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मोहन यादव सरकार के फैसले पर रार!, कंफ्यूजन में शिक्षण संस्थान, जन्माष्टमी और छुट्टी किस आदेश का करें पालन - MP Teachers Want Holiday

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 25, 2024, 3:30 PM IST

Updated : Aug 25, 2024, 10:39 PM IST

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के आदेश को लेकर कांग्रेस के साथ-साथ अब शिक्षण संगठन भी विरोध जता रहा है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने संविधान के खिलाफ बताया है. वहीं शिक्षण संस्थान दो आदेशों को लेकर परेशान है कि किसे फॉलो किया जाए.

MP TEACHERS WANT HOLIDAY
मोहन यादव सरकार के फैसले पर रार (ETV Bharat)

भोपाल: इतिहास में पहली बार मध्य प्रदेश सरकार जन्माष्टमी के अवसर पर स्कूल खोलने जा रही है. इसके लिए प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को आदेश जारी किया गया है. डीपीआई के अपर संचालक रवींद्र कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से 26 अगस्त को स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने को कहा है. हालांकि इस मामले को लेकर कांग्रेस के साथ शिक्षण संगठन भी विरोध कर रहा है. इसको लेकर दोनों के अपने अलग-अलग तर्क हैं.

भारतीय परंपरा और योग पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन

जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि 'सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 7 अगस्त 2024 को आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश के सभी स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान स्कूलों में श्रीकृष्ण की शिक्षा एवं मित्रता के प्रसंग व जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रमों, कहानियों और व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा. भारतीय विशिष्ट परंपरा और योग पर आधारित कार्यक्रम होंगे. इस आदेश के तहत सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है.'

JANMASHTAMI CELEBRATION IN SCHOOLS
मोहन यादव सरकार का फैसला (ETV Bharat)

शिक्षक संगठनों का विरोध, आदेश में विरोधाभास

इस मामले में शासकीय शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल का कहना है कि 'आमतौर पर जन्माष्टमी के अवसर पर स्कूलों की छुट्टी होती है. इससे पहले सरकार ने भी जन्माष्टमी के अवसर पर सभी शासकीय कार्यालयों, बैंकों और स्कूलों में अवकाश घोषित किया था. अब दूसरा आदेश स्कूल खोलने का जारी किया गया है. अब हमारे सामने दो आदेश हैं, हम इसमें किसका पालन करें.'

जन्माष्टमी मनाने के सरकारी आदेश पर कांग्रेस की आपत्ति

सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने ऐतराज जताते हुए कहा कि 'शिक्षण संस्थान शिक्षा का केंद्र है. इसे केवल शिक्षा के लिए ही रहने देना चाहिए. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि 'उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद करने के पीछे क्यों लगी हुई है. धार्मिक कार्यक्रम के दिन स्कूल कॉलेजों में छुट्टी होती है और सभी धर्म के लोग इस दिन को अपने तरीके से मनाते हैं. एक तरफ आप शिक्षण संस्थानों में जन्माष्टमी को अनिवार्य बताते हैं और दूसरे तरफ हमारे मदरसों पर सवाल उठाते हैं.'

यहां पढ़ें...

मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी पर जंग, मोहन यादव की दो टूक, "मथुरा जाना छोड़ दे कांग्रेस"

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आरिफ मसूद ने सवाल पूछा आखिर आप चाहते क्या हैं?

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि 'अगर आप हिंदू धर्म के त्योहारों को प्राथमिकता दे रहे हैं, तो मुस्लिमों के त्योहारों को भी मनाना चाहिए. ईद, गुरु पर्व भी मनाना चाहिए. जब सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित है, तो स्कूलों में आयोजन कराने का क्या मतलब है. एक तरफ सरकार मदरसों को लेकर कुछ और कहती है और स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का सरकारी आदेश जारी करती है. यह आदेश संविधान के विरुद्ध है, लेकिन, इस आदेश को अनिवार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि संविधान हमें आजादी देता है कि हम कौन सा त्यौहार मनाएं, कौन सा नहीं. वैसे भी हम सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं.

भोपाल: इतिहास में पहली बार मध्य प्रदेश सरकार जन्माष्टमी के अवसर पर स्कूल खोलने जा रही है. इसके लिए प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को आदेश जारी किया गया है. डीपीआई के अपर संचालक रवींद्र कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से 26 अगस्त को स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने को कहा है. हालांकि इस मामले को लेकर कांग्रेस के साथ शिक्षण संगठन भी विरोध कर रहा है. इसको लेकर दोनों के अपने अलग-अलग तर्क हैं.

भारतीय परंपरा और योग पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन

जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि 'सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 7 अगस्त 2024 को आयोजित समीक्षा बैठक में प्रदेश के सभी स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान स्कूलों में श्रीकृष्ण की शिक्षा एवं मित्रता के प्रसंग व जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रमों, कहानियों और व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा. भारतीय विशिष्ट परंपरा और योग पर आधारित कार्यक्रम होंगे. इस आदेश के तहत सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है.'

JANMASHTAMI CELEBRATION IN SCHOOLS
मोहन यादव सरकार का फैसला (ETV Bharat)

शिक्षक संगठनों का विरोध, आदेश में विरोधाभास

इस मामले में शासकीय शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल का कहना है कि 'आमतौर पर जन्माष्टमी के अवसर पर स्कूलों की छुट्टी होती है. इससे पहले सरकार ने भी जन्माष्टमी के अवसर पर सभी शासकीय कार्यालयों, बैंकों और स्कूलों में अवकाश घोषित किया था. अब दूसरा आदेश स्कूल खोलने का जारी किया गया है. अब हमारे सामने दो आदेश हैं, हम इसमें किसका पालन करें.'

जन्माष्टमी मनाने के सरकारी आदेश पर कांग्रेस की आपत्ति

सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने ऐतराज जताते हुए कहा कि 'शिक्षण संस्थान शिक्षा का केंद्र है. इसे केवल शिक्षा के लिए ही रहने देना चाहिए. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि 'उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद करने के पीछे क्यों लगी हुई है. धार्मिक कार्यक्रम के दिन स्कूल कॉलेजों में छुट्टी होती है और सभी धर्म के लोग इस दिन को अपने तरीके से मनाते हैं. एक तरफ आप शिक्षण संस्थानों में जन्माष्टमी को अनिवार्य बताते हैं और दूसरे तरफ हमारे मदरसों पर सवाल उठाते हैं.'

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आरिफ मसूद ने सवाल पूछा आखिर आप चाहते क्या हैं?

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि 'अगर आप हिंदू धर्म के त्योहारों को प्राथमिकता दे रहे हैं, तो मुस्लिमों के त्योहारों को भी मनाना चाहिए. ईद, गुरु पर्व भी मनाना चाहिए. जब सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित है, तो स्कूलों में आयोजन कराने का क्या मतलब है. एक तरफ सरकार मदरसों को लेकर कुछ और कहती है और स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का सरकारी आदेश जारी करती है. यह आदेश संविधान के विरुद्ध है, लेकिन, इस आदेश को अनिवार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि संविधान हमें आजादी देता है कि हम कौन सा त्यौहार मनाएं, कौन सा नहीं. वैसे भी हम सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं.

Last Updated : Aug 25, 2024, 10:39 PM IST
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