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बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के युवाओं की बनेगी नई बटालियन, मोहन सरकार देगी नौकरी - Mohan Govt Announcement PVTG

मध्य प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए मोहन सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. अब बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के लिए अलग से बटालियन बनाई जाएगी. पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को राज्य सरकार पुलिस, सेना एवं होमगार्ड में भर्ती कराने के लिए प्रशिक्षण भी देगी.

MOHAN GOVT ANNOUNCEMENT PVTG
मोहन सरकार का पिछड़ी जनजातियों के लिए बड़ा ऐलान (GettyImages)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 24, 2024, 10:35 PM IST

Updated : Sep 25, 2024, 11:27 AM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल सरकार अब बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के लिए अलग से बटालियन बनाने की योजना बना रही है. इसको लेकर सीएम डॉ मोहन यादव ने भी स्वीकृती दे दी है. वहीं विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को राज्य सरकार पुलिस, सेना एवं होमगार्ड में भर्ती कराने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. यह काम जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शौर्य संकल्प योजना के तहत किया जाएगा. इसके लिए योजना तैयार की जा रही है.

सीएम ने पीवीजीटी बटालियन बनाने के दिए निर्देश

सीएम मोहन यादव ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के युवाओं को रोजगार एवं सेवा से जोड़ने के लिए पीवीटीजी बटालियन बनाने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति पीवीटीजी समूह में आती हैं. अब इन जनजातियों के साथ अनुसूचित जाति और जनजातियों के युवाओं को भी जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ऑर्म्ड फोर्स में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके तहत युवा नेवी, आर्मी, एयरफोर्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, पुलिस, होमगार्ड और अन्य निजी सुरक्षा एजेंसियों में भर्ती के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा.

6 जिलों में काम कर रहा बैगा विकास प्राधिकरण

वर्तमान में बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के लिए विभिन्न विकास प्राधिकरण बनाए गए हैं. बैगा विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 6 जिले आते हैं. इनमें मंडला, शहडोल, बालाघाट, उमरिया, डिंडौरी एवं अनूपपुर शामिल है. इसी तरह भारिया विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में छिंदवाड़ा के तामिया विकासखंड के पातालकोट के 12 गांव आते हैं. वहीं सहरिया विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 8 जिले श्योपुरकला, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, ग्वालियर एवं दतिया आते हैं. इन 3 प्राधिकरण द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं.

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पिछड़ी जनजातियों को सरकार दे रही आहार अनुदान

राज्य सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातिय समूहों को मध्यप्रदेश में आहार अनुदान भी दिया जाता है. इन समूहों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार द्वारा बैगा, भारिया एवं सहरिया परिवारों की महिला मुखिया के बैंक खातों में 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2024 के बीच 2,18,563 हितग्राहियों के खातों में राज्य सरकार द्वारा 180 करोड़ रुपये का आहार अनुदान जारी किया गया है.

भोपाल: मध्य प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल सरकार अब बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के लिए अलग से बटालियन बनाने की योजना बना रही है. इसको लेकर सीएम डॉ मोहन यादव ने भी स्वीकृती दे दी है. वहीं विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को राज्य सरकार पुलिस, सेना एवं होमगार्ड में भर्ती कराने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. यह काम जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शौर्य संकल्प योजना के तहत किया जाएगा. इसके लिए योजना तैयार की जा रही है.

सीएम ने पीवीजीटी बटालियन बनाने के दिए निर्देश

सीएम मोहन यादव ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के युवाओं को रोजगार एवं सेवा से जोड़ने के लिए पीवीटीजी बटालियन बनाने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति पीवीटीजी समूह में आती हैं. अब इन जनजातियों के साथ अनुसूचित जाति और जनजातियों के युवाओं को भी जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ऑर्म्ड फोर्स में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके तहत युवा नेवी, आर्मी, एयरफोर्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, पुलिस, होमगार्ड और अन्य निजी सुरक्षा एजेंसियों में भर्ती के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा.

6 जिलों में काम कर रहा बैगा विकास प्राधिकरण

वर्तमान में बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों के लिए विभिन्न विकास प्राधिकरण बनाए गए हैं. बैगा विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 6 जिले आते हैं. इनमें मंडला, शहडोल, बालाघाट, उमरिया, डिंडौरी एवं अनूपपुर शामिल है. इसी तरह भारिया विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में छिंदवाड़ा के तामिया विकासखंड के पातालकोट के 12 गांव आते हैं. वहीं सहरिया विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में 8 जिले श्योपुरकला, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, ग्वालियर एवं दतिया आते हैं. इन 3 प्राधिकरण द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं.

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पिछड़ी जनजातियों को सरकार दे रही आहार अनुदान

राज्य सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातिय समूहों को मध्यप्रदेश में आहार अनुदान भी दिया जाता है. इन समूहों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार द्वारा बैगा, भारिया एवं सहरिया परिवारों की महिला मुखिया के बैंक खातों में 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2024 के बीच 2,18,563 हितग्राहियों के खातों में राज्य सरकार द्वारा 180 करोड़ रुपये का आहार अनुदान जारी किया गया है.

Last Updated : Sep 25, 2024, 11:27 AM IST
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