भोपाल। जनसंख्या के बढ़ते दबाव की वजह से शहरों का दायरा बढ़ता जा रहा है लेकिन यहां लोगों को सुगम यातायात के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिलना मुश्किल है. जिससे उन्हें बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन तक पैदल या खुद के वाहन से जाना पड़ता है. इसी को देखते हुए अब शहरों में कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान(Comprehensive mobility plan) की मांग बढ़ रही है. जिससे लोगों को बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से उनके घरों तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मुहैया कराई जा सके.
क्यों जरूरी है कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान
वर्तमान में एक ही सड़क पर बस, आटो और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट से संबंधित वाहन दौड़ रहे हैं. ऐसे में कुछ सड़कों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के कारण ट्रैफिक जाम की नौबत बनती है तो कुछ सड़कों पर लोग मजबूरी में अपने वाहन लेकर निकलते हैं. इससे निजात दिलाने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
इस तरह समझें कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान
शहर की सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम करने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया जा रहा है. इसमें मेट्रो, बस, आटो और साइकिल के मार्ग अलग-अलग होंगे. जैसे कोई यात्री रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर उतरता है तो वहां पर उसे मेट्रो या सिटी बस मिल जाएगी लेकिन यह सुविधा मुख्य मार्गाें तक ही सीमित रहेगी. इसके आगे बस स्टाप या मेट्रो स्टेशन से कालोनियों तक पहुंचने के लिए ऑटो या अन्य छोटे वाहनों का रूट तैयार किया जाएगा. जिससे यात्री आसानी से अपने घर तक पहुंच सके.
इस तरह होगा शहर का सर्वे
शहर में कहां सड़कें चौड़ी करनी है, कहां फ्लायओवर बनाना है, कहां एलिवेटेड कॉरिडोर बने, किन चौराहों पर ट्रैफिक ज्यादा है, कहां ट्रैफिक डायवर्ट करना है, लेफ्ट और राइट टर्न कहां अभी छोटे या संकरे हैं. ऐसे ही कई बिंदुओं पर शहर का सर्वे किया जाएगा. जिससे यातायात की हकीकत का पता चल सके. इसके बाद कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाएगा.
इन 5 शहरों के लिए बनेगा प्लान
शुरुआती दौर में एमपी के 5 बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाएगा. यह आगामी 20 साल की आबादी को देखते हुए होगा. इसके लिए सड़क, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और लोगों के घरों का सर्वे भी किया जाएगा.
'ट्रैफिक जाम से मिलेगी निजात'
"शहरों में यातायात सुधारने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान बनाया जा रहा है. इसके बाद इसे लागू किया जाएगा. जिससे शहरवासियों को ट्रैफिक जाम से निजात मिल सके और उनको आखिरी गंतव्य तक वाहन उपलब्ध हो सके."- भरत यादव, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग