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बुधनी सीट पर कांग्रेस को जीत का चांस, जयवर्द्धन ने बनाई धांसू रणनीति, एक नेता से जीत की उम्मीद - Congress Chance to Win Budhni Seat

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 5:50 PM IST

बुधनी विधानसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही जीत की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. शिवराज के मैदान में नहीं होने से कांग्रेस को इस सीट से जीत की उम्मीद जगी है. जीत की जिम्मेदारी जयवर्धन सिंह को सौंपी गई है.

CONGRESS CHANCE TO WIN BUDHNI SEAT
बुधनी सीट पर कांग्रेस को जीत का चांस (ETV Bharat)

भोपाल। अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के साथ बीजेपी और कांग्रेस ने बुधनी उपचुनाव को लेकर भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर चुनाव के लिए जल्द ही चुनाव की तारीख का ऐलान हो सकता है. इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस इस बार पूर्व विधायक राजकुमार पटेल को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस ने इसके लिए जमीनी स्तर पर सहमति बना ली है उधर बीजेपी की तरफ से बुधनी सीट पर कई दावेदार सक्रिय हैं. पार्टी इस सीट से शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को भी मैदान में उतार सकती है.

BUDHNI ASSEMBLY BY ELECTION
बुधनी से चुनाव जीत चुके हैं राजकुमार पटेल (ETV Bharat)

बुधनी से चुनाव जीत चुके हैं पटेल

बुधनी विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2006 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. हर बार उन्होंने इस सीट से बड़े मार्जिन से चुनाव जीता. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के मुकाबले टीवी एक्टर विक्रम मस्ताल को चुनाव में उतारा था लेकिन वे बुरी तरह से चुनाव हार गए थे. कांग्रेस को इस सीट पर 1 लाख से ज्यादा मतों से हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन इस बार इस सीट से शिवराज सिंह चौहान मैदान में नहीं होंगे. विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वे केन्द्र में पहुंच चुके हैं. कांग्रेस अब इसका फायदा उठाना चाहती है और इस सीट पर जीत दर्ज करने पूर्व विधायक राजकुमार पटेल को उतारने की तैयारी की जा रही है. 2006 के विधानसभा चुनाव के पहले तक इस सीट पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती आई है. 1993 में राजकुमार पटेल इस सीट से विधायक का चुनाव जीते थे इसके बाद 1998 में भी कांग्रेस ने इस सीट को जीता था.

Jaivardhan Singh strategy
जयवर्द्धन ने बनाई जीत की रणनीति (ETV Bharat)

जयवर्द्धन सिंह बना रहे जीत की रणनीति

इस सीट पर जीत के लिए रणनीति बनाने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह को सौंपी गई है. वे लगातार बुधनी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय पार्टी नेताओं से चर्चा कर रहे हैं. बताया जाता है कि स्थानीय स्तर पर राजकुमार पटेल के नाम को लेकर पॉजीटिव रिस्पांस मिला है. उधर बताया जाता है कि पार्टी नेता भी राजकुमार पटेल को बुधनी सीट के लिए बेहतर उम्मीदवार मानते हैं. वे स्थानीय उम्मीदवार हैं और किरार समाज से भी आते हैं, जिसको क्षेत्र में निर्णायक वोट बैंक माना जाता है.

बीजेपी में कई दावेदार

बीजेपी के नेता इस सीट पर अपनी जीत पक्की मानकर टिकट के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी के कई नेता दावेदारी कर रहे हैं. इनमें से कई नेता तो दिल्ली तक का चक्कर लगा रहे हैं वहीं कई पार्टी कार्यालय में नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इनमें विदिशा सीट से पूर्व सांसद रहे रमाकांत भार्गव भी हैं. जिनका टिकट काटकर इस बार शिवराज सिंह चौहान को उतारा गया था. इसके अलावा राजेन्द्र सिंह राजपूत और रघुनाथ सिंह मजबूत दावेदारी कर रहे हैं. तीनों ही नेता शिवराज के करीबी रहे हैं.

'कार्तिकेय भी मजबूत दावेदार'

राजनीतिक जानकार अजय बोकिल कहते हैं कि "शिवराज के बेटे कार्तिकेय चौहान को भी इस सीट से मजबूत दावेदार माना जा रहा है. वे पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जमकर सक्रिय रहे हैं. हाल में वे बुधनी पहुंचे और अभिनंदन कार्यक्रम में सभा को संबोधित किया. हालांकि यह इतना आसान भी नहीं होगा क्योंकि पार्टी परिवारवाद से बचती आई है, ऐसे में यदि कार्तिकेय को टिकट दिया गया तो पार्टी के वे बीजेपी नेता भी इसको लेकर सवाल उठाएंगे जिनके बेटे-बेटियों को टिकट नहीं दिया गया.

भोपाल। अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के साथ बीजेपी और कांग्रेस ने बुधनी उपचुनाव को लेकर भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर चुनाव के लिए जल्द ही चुनाव की तारीख का ऐलान हो सकता है. इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस इस बार पूर्व विधायक राजकुमार पटेल को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस ने इसके लिए जमीनी स्तर पर सहमति बना ली है उधर बीजेपी की तरफ से बुधनी सीट पर कई दावेदार सक्रिय हैं. पार्टी इस सीट से शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को भी मैदान में उतार सकती है.

BUDHNI ASSEMBLY BY ELECTION
बुधनी से चुनाव जीत चुके हैं राजकुमार पटेल (ETV Bharat)

बुधनी से चुनाव जीत चुके हैं पटेल

बुधनी विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2006 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. हर बार उन्होंने इस सीट से बड़े मार्जिन से चुनाव जीता. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के मुकाबले टीवी एक्टर विक्रम मस्ताल को चुनाव में उतारा था लेकिन वे बुरी तरह से चुनाव हार गए थे. कांग्रेस को इस सीट पर 1 लाख से ज्यादा मतों से हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन इस बार इस सीट से शिवराज सिंह चौहान मैदान में नहीं होंगे. विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वे केन्द्र में पहुंच चुके हैं. कांग्रेस अब इसका फायदा उठाना चाहती है और इस सीट पर जीत दर्ज करने पूर्व विधायक राजकुमार पटेल को उतारने की तैयारी की जा रही है. 2006 के विधानसभा चुनाव के पहले तक इस सीट पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती आई है. 1993 में राजकुमार पटेल इस सीट से विधायक का चुनाव जीते थे इसके बाद 1998 में भी कांग्रेस ने इस सीट को जीता था.

Jaivardhan Singh strategy
जयवर्द्धन ने बनाई जीत की रणनीति (ETV Bharat)

जयवर्द्धन सिंह बना रहे जीत की रणनीति

इस सीट पर जीत के लिए रणनीति बनाने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह को सौंपी गई है. वे लगातार बुधनी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय पार्टी नेताओं से चर्चा कर रहे हैं. बताया जाता है कि स्थानीय स्तर पर राजकुमार पटेल के नाम को लेकर पॉजीटिव रिस्पांस मिला है. उधर बताया जाता है कि पार्टी नेता भी राजकुमार पटेल को बुधनी सीट के लिए बेहतर उम्मीदवार मानते हैं. वे स्थानीय उम्मीदवार हैं और किरार समाज से भी आते हैं, जिसको क्षेत्र में निर्णायक वोट बैंक माना जाता है.

बीजेपी में कई दावेदार

बीजेपी के नेता इस सीट पर अपनी जीत पक्की मानकर टिकट के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी के कई नेता दावेदारी कर रहे हैं. इनमें से कई नेता तो दिल्ली तक का चक्कर लगा रहे हैं वहीं कई पार्टी कार्यालय में नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इनमें विदिशा सीट से पूर्व सांसद रहे रमाकांत भार्गव भी हैं. जिनका टिकट काटकर इस बार शिवराज सिंह चौहान को उतारा गया था. इसके अलावा राजेन्द्र सिंह राजपूत और रघुनाथ सिंह मजबूत दावेदारी कर रहे हैं. तीनों ही नेता शिवराज के करीबी रहे हैं.

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'कार्तिकेय भी मजबूत दावेदार'

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