भोपाल: मोहन यादव सरकार ने सिविल सेवा में महिलाओं को मिलने वाले कोटे में बढ़ोत्तरी की है. मंगलवार को मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. दरअसल अब तक सिविल सेवा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता था लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है. प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि महिलाओं को पीएससी और ईएसबी यानि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की जाने वाली भर्तियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
पीएससी के खाली पदों पर जल्द होंगी नियुक्तियां
राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि सीएम डॉ मोहन यादव ने समाज कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग और वन विभाग समेत अन्य विभागों से पीएससी से भरे जाने वाले पदों की जानकारी मांगी है. क्योंकि प्रदेश में बड़ी संख्या में पीएससी से भरे जाने वाले पद खाली हैं. अब सरकार इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरु करने जा रही है. सीएम ने इसीलिए विभागों से तय समय सीमा में खाली पदों की जानकारी देने के लिए कहा है.
विधानसभा चुनाव से पहले की गई थी घोषणा
बता दें कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 से पहले शिवराज सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी. इसके तहत एससी कैटेगरी की महिलाओं को 16, एसटी की 20, ओबीसी 14 और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत वैकेंसी रिजर्व होंगी. बाकी 40 प्रतिशत पदों पर जनरल कैटेगरी की महिलाओं को रिजर्वेशन के हिसाब से 35 प्रतिशत वैकेंसी रिजर्व की जाएंगी. अब जिस विभाग में जितनी रिजर्व सीटें होंगी, उसी के मुताबिक महिलाओं को रिजर्वेशन मिलेगा.
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दो तरह से मिलता है नौकरी में रिजर्वेशन
देश में अभी 2 तरह से नौकरियों में आरक्षण मिलता है. इसमें पहला वर्टिकल रिर्वेशन यानि जो स्पेशिफाइड कैटेगरी जैसे एससी, एसटी और ओबीसी पर लागू होता है. वहीं दूसरा हॉरिजोंटनल रिजर्वेशन जो महिलाओं को, बुजुर्गों, ट्रांसजेंडर और विकलांगों को दिया जाता है. राज्य सरकार का मानना है कि महिलाओं के लिए सिविल सेवा में 33 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत कोटा करने पर उन्हें प्रशासन में ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा.