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मध्य प्रदेश रेरा चेयरमैन एपी श्रीवास्तव के खिलाफ बैठी जांच, EOW ने दर्ज की FIR, इस गड़बड़ी का आरोप - MP FIR Against RERA Chairman - MP FIR AGAINST RERA CHAIRMAN

मध्य प्रदेश रेरा के चेयरमैन व पूर्व आईएस अधिकारी अजीत प्रकाश श्रीवास्तव के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. रेरा चेयरमैन पर पर विभाग में गलत तरीके से नियुक्ति और प्लाट खरीदी के मामले में धांधली का आरोप लगाया गया है.

MP RERA CHAIRMAN FIR REGISTER
रेरा चेयरमेन एपी श्रीवास्तव के खिलाफ FIR दर्ज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 9:17 PM IST

भोपाल: रियल स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा के चेयरमैन और सीनियर आईएएस रहे अजीत प्रकाश श्रीवास्तव के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि रेरा चेयरमैन द्वारा गलत तरीके से रेरा में कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा उनके द्वारा एक बिल्डर के प्रोजेक्ट में पद का दुरुपयोग करते हुए स्वयं के लाभ के लिए बिल्डर पर दबाव डाला गया था. साथ ही इस प्रोजेक्ट में एक आवासीय भूखंड भी लिया गया. ईओडब्ल्यू अधिकारियों के मुताबिक शिकायत मिलने पर रेरा अध्यक्ष के विरुद्ध पद के दुरुपयोग के मामले में प्रारंभिक जांच क्रमांक 4/24 दर्ज कर ली गई है.

शिकायत में लगाए गए ये आरोप

शिकायतकर्ता प्रभाष जेटली ने आरोप लगाया है कि, "रेरा अध्यक्ष अजीत प्रकाश श्रीवास्तव के स्टॉफ ऑफिस की सीधी नियुक्ति रेरा एक्ट के विरूद्ध की गई है. इसमें अधीनस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति करने का अधिकार राज्य शासन को दिया गया है. अध्यक्ष द्वारा विभाग में न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति के लिए दो स्वीकृत पदों की जगह एक पद पर ही विज्ञापन जारी किया गया था.

एक पद के लिए तीन नामों का पैनल राज्य शासन को अनुमोदन के लिए भेजा गया. राज्य सरकार ने एक नाम का अनुमोदन किया, लेकिन एपी श्रीवास्तव ने दो पदों के नियुक्ति आदेश जारी करा दिए, जो अधिकारों का दुरुपयोग है. अध्यक्ष द्वारा की गई नियुक्तियां भी नियमों के विपरीत हैं. कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्ति में आयु सीमा की अनदेखी की गई है. एपी श्रीवास्तव की चेयरमैन पद पर नियुक्ति भी गलत तरीके से हुई है."

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जिस प्रोजेक्ट में प्लॉट लिया, उसी की खुद की सुनवाई

आरोपी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि, "रेरा अध्यक्ष ने पद का दुरुपयोग करते हुए एक बिल्डर के प्रोजेक्ट में अध्यक्ष द्वारा स्वयं और अपनी पत्नी के नाम से आवासीय भूखंड लिया. साथ ही इसी बिल्डर के प्रोजेक्ट के विभिन्न प्रकरणों में अध्यक्ष की हैसियत से प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया. जबकि उन्हें इस सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए था." शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि "एपी श्रीवास्तव ने पद का दुरुपयोग करते हुए लाभ लेने के लिए बिल्डर पर दबाव बनाया था."

भोपाल: रियल स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा के चेयरमैन और सीनियर आईएएस रहे अजीत प्रकाश श्रीवास्तव के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि रेरा चेयरमैन द्वारा गलत तरीके से रेरा में कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा उनके द्वारा एक बिल्डर के प्रोजेक्ट में पद का दुरुपयोग करते हुए स्वयं के लाभ के लिए बिल्डर पर दबाव डाला गया था. साथ ही इस प्रोजेक्ट में एक आवासीय भूखंड भी लिया गया. ईओडब्ल्यू अधिकारियों के मुताबिक शिकायत मिलने पर रेरा अध्यक्ष के विरुद्ध पद के दुरुपयोग के मामले में प्रारंभिक जांच क्रमांक 4/24 दर्ज कर ली गई है.

शिकायत में लगाए गए ये आरोप

शिकायतकर्ता प्रभाष जेटली ने आरोप लगाया है कि, "रेरा अध्यक्ष अजीत प्रकाश श्रीवास्तव के स्टॉफ ऑफिस की सीधी नियुक्ति रेरा एक्ट के विरूद्ध की गई है. इसमें अधीनस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति करने का अधिकार राज्य शासन को दिया गया है. अध्यक्ष द्वारा विभाग में न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति के लिए दो स्वीकृत पदों की जगह एक पद पर ही विज्ञापन जारी किया गया था.

एक पद के लिए तीन नामों का पैनल राज्य शासन को अनुमोदन के लिए भेजा गया. राज्य सरकार ने एक नाम का अनुमोदन किया, लेकिन एपी श्रीवास्तव ने दो पदों के नियुक्ति आदेश जारी करा दिए, जो अधिकारों का दुरुपयोग है. अध्यक्ष द्वारा की गई नियुक्तियां भी नियमों के विपरीत हैं. कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्ति में आयु सीमा की अनदेखी की गई है. एपी श्रीवास्तव की चेयरमैन पद पर नियुक्ति भी गलत तरीके से हुई है."

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जिस प्रोजेक्ट में प्लॉट लिया, उसी की खुद की सुनवाई

आरोपी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि, "रेरा अध्यक्ष ने पद का दुरुपयोग करते हुए एक बिल्डर के प्रोजेक्ट में अध्यक्ष द्वारा स्वयं और अपनी पत्नी के नाम से आवासीय भूखंड लिया. साथ ही इसी बिल्डर के प्रोजेक्ट के विभिन्न प्रकरणों में अध्यक्ष की हैसियत से प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया. जबकि उन्हें इस सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए था." शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि "एपी श्रीवास्तव ने पद का दुरुपयोग करते हुए लाभ लेने के लिए बिल्डर पर दबाव बनाया था."

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