाद अब महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं की फरियाद सुनी जाएगी. वन स्टॉप सेंटर में भी हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए एक ही स्थान पर पुलिस डेस्क, कानूनी सहायता और काउंसिलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. एक ही जगह हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को सहायता और सहयोग की सुविधा मिलेगी. केन्द्र सरकार ने वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत भी इसी उद्देश्य से की थी.