भोपाल। एमपी के हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के एक महीने बाद भी जिला प्रशासन हादसे की पूरी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाया है. जिला प्रशासन ने जो रिपोर्ट श्रम मंत्रालय को सौंपी है. उसमें फैक्ट्री में काम करने वाले सिर्फ 32 मजदूरों का ही जिक्र है. मध्य प्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने यह रिपोर्ट वापस लौटाते हुए, जिला प्रशासन पर कड़ी फटकार लगाई. प्रहलाद पटेल ने बताया कि 'रिपोर्ट में मजदूरों से ज्यादा आसपास के लोगों का जिक्र है. जबकि सिर्फ 32 मजदूरों के काम करने की बात सामने आई है. मंत्री ने रिपोर्ट लौटाते हुए दोबारा पूरे और सही आंकडों के साथ जांच और रिपोर्ट करने के आदेश दिये हैं'.
25 प्रतिशत बढ़ने जा रही मजदूरी की दर
राष्ट्रीय मजदूर दिवस से पहले मध्य प्रदेश का श्रम विभाग प्रदेश के मजदूरों को बड़ी सौगात देने जा रहा है. मध्य प्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने समस्त औद्योगिक एवं असंगठित श्रमिकों को 25 फीसदी अधिक मजदूरी देने की घोषणा की है. सभी मजदूरी को बड़ी हुई दर 1 अप्रैल से मिलेगी. सरकार ने 2014 के बाद यह पैसा बढ़ाया है. श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश में मजदूरी की दर 25 प्रतिशत बढ़ने जा रही है. साथ ही राज्य सरकार नई भर्ती का रास्ता भी खोलने जा रही है.
राज्य सरकार नई भर्ती का रास्ता भी खोलने जा रही है. वहीं राजधानी भोपाल में जीवित लोगों को संबल योजना का लाभ मिलने पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की गई है. सरकार रिकवरी की भी तैयारी में हैं.
देश में घुसपैठिए स्वीकार नहीं
वहीं देश में सीएए लागू होने को लेकर कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि 'इस देश में घुसपैठिए स्वीकार नहीं है, यह किसी के अधिकार या नागरिकता छीनने का अधिकार नहीं है. यह नागरिकता देने का अधिकार है. इससे साबित होता है कि इस देश में घुसपैठिए स्वीकार नहीं है, लेकिन शरणार्थियों को पर्याप्त सम्मान है. यह भारत भूमि का मूल तत्व है. मंत्री ने कहा कि यह हमारी विरासत को मजबूत करने का कदम है.' वहीं श्रम मंत्री ने मध्य प्रदेश में मजदूरों को सौगात देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि मजदूरी की दर को 25 प्रतिशत बढ़ाई जाएगी. असंगठित क्षेत्र में मजदूरी की दर बढ़ेगी. मंत्री ने जानकारी में बताया कि 2014 से मजदूरी नहीं बढ़ी है. साथ ही भर्ती का रास्ता भी खुलेगा. अब श्रमिकों को मजदूरी इस तरह मिलेगी.
अकुशल श्रमिकों को 11450
अर्ध कुशल श्रमिकों को 12446
खेतिहर मजदूरों को 916 रुपए मासिक
हर 5 साल में रिवीजन करने का प्रावधान है. मध्य प्रदेश में 2014 के बाद मजदूरी नहीं बढ़ी थी.