भोपाल: वर्तमान में कांग्रेस को न केवल सत्ताधारी दल से लड़ना पड़ रहा है, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं से भी लड़ना पड़ रहा है. सत्ताधारी दल जिस तरह से अलग-अलग स्वायत्त और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं ऐसा पहली बार हो रहा है. संवैधानिक संस्थाएं सत्ताधारी दल से लड़ने के लिए विपक्ष का टूल हो सकती हैं.
ये संस्थाएं अलग-अलग तरीके से जनता का दमन कर रही हैं. लेकिन कांग्रेस पीड़ितों को अकेला नहीं छोड़ना चाहती. हम हर मोर्चे पर उनको न्याय दिलाने के लिए साथ खड़े हैं. यह बात प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता मीनाक्षी नटराजन ने कही.
'यह राजनीतिक इतिहास में पहली घटना'
सीहोर के आष्टा में कारोबारी दंपत्ति की आत्महत्या को लेकर मीनाक्षी नटराजन ने कहा "इस मामले में जो कुछ सामने आया है, वह दुखद है. जिस तरह से एक राजनीतिक पार्टी के लीडर के प्रति प्रेम और विश्वास की वजह से टॉर्चर किया गया है. यह भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली घटना है. सुसाइड नोट में जिस बात का जिक्र है, वह टॉर्चर करने वाला है." नटराजन ने कहा "उन्हें भरोसा है कि जिस तरह से हाथरस की घटना 3 साल तक उन्होंने (राहुल गांधी) याद रखी और बाद में पीड़ित परिवार से मिलने गए. इसी तरह आष्टा की घटना के मामले में भी राहुल गांधी ध्यान देंगे."
'दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध मध्य प्रदेश में'
मीनाक्षी नटराजन ने कहा, "मध्य प्रदेश में दलित आबादी 30 प्रतिशत है. जबकि देश में 8 से 10 प्रतिशत है. यानी पूरे देश की बात करें तो सबसे अधिक दलित आबादी मध्य प्रदेश में ही है. लेकिन यहां देश में दलितों के खिलाफ हो रहे अपराधों में 29 फीसदी हिस्सा है. वहीं देश में दलितों के खिलाफ पिछले एक साल में 50 हजार अपराध हुए, इसमें 15 फीसदी अकेले मध्य प्रदेश में हुए." नटराजन ने कहा कि "जो मानव विकास सूचकांक होता है, उसमें मध्य प्रदेश देश के 30 राज्यों में 27वें नंबर पर है."
- मध्य प्रदेश में 16 दिसंबर को कांग्रेस का बड़ा घेराव, जीतू पटवारी इन मुद्दों पर सरकार से पूछेंगे सवाल
- "तुम्हारी छाती पर पांव रखकर राम और कृष्ण की बात सुनाएंगे", शहडोल में गरजे मोहन यादव
'परीक्षाएं पारदर्शी होनी चाहिए'
मीनाक्षी नटराजन प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रही थीं. उसी समय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा एक छात्र कांफ्रेंस हॉल में आ गया. उसने नटराजन से कहा "अभी कल ही एक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया. जिसमें नॉर्मलाइजेशन के कारण एक बच्चे का 100 में से 101 नंबर आया है. ऐसे छात्रों के इंस्टीट्यूट में कम नंबर आ रहे हैं, जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिक नंबर आ रहे हैं. ये ऐसे छात्र हैं, जिनके संबंध बड़े नेताओं से हैं.
इसी नॉर्मलाइजेशन के कारण बिहार में आंदोलन हुआ." छात्र ने आगे कहा "प्रदेश में 2019 के बाद से जो पीएससी के एग्जाम हो रहे हैं. उसमें छात्रों को कॉपियां नहीं दिखाई जा रही हैं. जबकि छत्तीसगढ़ में पीएससी की कापियां दिखाने के बाद आपकी (कांग्रेस) की सरकार गिर गई. यहां भी आप लोग इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते." इस मामले में नटराजन ने कहा "कांग्रेस हमेशा से कमिटेड रही है कि परीक्षाएं पारदर्शी हों. फिर छात्र को शांत करते हुए नटराजन ने कहा कि हम प्रेस वार्ता के बाद बात करते हैं.