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सफेद से लाल-पीला हुआ शकरकंद, काले आलू और अनोखी भिंडी के बाद किसान की नई रिसर्च - BHOPAL RED COLOUR SWEET POTATO

भोपाल के एक किसान ने तीन अलग-अलग रंग के शकरकंद उगाए हैं. इन्हें काटने पर अंदर का रंग चुकंदर जैसा लाल और हल्दी जैसा पीला.

BHOPAL RED COLOUR SWEET POTATO
ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक और फायदेमंद है यह शकरकंद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 3, 2024, 9:11 PM IST

भोपाल: शकरकंद सेहत के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है. लोग सर्दियों में इसका सेवन खूब करते हैं. आमतौर पर शकरकंद का रंग ऊपर से लाल और पीला रहता है जबकि अंदर से सफेद होता है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी शकरकंद देखी है, जिसे काटने पर वह अंदर से चुकंदर जैसी लाल या हल्दी जैसी पीला निकले. यदि नहीं देखा तो आपको ऐसी ही शकरकंद दिखाते हैं. राजधानी भोपाल के एक प्रगतिशील किसान ने तीन अलग-अलग रंग की शकरकंद उगाई है.

काले आलू के बाद अब तीन कलर की शकरकंद

भोपाल के प्रगतिशील किसान मिश्रीलाल राजपूत कलरफुल सब्जी उगा रहे हैं. काले आलू, काले गेहूं और लाल भिंडी के बाद अब उन्होंने तीन अलग-अलग कलर के शकरकंद उगाए हैं. मिश्रीलाल बताते हैं कि "वे कई रिसर्च इंस्टीट्यूट के संपर्क में रहते हैं. यह रंग-बिरंगे शकरकंद की पौधे वे सेंट्रल टूबर क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट, भुवनेश्वर से लेकर आए थे. इसे खेत के एक छोटे से हिस्से में इस बार लगाया था.

काले आलू के बाद अब तीन कलर के शकरकंद (ETV Bharat)

इस शंकरकंद का उत्पादन प्रति एकड़ 80 क्विंटल है. यह फसल 4 से 5 माह में तैयार हो जाती है. ज्यादातर इसका उपयोग सर्दियों में होता है, इसलिए जून माह में इसकी बुआई की जाती है. इसका अच्छा उत्पादन देखने को मिल रहा है. अगले साल इसको 6 से 7 एकड़ में लगाया जाएगा."

ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक और फायदेमंद है यह शकरकंद

मिश्रीलाल राजपूत कहते हैं "आमतौर पर शंकरकंद स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती ही है. लेकिन माना जाता है कि जो सब्जी ज्यादा कलरफुल होती है वह उतना ही ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूत होती है. यह शकरकंद शुगर को कंट्रोल रखती है, इम्यूनिटी को बढ़ाती है, पाचन के लिए अच्छी होती है. ज्यादा स्वास्थ्यकारक होने की वजह से यह शकरकंद किसानों के लिए मुनाफे वाली फसल भी है. वहीं, आम शंकरकंद के मुकाबले बाजार में इनकी कीमत भी ज्यादा मिलती है."

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Bhopal Sweet potato cultivation
किसान ने उगाए तीन कलर के शकरकंद (ETV Bharat)

पहले भी कर चुके कई प्रयोग

किसान मिश्रीलाल राजपूत फसलों में लगातार प्रयोग करते रहते हैं. इससे पहले उन्होंने लाल रंग की भिंडी की पैदा की थी, जो मार्केट में 800 रुपए तक बिकी थी. इसके बाद उन्होंने काले रंग के आलू की पैदावार किया था, उसकी भी खूब चर्चा हुई थी. वे काले रंग के गेहूं की भी पैदावार कर चुके हैं. उनके प्रयोगों के लिए 2003 में उन्हें मध्य प्रदेश कृषि भूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

भोपाल: शकरकंद सेहत के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है. लोग सर्दियों में इसका सेवन खूब करते हैं. आमतौर पर शकरकंद का रंग ऊपर से लाल और पीला रहता है जबकि अंदर से सफेद होता है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी शकरकंद देखी है, जिसे काटने पर वह अंदर से चुकंदर जैसी लाल या हल्दी जैसी पीला निकले. यदि नहीं देखा तो आपको ऐसी ही शकरकंद दिखाते हैं. राजधानी भोपाल के एक प्रगतिशील किसान ने तीन अलग-अलग रंग की शकरकंद उगाई है.

काले आलू के बाद अब तीन कलर की शकरकंद

भोपाल के प्रगतिशील किसान मिश्रीलाल राजपूत कलरफुल सब्जी उगा रहे हैं. काले आलू, काले गेहूं और लाल भिंडी के बाद अब उन्होंने तीन अलग-अलग कलर के शकरकंद उगाए हैं. मिश्रीलाल बताते हैं कि "वे कई रिसर्च इंस्टीट्यूट के संपर्क में रहते हैं. यह रंग-बिरंगे शकरकंद की पौधे वे सेंट्रल टूबर क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट, भुवनेश्वर से लेकर आए थे. इसे खेत के एक छोटे से हिस्से में इस बार लगाया था.

काले आलू के बाद अब तीन कलर के शकरकंद (ETV Bharat)

इस शंकरकंद का उत्पादन प्रति एकड़ 80 क्विंटल है. यह फसल 4 से 5 माह में तैयार हो जाती है. ज्यादातर इसका उपयोग सर्दियों में होता है, इसलिए जून माह में इसकी बुआई की जाती है. इसका अच्छा उत्पादन देखने को मिल रहा है. अगले साल इसको 6 से 7 एकड़ में लगाया जाएगा."

ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक और फायदेमंद है यह शकरकंद

मिश्रीलाल राजपूत कहते हैं "आमतौर पर शंकरकंद स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती ही है. लेकिन माना जाता है कि जो सब्जी ज्यादा कलरफुल होती है वह उतना ही ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूत होती है. यह शकरकंद शुगर को कंट्रोल रखती है, इम्यूनिटी को बढ़ाती है, पाचन के लिए अच्छी होती है. ज्यादा स्वास्थ्यकारक होने की वजह से यह शकरकंद किसानों के लिए मुनाफे वाली फसल भी है. वहीं, आम शंकरकंद के मुकाबले बाजार में इनकी कीमत भी ज्यादा मिलती है."

मध्य प्रदेश में बंद हो रही है दालों की खेती, पिछले 5 साल के आकड़ों ने बढ़ा दी टेंशन

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Bhopal Sweet potato cultivation
किसान ने उगाए तीन कलर के शकरकंद (ETV Bharat)

पहले भी कर चुके कई प्रयोग

किसान मिश्रीलाल राजपूत फसलों में लगातार प्रयोग करते रहते हैं. इससे पहले उन्होंने लाल रंग की भिंडी की पैदा की थी, जो मार्केट में 800 रुपए तक बिकी थी. इसके बाद उन्होंने काले रंग के आलू की पैदावार किया था, उसकी भी खूब चर्चा हुई थी. वे काले रंग के गेहूं की भी पैदावार कर चुके हैं. उनके प्रयोगों के लिए 2003 में उन्हें मध्य प्रदेश कृषि भूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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