भोपाल। एमपी की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल ये नहीं कि कमलनाथ राज्यसभा जाएंगे या नहीं....सवाल ये है कि क्या कमलनाथ अपनी सियासी पारी के आखिरी पड़ाव में कमल खिलाने बीजेपी में जा सकते हैं? कांग्रेस के भांडेर विधानसभा सीट से विधायक और अपने अलग अलग दावों के लिए चर्चित रहे नेता फूलसिंह बरैया का नया दावा ये है कि कमलनाथ किसी कीमत पर बीजेपी में नहीं जाएंगे. बाकी उनके राज्यसभा में जाने को लेकर जो अटकले हैं उन पर कांग्रेस की उस रणनीति ने ही विराम लगा दिया है जिसमें देश भर की प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने हाईकमान को ये प्रस्ताव भेजा है कि, उनके प्रदेश से कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को राज्यसभा भेजा जाए. जानकारी के मुताबिक एमपी से भी इस तरह का प्रस्ताव भेजा गया है.
कमलनाथ को लेकर कांग्रेस विधायक का दावा
कांग्रेस से बीजेपी चलो की जो आंधी चल रही है जिसमें हर दिन मेयर से लेकर पूर्व जिलाध्यक्ष तक बड़ी तादात में दल बदल हो रहा है. क्या इस आंधी में कुछ बड़े दिग्गज भी उखड़ सकते हैं. सबसे ज्यादा चर्चा कमलनाथ को लेकर हैं. हालांकि कमलनाथ खुद इसे अफवाह बता चुके हैं. और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान काबिल ए गौर जिसमें उन्होंने कमलनाथ को बासी फल बताते हुआ कहा था कि लेंगे तो ताजा फल लेंगे. सवाल ये है कि आखिर कमलनाथ बीजेपी में क्यों जाएंगे. बताया जा रहा है कि राज्यसभा के लिए ये कमलनाथ की प्रेशर टैक्टिक्स हो सकती है. हालांकि कांग्रेस के विधायक फूल सिंह बरैया ने दावा किया है कि ''कमलनाथ के बीजेपी में जाने की संभावनाएं शून्य हैं.'' उनका कहना है कि ये सबकुछ बीजेपी की राजनीति का हिस्सा है जिसमें आम चुनाव से पहले माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है.''
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क्या कमलनाथ जा पाएंगे राज्यसभा
सियासी गलियारों में दूसरा सबसे बड़ा सवाल है कि क्या कमलनाथ राज्यसभा जा सकते हैं. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजे जाने का प्रस्ताव रखा है. खबर एमपी को लेकर भी है कि यहां से भी ये बात हाईकमान तक पहुचाई गई है कि कांग्रेस के खाते में आ रही एक सीट से कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सोनिया गाधी का नाम आगे बढ़ाया जाए. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, इससे कांग्रेस एक तीर से कई शिकार कर सकती है. असल में सोनिया गांधी का नाम अगर पार्टी संगठन यहां से बढ़ा देता है तो फिर किसी और नाम के लिए सभावनाएं लगभग खत्म ही हो जाएंगी. बाकी कमलनाथ का नाम इस दौड़ में यूं भी मजबूत नहीं है कि 2023 के चुनाव में भी पार्टी ने उन्हे फ्री हैंड ही दिया. जिसका नतीजा सामने हैं. पार्टी अब उन्हे और इंटरटेन करने की कैपेसिटी में नहीं है.