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जिला पेंशन कार्यालय बंद करने के निर्णय का विरोध, बुर्जुर्गों को लगाना होगा राजधानी का चक्कर

मध्य प्रदेश सरकार ने जिला पेंशन कार्यालय को बंद करने का निर्णय लिया है. प्रदेश के कर्मचारी संगठन ने सरकार को पत्र लिख विरोध जताया.

MP CLOSE DISTRICT PENSION OFFICE
जिला पेंशन कार्यालय बंद करने के निर्णय का विरोध (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

भोपाल: मध्य प्रदेश में जिला पेंशन कार्यालय बंद किए जाने के निर्णय को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है. कर्मचारी संगठनों ने इसको लेकर सरकार को पत्र लिखकर विरोध जताया है. उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों को पेंशन से जुड़ी छोटी-बड़ी समस्या को लेकर भोपाल तक चक्कर लगाना होगा. इससे पेंशनर्स को परेशानी उठानी पड़ेगी. कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस पर पुर्नविचार करने की मांग की है.

कर्मचारी संगठनों ने की सरकार से मांग

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी के मुताबिक, "पेंशन कार्यालय बंद किए जाने के दूरगामी परिणाम खतरनाक होंगे. इससे लाखों कर्मचारियों को पेंशन से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रदेश मुख्यालय तक भागना पड़ेगा.'' उन्होंने कहा कि, ''प्रदेश में 60 साल से ज्यादा उम्र के रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन मिलती है. कुछ कर्मचारी तो ऐसे भी हैं, जो 90 साल के हो गए हैं. वे शारीकि रूप से कमजोर हो गए हैं. कई तो आने-जाने के लिए परिवार जनों पर आश्रित हैं. अभी जिले में कार्यालय होने पर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर यह जिले के ऑफिस में पहुंच जाते हैं."

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सीएम को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं. उनके मुताबिक, ''सरकार को अपने इस फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए. इस फैसले का असर बुजुर्गों पर ही पड़ेगा. सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और जिला कार्यालयों को बंद करने का निर्णय वापस लेना चाहिए.'' कर्मचारी संगठन के मुताबिक कार्यालय बंद होने के बाद बुजुर्गों को को अपनी समस्या लेकर भोपाल आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

भोपाल: मध्य प्रदेश में जिला पेंशन कार्यालय बंद किए जाने के निर्णय को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है. कर्मचारी संगठनों ने इसको लेकर सरकार को पत्र लिखकर विरोध जताया है. उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों को पेंशन से जुड़ी छोटी-बड़ी समस्या को लेकर भोपाल तक चक्कर लगाना होगा. इससे पेंशनर्स को परेशानी उठानी पड़ेगी. कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस पर पुर्नविचार करने की मांग की है.

कर्मचारी संगठनों ने की सरकार से मांग

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी के मुताबिक, "पेंशन कार्यालय बंद किए जाने के दूरगामी परिणाम खतरनाक होंगे. इससे लाखों कर्मचारियों को पेंशन से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रदेश मुख्यालय तक भागना पड़ेगा.'' उन्होंने कहा कि, ''प्रदेश में 60 साल से ज्यादा उम्र के रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन मिलती है. कुछ कर्मचारी तो ऐसे भी हैं, जो 90 साल के हो गए हैं. वे शारीकि रूप से कमजोर हो गए हैं. कई तो आने-जाने के लिए परिवार जनों पर आश्रित हैं. अभी जिले में कार्यालय होने पर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर यह जिले के ऑफिस में पहुंच जाते हैं."

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सीएम को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं. उनके मुताबिक, ''सरकार को अपने इस फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए. इस फैसले का असर बुजुर्गों पर ही पड़ेगा. सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और जिला कार्यालयों को बंद करने का निर्णय वापस लेना चाहिए.'' कर्मचारी संगठन के मुताबिक कार्यालय बंद होने के बाद बुजुर्गों को को अपनी समस्या लेकर भोपाल आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

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