भोपाल: नियमितीकरण की मांग को लेकर एक बार फिर मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को राजधानी में एकजुट हुए. अपनी मांगों को लेकर अतिथियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया. इधर मामला बिगड़ता देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अतिथि शिक्षकों को गोली चलाने की चेतवानी भी दी, लेकिन इसका भी असर नहीं हुआ. हालांकि इस दौरान धक्का-मुक्की और धूप के कारण कुछ अतिथि शिक्षक बेहोश हो गए तो कुछ की तबीयत बिगड़ गई. इन अतिथियों को इलाज के लिए जेपी अस्पताल ले जाया गया.
आमरण अनशन पर बैठेंगे
अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि 'पिछली बार सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों को गुमराह किया गया था. अब इस बार हम नियमितीकरण का आदेश लेकर जाएंगे. यदि सरकार जल्द अपना पक्ष नहीं रखती तो हम आमरण अनशन पर बैंठेंगे. केसी पवार ने कहा कि हमारे साथ हजारों अतिथि शिक्षक भोपाल आए हैं. सबकी यही मांग है. इधर तेज गर्मी और धूप के कारण लोगों की तबीयत बिगड़ रही है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़. रहा है, लेकिन हमारी मांग जब तक पूरी नहीं होगी, हम यहीं डटे रहेंगे.'
शिक्षा मंत्री के बयान से भड़का आक्रोश
बता दें कि इसके पहले 10 सितंबर 2024 को भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने बड़ा आंदोलन किया था. जिसके बाद अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल से बातचीत के लिए शिक्षा राव उदय प्रताप सिंह ने बुलाया था. यहां मंत्री ने पहले ही कह दिया कि आप लोग महापंचायत की घोषणाओं को भूल जाओ, आज की बात करो. शिक्षा मंत्री का ये बयान जैसे ही अतिथि शिक्षकों तक पहुंचा बवाल मच गया. वहीं इसके कुछ दिन बाद फिर शिक्षा मंत्री ने नियमितीकरण को लेकर एक बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि अतिथि हैं, तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे. उनके इस बयान ने अतिथि शिक्षकों के लिए आगे में घी डालने का काम किया. हालांकि दो दिन बाद शिक्षा मंत्री ने अपनी बात वापस ले ली, लेकिन तब से गांधी जयंती पर महाआंदोलन की तैयारी शुरु हो गई थी.
अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का मिला साथ
भोपाल के अंबेडकर पार्क में अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन स्थल पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि एमपी कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता अतिथि शिक्षकों के साथ है. हम ये लड़ाई मिलकर लड़ेंगे. अतिथि शिक्षकों का 29 सितंबर को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछने का एक वीडियो जीतू पटवारी ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि एमपी के अतिथि शिक्षकों से कहना चाहता हूं, कि शिवराज सिंह चौहान अकेले नहीं है. आपको भाजपा के नेताओं, विधायकों और सांसदो से भी यही सवाल पूछना चाहिए. जो जहां मिले चहीं रोककर सवाल पूछे. नहीं सुने तो पोस्ट कार्ड या ईमेल से सवाल पूछिए.'
मंत्री-अफसर नहीं सीएम से मिलेंगे अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 'इस बार हमारा डेलीगेशन मंत्री और अधिकारियों से चर्चा नहीं करेगा. यदि सीएम मिलने का समय नहीं देते तो हम यही आमरण अनशन पर बैंठेंगे. प्रदर्शन के दौरान अतिथि शिक्षकों ने कहा हम कब्जा करने आए हैं, कब्जा लेकर जाएंगे जैसे नारे लगाए. बता दें कि गांधी जयंती पर महाआंदोलन की रणनीति अतिथि शिक्षकों ने पहले ही बना ली थी. 1 अक्टूबर की रात से ही भोपाल में एकत्रित होना शुरु हो गए थे.
अतिथि शिक्षकों की ये हैं प्रमुख मांगें
अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें. अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षकों को 12 माह का सेवाकाल और पद स्थाई करें. 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को एक और मौका दिया जाए. गुरुजियों की तरह अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियुक्ति की जाए. अतिथि शिक्षक भर्ती में वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करें.
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महापंचायत में अतिथि शिक्षकों को हुई थी ये घोषणाएं
अतिथि शिक्षकों को पीरियड नहीं महीने के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा. एक साल के लिए पूरा अनुबंध होगा, जो हर साल आगे बढ़ाया जाएगा. शिक्षक भर्ती में 25 प्रतिशत का आरक्षण था, उसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा. हर महीने एक निश्चित तारीख पर मानदेय की व्यवस्था की जाएगी. पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में योजना बनाई जाएगी. साल के बीच में कोई गैप नहीं होगा, न तो किसी अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्त की जाएगी.