भोपाल. भोपाल में रहने वाले एक 46 वर्षीय युवक को बीते 6 सालों से नींद नहीं आ रही थी. पूरी रात वह करवट बदलकर बिता देता था. इससे उसे अन्य परेशानियां भी होने लगी थी. इस बीमारी का कई अस्पतालों में इलाज भी करवाया, नींद की दवाएं भी ली. लेकिन कोई असर नहीं हुआ. इसके बाद एम्स के आयुष विभाग ने अलग तरीके से इस मरीज का इलाज किया, जिसके बाद उसकी 6 साल की बीमारी 3 महीनों में ही ठीक हो गई.
तीन महीने में ठीक हो गई बीमारी
मरीज जब तक दवा खाता तब तक तो ठीक था पर बाद में फिर वही समस्या होने लगती थी. उसने डॉक्टर्स को बताया कि वह लगभग 6 सालों से जैसे सोया ही नहीं. इसके बाद उसने आयुष विभाग के ओपीडी में डॉ. दानिश जावेद को दिखाया. डॉक्टर ने मरीज को शिरोधारा करवाने की सलाह दी. जिससे केवल एक महीने के इलाज के बाद ही मरीज की स्थिति में काफी बदलाव आने लगा. लगभग 3 महीने चले इलाज के बाद मरीज को रात में अच्छे से नींद आने लगी और अनिद्रा की बीमारी दूर हो गई.
आयुर्वेदिक उपचार है शिरोधारा
शिरोधारा एक आयुर्वेदिक उपचार तकनीक है, जिसमें रोगी के माथे पर औषधीय तेल, दूध या छाछ गिराया जाता है. शिरोधारा दो संस्कृत शब्दों शिरो (सिर) और धारा (प्रवाह) से बना है. जिसमें रोगी के माथे पर तरल आमतौर पर तेल, दूध, छाछ, या पानी डालना शामिल है.
इस प्रकार किया जाता है इलाज
शिरोधारा शरीर, खोपड़ी या सिर की मालिश के साथ किया जाता है. यह जड़ी-बूटियों से संसाधित तेल, दूध या छाछ ऐसे बर्तन में डाल दिया जाता है, जिसके नीचे बीच में एक छोटा-सा छेद होता है, उसी छेद से तेल माथे पर (दोनों आई-ब्रो के बीच) गिराया जाता है. आखों को बचाने के लिए उसे पट्टी से ढंक दिया जाता है. शिरोधारा का शरीर और दिमाग पर आरामदायक, सुखदायक और शांत प्रभाव पड़ता है.
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शिरोधारा के और भी कई लाभ
शोध में पता चला है कि शिरोधारा थकान कम करता है, नींद संबंधी समस्यों में फायदेमंद, सिरदर्द में सुधार, तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है. यह एकाग्रता में सुधार करता है और ब्लड प्रेशर को कम करने में भी सहायक है. एम्स के आयुष विभाग में बीते एक माह में 70 से अधिक मरीजों का इलाज शिरोधारा से किया गया है.