भोपाल: मध्य प्रदेश में इन दिनों इंटर रिलिजन मैरिज को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है. जबलपुर और इंदौर के बाद अब भोपाल में इंटर रिलिजन मैरिज को लेकर जमकर हंगामा हुआ है. बात तो यहां तक पहुंच गई कि शुक्रवार को हिंदूवादी संगठनों ने भोपाल के जिला न्यायालय में धर्म विशेष के युवक को वकीलों के सामने बेरहमी से पीटा. वहीं कोर्ट परिसर में एकत्रित भीड़ सिर्फ तमाशा देखती रही, किसी ने युवक को बचाने का प्रयास नहीं किया. फिलहाल, पुलिस ने युवक और युवती को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
शादी करने कोर्ट पहुंचा था कपल
दरअसल, शुक्रवार को नरसिंहपुर निवासी धर्म विशेष का युवक हिंदू लड़की को लेकर भोपाल जिला न्यायालय में कोर्ट मैरिज करने पहुंचा था, लेकिन इसकी जानकारी हिंदूवादी सगंठन को मिल गई. कोर्ट परिसर में हिंदूवादी संगठनों ने जमकर बवाल काटा और युवक को जमीन पर गिराकर लात घूंसों से जमकर पिटाई की, जिसका वीडियो भी सामने आया है. वहीं हिंदूवादी संगठन ने इसकी शिकायत एमपी नगर थाने में दर्ज कराई है.
शादी रुकवाने का किसने दिया अधिकार?
कानून के जानकारों का कहना है कि " जब लड़का और लड़की बालिग हैं, तो वे दोनों अपनी मनमर्जी के शादी करने के लिए फ्री है. वे किसी भी धर्म और जाति में शादी कर सकते है. अगर उन्हें कोई परेशान करता है या जान का खतरा महसूस होता है, तो थाने में आवेदन देकर पुलिस से सुरक्षा की मांग कर सकते हैं. कोई भी अभिभावक युवक-युवती की मर्जी के बिना शादी नहीं करवा सकते हैं और ना ही रुकवा सकते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे किसी की शादी रुकवाने का अधिकार किसने दिया?
अंतरधार्मिक विवाह पर क्या कहता है कानून?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार, हर व्यक्ति किसी भी धर्म का अनुसरण कर सकता है, इसके लिए सभी स्वतंत्र हैं. यह अधिकार नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों के लिए है. इस अनुच्छेद में धार्मिक विश्वास और व्यवहार दोनों शामिल हैं. अगर बात की जाए इंटर रिलिजन मैरिज की तो, इसके लिए भी भारतीय संविधान में प्रावधान है. भारत में इंटर रिलिजन विवाह को मान्यता देने के लिए विशेष विवाह अधिनियम 1954 लाया गया था. यह कानून सभी धर्मों और जातियों पर लागू होता है और कोई भी धर्म का व्यक्ति किसी भी धर्म में शादी कर सकता है. हालांकि, इसमें कुछ शर्तें भी हैं.
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हिंदूवादी संगठनों को कड़ी आपत्ति
इंटर रिलिजन मैरिज का ऐसा ही एक मामला बीते दिनों पहले जबलपुर में भी आया था. यहां भी हिंदूवादी संगठनों ने जमकर बवाल काटा था. दरअसल, इंदौर निवासी हिंदू युवती और जबलपुर निवासी मुस्लिम युवक ने इंटर रिलिजन मैरिज करने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी थी. जिसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें शादी करने की अनुमित दे दी थी, जिसका हिंदूवादी संगठनों ने जमकर विरोध किया था, इसके बाद मामला बढ़ गया था और सोशल मीडिया में इस शादी के खिलाफ जमकर प्रचार हुआ था.