भोपाल। अलग-अलग वस्तुओं के कलेक्शन का शौक कई लोगों को होता है, लेकिन भोपाल के एक शख्स ने देश-विदेश में पाए जाने वाले अलग-अलग खनिज और फॉसिल्स का अनोखा कलेक्शन किया है. भोपाल के पुरातत्वविद और भूवैज्ञानिक डॉ. मेनुअल जोसेफ ने पिछले 40 सालों में ऐसे 52 दुर्लभ स्टोन्स और मिनरल्स का कलेक्शन किया है, उनके कलेक्शन में कई स्ट्रोमेटोलाइट यानी फॉसिल्स भी हैं, जिनकी उम्र ढाई लाख साल मानी जाती है.
प्रोफेसर ने कलेक्शन मांगा, तो आ गए आंसू
भू वैज्ञानिक डॉ. मेनुअल जोसेफ बताते हैं कि उनका बचपन से ही पृथ्वी के विकास, संरचना, उसके तत्वों को लेकर रूचि थी. बढ़ा हुआ तो भू विज्ञान और पुरातत्व के क्षेत्र में ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया. भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में भू विज्ञान से डिग्री के दौरान प्रोजेक्ट के दौरान देश के अलग-अलग स्थानों पर जाने का मौका मिला, इसी दौरान यहां से खनिजों का कलेक्शन शुरू किया. प्रोजेक्ट के बाद विभाग के एचओडी को मेरे कलेक्शन के बारे में पता चला तो उन्होंने इसे यूनिवर्सिटी में जमा कराने के लिए कहा, यह सुनते ही मेरी आंखों में आंसू आ गए. बाद में उन्होंने कहा कि परेशान मत हो, इसे अपने पास ही रखो.
सर्विस के दौरान भी कलेक्शन जारी रहा
डॉ. मेनुअल जोसेफ कहते हैं कि ''उनके कलेक्शन में 52 दुर्लभ स्टोन्स और मिनरल्स मौजूद हैं. इसके अलावा फॉसिल्स भी हैं, जिसकी उम्र ढाई लाख साल मानी जाती है. समुद्र के अंदर पाए जाने वाले कई फॉसिल्स भी उनके पास मौजूद हैं. इसके अलावा क्रिस्टल स्टोन, ऑर्नामेंटल स्टोन, जेम्स स्टोन, रॉक स्टोन, बेसाल्ट, हिमालयन व्हाइट और ब्लैक सॉल्ट भी मौजूद हैं.''
जिओलाइट- यह खनिज काठियावाड़ में गिरनार पर्वत और दक्षिण ट्रेप में पाया जाता है. इस खनिज का उपयोग पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज में एथिल एल्कोहल को पेट्रोल में बदलने में किया जाता है. इसका उपयोग हार्ड वॉटर को पीने योग्य बनाने में भी होता है. इसके अलावा ज्वेलरी के निर्माण के दौरान भी इसका उपयोग होगा है. यह ज्वेलरी में चमक बढ़ाने का काम करता है. दवाओं, सौर ऊर्जा बनाने, ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट में भी इसका उपयोग होता है.
माइका या अभ्रक- बिजली उपकरणों में उपयोग होने वाले कंडेंसर, इंसुलेटर का नाम तो सुना होगा, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह माइका या अभ्रक पत्थरों से बनाया जाता है. देश के बिहार, झारखंड में यह खनिज बड़ी मात्रा में पाया जाता है. इस खनिज की खासियत यह होती हे कि इसे पतली-पतली परतों में चीरा जा सकता है और सबसे बड़ी बात यह विद्युत का असंवाहक होता है. इस वजह से इसका उपयोग आयरन, कम्प्यूटर, टेलीफोन से लेकर बिजली के बड़े उद्योगों तक में इसका उपयोग होता है. About Mica Stone.
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बॉक्साइट- आपने बॉक्साइट का नाम तो सुना होगा, लेकिन क्या कभी इसको देखा भी है. यह पत्थर बॉक्साइट है. देश में ओड़िशा, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्रप्रदेश में यह बड़ी मात्रा में पाया जाता है. बॉक्साइट का उपयोग एल्युमीनियम बनाने में किया जाता है. Bauxite Stone
हिमालयन सॉल्ट- उपवास में आपने सेंधा नमक तो खूब खाया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं यह कैसे बनता है. दरअसल भारत और पाकिस्तान के हिमालय क्षेत्र के पहाड़ों में पाया जाता है. इन पहाड़ों से खोद कर सॉल्ट को निकाला जाता है और इसके बाद इसे रिफाइन कर यह नमक भेजा जाता है. Himalayan Salt Stones