भोपाल: मध्य प्रदेश में लोगों द्वारा खरीदी जाने वाले जमीनों का पूरा रिकॉर्ड आयकर विभाग तक पहुंचेगा. देश में पहली बार मध्य प्रदेश में पंजीयन व्यवस्था को अपडेट करते हुए संपदा 2.0 लॉच किया गया है. पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के इस नए सॉफ्टवेयर संपदा 2.0 को आयकर विभाग, जीएसटी सहित आधा दर्जन विभागों से लिंक किया है. इस नए सॉफ्टवेयर की मदद से आम लोग जहां घर बैठे भूमि-भवन की रजिस्ट्री करा सकेंगे. वहीं रजिस्ट्री के बाद इसकी कॉपी सीधे खरीददार के व्हॉट्सअप, ईमेल और डिजी लॉकर पर मिल जाएगी. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संपदा 2.0 को लॉच किया.
संपदा 2.0 में क्या बदला गया
संपदा 1.0 को 9 साल पहले शुरू किया गया था. अब संपदा 2.0 शुरू किया गया है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि 'अभी कुछ दिन संपदा 1 चलता रहेगा. संपदा 1.0 और संपदा 2.0 के बीच का अंतर भी उन्होंने बताए. संपदा 1.0 - इस सॉफ्टवेयर से पहले सिर्फ राजस्व और वित्त विभाग ही जुड़े हुए थे. संपदा 2.0 से आयकर विभाग, जीएसटी, नगरीय आवास एवं विकास विभाग, राजस्व, पंचायत विभाग के अलावा इसे आधार से भी जोड़ा गया है. संपदा 1 में पहले सिर्फ सर्विस प्रोवाइडर ही ई स्टांप जारी कर सकते थे, लेकिन संपदा 2.0 में आम आदमी भी खुद ई स्टांप जारी कर सकेगा.
संपदा 2.0 को आधार से जोड़ा गया है. रजिस्ट्री के समय अब दो गवाहों की जरूरत नहीं पड़ेगी. संपदा 2.0 में रजिस्ट्री की कॉपी के लिए पंजीयन कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. अब रजिस्ट्री सीधे व्हाट्सअप, डिजी लॉकर और ईमेल पर मिल सकेगा. संपदा 2.0 का मोबाइल एप भी लॉच किया गया है. अब इस मोबाइल एप के जरिए किसी भी लोकेशन की कलेक्टर गाइडलाइन देखी जा सकेगी.
यहां पढ़ें... रजिस्ट्री कराने के नियम बदल गए, 10 अक्टूबर से मध्य प्रदेश में नए रूल्स मोहन सरकार ने किए लागू |
मुख्यमंत्री बोले-अंगूठा ही लगाना होगा
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संपदा 2.0 लॉच किया है. पहले दिन हॉगकॉग में लॉ फर्म चलाने वाले मध्य प्रदेश के सुरेन्द्र सिंह चंद्राकर ने ऑनलाइन पॉवर ऑफ अटॉर्नी कराई. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 'तकनीक का कमाल देखिए अब घर बैठे रजिस्ट्री करा सकेंगे. इससे न सिर्फ पारदर्शिता आएगी, बल्कि लोगों को दफ्तरों के चक्कर भी नहीं काटने होंगे. मुख्यमंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा कि वैसे तकनीक भले ही बदल गई हो, लेकिन रजिस्ट्री के समय पहले भी अंगूठा लगाना पड़ता था और अब भी आधार वैरीफिकेशन के समय अंगूठा लगाना पड़ेगा.'