भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने प्रदेश में जल कलश यात्रा की शुरूआत कर दी है. इस जल कलश यात्रा के जरिए राज्य सरकार उन 17 जिलों के 3613 गांव में पहुंचेगी. जिनको केन-बेतवा और चंबल-पावर्ती-कालीसिंध परियोजना का लाभ मिलने जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में जल कलश यात्रा का शुभारंभ करते हुए कहा कि 'इन ऐतिहासिक परियोजना से प्रदेश का बुंदेलखंड और चंबल इलाके में विकास की रफ्तार बढ़ जाएगी. जल कलश यात्रा के जरिए ग्रामीणों को परियोजना और इससे होने वाले फायदों के बारे में बताया जाएगा.'
85 हजार करोड़ की योजना, एमपी को देना होंगे 3500 करोड़
जल कलश यात्रा का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 'बुंदेलखंड इलाके में पानी का हमेशा संकट रहा है. जिस बुंदेलखंड ने मुगल काल में अपने मस्तिक को झुकने नहीं दिया, जिस बुंदेलखंड की स्थापत्य कला को देखने दुनिया के लोग आते हैं. वह बुंदेलखंड सिर्फ पानी की वजह से पिछड़ा रहा है. पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया, लेकिन अटल जी के सपने को मोदी सरकार ने इस परियोजना द्वारा पूरा किया है. केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 85 हजार करोड़ की योजना में से 37 हजार करोड़ रुपए मिल रहा है. इसमें से मध्यप्रदेश को सिर्फ 10 फीसदी के हिसाब से सिर्फ 37 सौ करोड़ रुपए देना है. इसी तरह प्रदेश के चंबल इलाके को भी नदी जोड़ो परियोजना से लाभ होगा. चंबल इलाके में 90 फीसदी पानी की सप्लाई नहरों के माध्यम से हो रही है.'
41 लाख लोगों को मिलेगा पीने का पानी
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि केन बेतवा और चंबल-पार्वतीऔर कालीसिंघ योजना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है. बीजेपी प्रदे अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि 'जल कलश यात्रा के जरिए इन दोनों योजनाओं को हम जनता के बीच लेकर जा रहे हैं. इस परियोजना से बुंदेलखंड सूखा नहीं रहेगा. जल कलश के जरिए हम जनता को बताएंगे कि कैसे इस परियोजना के जरिए बुंदेलखंड और चंबल इलाका बदलने जा रहा है. इस परियोजना से बुंदेलखंड सूखा नहीं हरा-भरा बुंदेलखंड बनेगा. इस परियोजना के जरिए 41 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा. साथ ही 7 लाख हेक्टेयर भूमि का सिंचाई होगा.
नुक्कड़ नाटक-भजन होंगे
केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंघ-चंबल लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश के 4.47 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो सकेगी. बेतवा बेसिन से प्रदेश में 2.06 लाख हेक्टेयर में सिंचाई संभव होगी. इससे प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना जिले को फायदा पहुंचेगा. इसी तरह पार्वती चंबल कालीसिंध नदी जोड़ो परियोजना से प्रदेश में 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी. इन परियोजना का लोगों का फायदा बताने के लिए प्रदेश के 3614 गांवों में जल कलश यात्रा पहुंचेगी. इस दौरान पानी के महत्व को बताने नुक्कड़ नाटक, भजन आदि होंगे.