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लाउड हुआ मध्य प्रदेश लाउड स्पीकर विवाद! IAS शैलबाला का मंदिरों के स्पीकर पर सवाल

मध्य प्रदेश में लाउड स्पीकर पर सियासत तेज हो गई है. आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने इसे लेकर ट्विटर पर सवाल उठाए.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

IAS Shailbala Martin Loud Speaker Ban
IAS अधिकारी के ट्वीट से एमपी में फिर मचा बवाल (ETV Bharat)

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार में सीनियर आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकरों को लेकर सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि प्रदेश की मोहन सरकार ने सत्ता में आने के बाद ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए धार्मिक स्थलों को निर्देश दिए थे. जिसके बाद सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासत हुई थी. अब सीनियर आईएएस ने इस मुद्दे पर सवाल उठाकर इसे फिर गर्मा दिया है. शैलबाला मार्टिन सामान्य प्रशासन विभाग में एडिशनल सेक्रेटरी हैं. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट से मंदिरों और मस्जिदों पर लाउड स्पीकरों के उपयोग किए जाने को लेकर प्रश्न खड़े किए हैं.

आईएएस अधिकारी ने ऐसा क्या लिख दिया?

आईएएस शैलबाला मार्टिन ने एक पत्रकार के ट्वीट पर जवाब दिया है. जब पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने ट्वीट कर धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकरों के उपयोग पर सवाल उठाते हुए लिखा, "तर्क ये दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउड स्पीकर से अजान की आवाजें जब लोगों को डिस्टर्ब करती हैं तो मस्जिदों के सामने डीजे बजाने में परेशानी क्यों होना चाहिए? लेकिन डीजेवादियों से एक सवाल है कि अगर मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या डीजे और नारेबाजी बंद हो जाएगी? क्योंकि इस धार्मिक प्रतिद्वंद्विता के पीछे राजनीति है, वह इसे रूकने नहीं देगी."

इस पर पर आईएएस शैलबाला मार्टिन ने जवाब में लिखा, ''और मंदिरों पर लगे लाउड स्पीकर जो कई-कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता?''

यहां पढ़ें...

मंदिर-मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर पर लाउड हुए दिग्विजय, क्यों लिखा CM मोहन को लेटर

खंडवा में लाउड स्पीकर विवाद, जिला प्रशासन के साथ बैठक में क्यों गुस्साए शहर काजी

मध्य प्रदेश में लाउड स्पीकर अभियान

प्रदेश में बीजेपी की मोहन सरकार आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके बाद प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकरों की ध्वनि को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाया गया. हालांकि, इसे लेकर जमकर राजनीति भी गरमाई. उधर भोपाल में दुर्गा विसर्जन के दौरान भी 90 से ज्यादा डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार में सीनियर आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकरों को लेकर सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि प्रदेश की मोहन सरकार ने सत्ता में आने के बाद ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए धार्मिक स्थलों को निर्देश दिए थे. जिसके बाद सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासत हुई थी. अब सीनियर आईएएस ने इस मुद्दे पर सवाल उठाकर इसे फिर गर्मा दिया है. शैलबाला मार्टिन सामान्य प्रशासन विभाग में एडिशनल सेक्रेटरी हैं. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट से मंदिरों और मस्जिदों पर लाउड स्पीकरों के उपयोग किए जाने को लेकर प्रश्न खड़े किए हैं.

आईएएस अधिकारी ने ऐसा क्या लिख दिया?

आईएएस शैलबाला मार्टिन ने एक पत्रकार के ट्वीट पर जवाब दिया है. जब पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने ट्वीट कर धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकरों के उपयोग पर सवाल उठाते हुए लिखा, "तर्क ये दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउड स्पीकर से अजान की आवाजें जब लोगों को डिस्टर्ब करती हैं तो मस्जिदों के सामने डीजे बजाने में परेशानी क्यों होना चाहिए? लेकिन डीजेवादियों से एक सवाल है कि अगर मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या डीजे और नारेबाजी बंद हो जाएगी? क्योंकि इस धार्मिक प्रतिद्वंद्विता के पीछे राजनीति है, वह इसे रूकने नहीं देगी."

इस पर पर आईएएस शैलबाला मार्टिन ने जवाब में लिखा, ''और मंदिरों पर लगे लाउड स्पीकर जो कई-कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता?''

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मध्य प्रदेश में लाउड स्पीकर अभियान

प्रदेश में बीजेपी की मोहन सरकार आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके बाद प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकरों की ध्वनि को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाया गया. हालांकि, इसे लेकर जमकर राजनीति भी गरमाई. उधर भोपाल में दुर्गा विसर्जन के दौरान भी 90 से ज्यादा डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

Last Updated : 1 hours ago
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