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भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने निकाली तिरंगा यात्रा, सीएम हाउस का घेराव करने से पहले पुलिस ने रोका - Bhopal Guest Teachers Protest - BHOPAL GUEST TEACHERS PROTEST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने सीएम हाउस का घेराव करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली. सीएम हाउस पहुंचने से पहले ही पुलिस ने इन अतिथि शिक्षकों को रास्ते में ही रोक दिया. अतिथि शिक्षकों की नियमितीकरण सहित 5 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

BHOPAL GUEST TEACHERS PROTEST
भोपाल में अतिथि शिक्षकों ने निकाली तिरंगा यात्रा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 9:31 PM IST

भोपाल: नियमितीकरण समेत अन्य लंबित मांगों को लेकर मंगलवार को राजधानी में 8 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक एकजुट हुए. इस दौरान भोपाल के अंबेडकर मैदान में विशाल सभा का आयोजन किया गया था. इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने सीएम हाउस का घेराव करने के लिए श्यामला हिल्स तक तिरंगा यात्रा निकालने का ऐलान किया, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने सभी अतिथि शिक्षकों को रास्ते में ही रोक दिया.

प्रदर्शन के दौरान एक अतिथि शिक्षकों की बिगड़ी तबीयत

लंबित मांगे पूरी नहीं होने से नाराज अतिथि शिक्षक सुबह से ही अंबेडकर मैदान में इकठ्ठा होना शरु हो गए थे. करीब 3 बजे तक प्रदर्शन ने उग्र रुप ले लिया था. आक्रोशित शिक्षक सीएम को ज्ञापन देने पर अड़े थे. इसके लिए उन्होंने सीएम हाउस की तरफ कूच करना शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिस को सख्ती से निपटना पड़ा. अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि प्रदर्शन को शांत कराने के लिए पुलिस द्वारा लाठी चार्ज भी किया गया. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला अतिथि शिक्षक भी शामिल हुईं थी. प्रदर्शन के दौरान शुजालपुर से आई एक महिला शिक्षक की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं एक अतिथि शिक्षक मौके पर ही बेहोश हो गए.

11 सितंबर को शिक्षा मंत्री से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल

मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान अतिथि शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से भी मुलाकात करना चाहते थे. उनके बंगले पर भी गए, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. अब बुधवार को अतिथि शिक्षकों का एक प्रतिनिध मंडल शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने जाएगा. अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि 'डीपीआई 2 महीने बाद भी नियुक्ति से संबंधित विसंगतियों को दूर नहीं कर पा रहा है. जिसके कारण 9 बार अतिथि शिक्षक का आदेश निकालकर तारीख बढ़ाई गई है.'

उमंग सिंघार लड़ेंगे अतिथि शिक्षकों की लड़ाई

अतिथि शिक्षकों के आंदोलन पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 'मेरा अतिथि शिक्षकों को पूरा समर्थन है. आप डरिए मत, लड़ते रहिए. आपकी लड़ाई मैं हर स्तर पर लड़ रहा हूं. सरकार अतिथि शिक्षकों से किया वादा भूल गई है. उमंग सिंघार ने कहा कि शिवराज सरकार ने इन्हें नियमित करने का वादा किया था. जो अब तक पूरा नहीं हुआ. मैं अतिथि शिक्षकों के साथ हूं. उन्होंने सीएम मोहन यादव से अतिथि शिक्षकों को लेकर किए गए वादे को पूरा करने की मांग की है.'

पूर्व सीएम ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का किया था वादा

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने 'बताया कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2 सितंबर 2023 को महापंचायत बुलाई थी. जिसमें अतिथि शिक्षकों को नियमित कर गुरुजी के समान वेतनमान देने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि किसी भी अतिथि शिक्षक को बेरोजगार नहीं किया जाएगा, लेकिन सीधी भर्ती, प्रमोशन और ट्रांसफर के कारण हजारों अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अतिथि शिक्षकों को नियमित कराने का वादा किया था, लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं हो रहा है. सुनील सिंह ने कहा कि सरकार हम लोगों को लेट भर्ती करती है, इसके बाद बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं होने से फेल होते हैं तो 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट आने पर हम लोगों की सेवा समाप्त करती है.'

यहां पढ़ें...

अतिथि शिक्षकों के आंदोलन पर बोले प्रदेश के मुखिया, 'जितना बेहतर और अच्छा होगा वो करेंगे'

मोहन यादव के त्योहारी तोहफे से कर्मचारी गदगद, पक्की नौकरी के साथ मिलेंगे ढेरों बेनिफिट

अतिथि शिक्षकों की ये हैं 5 प्रमुख मांगे

महासंघ के प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने बताया कि 'सरकार की नीतियां अतिथि शिक्षक विरोधी हैं. हमारी मांग है कि अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड में प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक व अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें. अनुभव के आधार पर अतिथि शिक्षकों को 12 माह का सेवाकाल और पद स्थाई करे. 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट वाले शिक्षकों को एक और मौका दिया जाए. गुरुजी की तरह अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियुक्ति की जाए. अतिथि शिक्षकों की भर्ती में साल 2024-25 से वार्षिक अनुबंध लागू करें.

भोपाल: नियमितीकरण समेत अन्य लंबित मांगों को लेकर मंगलवार को राजधानी में 8 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक एकजुट हुए. इस दौरान भोपाल के अंबेडकर मैदान में विशाल सभा का आयोजन किया गया था. इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने सीएम हाउस का घेराव करने के लिए श्यामला हिल्स तक तिरंगा यात्रा निकालने का ऐलान किया, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने सभी अतिथि शिक्षकों को रास्ते में ही रोक दिया.

प्रदर्शन के दौरान एक अतिथि शिक्षकों की बिगड़ी तबीयत

लंबित मांगे पूरी नहीं होने से नाराज अतिथि शिक्षक सुबह से ही अंबेडकर मैदान में इकठ्ठा होना शरु हो गए थे. करीब 3 बजे तक प्रदर्शन ने उग्र रुप ले लिया था. आक्रोशित शिक्षक सीएम को ज्ञापन देने पर अड़े थे. इसके लिए उन्होंने सीएम हाउस की तरफ कूच करना शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिस को सख्ती से निपटना पड़ा. अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि प्रदर्शन को शांत कराने के लिए पुलिस द्वारा लाठी चार्ज भी किया गया. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला अतिथि शिक्षक भी शामिल हुईं थी. प्रदर्शन के दौरान शुजालपुर से आई एक महिला शिक्षक की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं एक अतिथि शिक्षक मौके पर ही बेहोश हो गए.

11 सितंबर को शिक्षा मंत्री से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल

मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान अतिथि शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से भी मुलाकात करना चाहते थे. उनके बंगले पर भी गए, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. अब बुधवार को अतिथि शिक्षकों का एक प्रतिनिध मंडल शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने जाएगा. अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि 'डीपीआई 2 महीने बाद भी नियुक्ति से संबंधित विसंगतियों को दूर नहीं कर पा रहा है. जिसके कारण 9 बार अतिथि शिक्षक का आदेश निकालकर तारीख बढ़ाई गई है.'

उमंग सिंघार लड़ेंगे अतिथि शिक्षकों की लड़ाई

अतिथि शिक्षकों के आंदोलन पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 'मेरा अतिथि शिक्षकों को पूरा समर्थन है. आप डरिए मत, लड़ते रहिए. आपकी लड़ाई मैं हर स्तर पर लड़ रहा हूं. सरकार अतिथि शिक्षकों से किया वादा भूल गई है. उमंग सिंघार ने कहा कि शिवराज सरकार ने इन्हें नियमित करने का वादा किया था. जो अब तक पूरा नहीं हुआ. मैं अतिथि शिक्षकों के साथ हूं. उन्होंने सीएम मोहन यादव से अतिथि शिक्षकों को लेकर किए गए वादे को पूरा करने की मांग की है.'

पूर्व सीएम ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का किया था वादा

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने 'बताया कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2 सितंबर 2023 को महापंचायत बुलाई थी. जिसमें अतिथि शिक्षकों को नियमित कर गुरुजी के समान वेतनमान देने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि किसी भी अतिथि शिक्षक को बेरोजगार नहीं किया जाएगा, लेकिन सीधी भर्ती, प्रमोशन और ट्रांसफर के कारण हजारों अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अतिथि शिक्षकों को नियमित कराने का वादा किया था, लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं हो रहा है. सुनील सिंह ने कहा कि सरकार हम लोगों को लेट भर्ती करती है, इसके बाद बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं होने से फेल होते हैं तो 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट आने पर हम लोगों की सेवा समाप्त करती है.'

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अतिथि शिक्षकों की ये हैं 5 प्रमुख मांगे

महासंघ के प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने बताया कि 'सरकार की नीतियां अतिथि शिक्षक विरोधी हैं. हमारी मांग है कि अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड में प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक व अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें. अनुभव के आधार पर अतिथि शिक्षकों को 12 माह का सेवाकाल और पद स्थाई करे. 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट वाले शिक्षकों को एक और मौका दिया जाए. गुरुजी की तरह अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियुक्ति की जाए. अतिथि शिक्षकों की भर्ती में साल 2024-25 से वार्षिक अनुबंध लागू करें.

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