भोपाल: राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में दो दिवसीय इंडियन रोड कांग्रेस सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्य सचिव अनुराग जैन और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह समेत पीडब्लयूडी, एमपीआरडीसी और एनएचएआई के अधिकारी कर्मचारी और इंडियन रोड कांग्रेस के सदस्य मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में सड़क सुधार, पर्यावरण प्रदूषण, ग्राउंड वाटर रिचार्ज समेत अन्य विषयों पर चर्चा की.
सीएस अनुराग जैन की इसलिए हुई तारीफ
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, ''हमारे देश में अधिकारी एक दूसरे से काम को लेकर बात नहीं करते हैं. इसीलिए एक ही काम को चार-चार लोग अलग-अलग करते हैं. रेलवे अलग काम कर रहा है, हम अलग काम कर रहे हैं, तो तीसरा और चौथा कुछ अलग काम करते हैं. लेकिन मुख्य सचिव अनुराग जैन का देश के लिए योगदान है, जो उन्होंने गतिशक्ति जैसा प्लेटफार्म तैयार किया. इसके कारण अब हम सब समझ जाते हैं. इसीलिए उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आप लोग भी अपने राज्यों में गतिशक्ति को लेकर जाइए.''
📍𝐁𝐡𝐨𝐩𝐚𝐥 | Live from Seminar on Emerging Trends & Technologies in Road & Bridge Construction and EPC Contract Execution.
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डीपीआर बनाने वालों को मिलना चाहिए पद्मश्री
नितिन गडकरी ने कहा कि, ''एक बार में हवाई सफर पर था. तब मुझे दिल्ली से मदुरै- चेन्नई एक्सप्रेस हाइवे पर तीन बड़े-बड़े टावर खड़े हुए दिखाई दिए. उनको हटाने के लिए 300 से 400 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इस दौरान मेरे साथ मध्यप्रदेश के एक अधिकारी बैठे थे, जो अब रिटायर हो गए हैं. मैंने उनसे कहा कि पांडे जी तुमने तो आईआईटी पास किया है. तुमको समझ नहीं आता कि यदि तुम थोड़ा सा रास्ता सरका देते तो ये 300-400 करोड़ रुपये क्यों खर्चा होते. उन्होंने कहा कि आप सही हैं, लेकिन डीपीआर वालों ने ये गलती कर दी.'' गडकरी ने कहा कि, ''डीपीआर वाले तो इतने महान लोग हैं कि एक-एक जन को पद्मश्री मिलना चाहिए. यानि जितने गंदे काम हो सकते हैं इंजीनियरिंग पाइंट आफ व्यू से. ये लोग घर पर बैठकर गूगल पर ही काम कर लेते हैं.'' उन्होंने कहा कि, ''मुझे माफ करना यदि उनमें से कोई यहां बैठा हो.''
प्रदेश की उन्नति का आधार, सड़कों का विस्तार...
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आज रवीन्द्र भवन, भोपाल में माननीय केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी की गरिमामय उपस्थिति में " सड़क और पुल निर्माण में नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों" पर आधारित दो दिवसीय सेमिनार कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन… pic.twitter.com/mWVrqkIb0f
सीएम और सीएस को गडकरी ने दी सलाह
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, ''काम इसलिए लेट होता है क्योंकि डीपीआर में परफेक्शन नहीं होता. पहले डीपीआर गलत बनता है, फिर एलायनमेंट गलत बनता है. यही करते-करते हमारा समय निकल जाता है. डीपीआर बनाने वाले साइट पर जाकर क्यों नहीं देखते कि कहां मंदिर आ रहा है, कहां मस्जिद आ रही है. फिर बाद में मस्जिद और मंदिर तक पहुंचने के बाद रोड का काम रोक देते हैं. फिर हमारे पास आते हैं कि रास्ता कहां से निकालें. अरे पहले ध्यान आता तो बाजू से निकाल ले जाते. लेकिन ऐसा गूगल पर बैठकर काम करने से होता है.'' गडकरी ने सीएम यादव और सीएस अनुराग जैन से कहा कि, ''आपके यहां भी आईआईटी होगी और अन्य इंजीनियरिंग कालेज भी होंगे. इससे सिविल इंजीनियिरिंग डिपार्टमेंट के बच्चों को भी कुछ काम मिल जाएगा. इनसे कहिए कि डीपीआर चेक करो और ये डीपीआर चेक होगा तो बहुत सी गलतियां पकड़ में आ जाएंगी.''
टेक्नोलॉजी में इनोवेशन नई संभावनाओं का द्वार खोलती है...
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- माननीय केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी जी @nitin_gadkari pic.twitter.com/xPABzJtuPo
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सीएम यादव ने बड़े तालाब को बताया इंजीनियरिंग का अजूबा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि, ''हम नई तकनीकी के साथ पुरानी विधाओं का भी इस्तेमाल करें.'' उन्होंने कहा कि बड़ा तालाब भी इंजीनियरिंग का बड़ा नमूना है. आजकल जो डेम बनते हैं. उनकी धार पूरी तरह रोक दी जाती है. लेकिन हजारों साल पहले बड़े तालाब को बनाने के दौरान उत्कृष्ठ तकनीकी का इस्तेमाल किया गया. इसमें मुख्य धारा को रोकने के लिए चट्टानों का इस्तेमाल किया गया.'' वहीं पीडब्लयूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि, ''हम सड़क बनाने में काफी नवाचार कर रहे हैं. यह ध्यान दिया जा रहा है कि सड़क बनने के दौरान और बाद में प्रदूषण भी कम हो. हम सड़क बनाने के लिए ट्री कटिंग के बजाय ट्री शिफ्टिंग पर काम कर रहे हैं.''
हमारा बड़ा तालाब राजा भोज के काल की नवीन तकनीक का एक बेहतर उदाहरण है। pic.twitter.com/Z3EVblSZaw
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