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यहां पेड़ बनकर आशीर्वाद दे रहे हैं पूर्वज, पितृपक्ष में यह पौधा लगाने से खूब होगी तरक्की - Bhopal Bhadbhada Resting Ghat

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 15, 2024, 6:13 PM IST

पितृदोष से मुक्ति के लिए पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है. भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर मृतकों की राख पर लगाए गए पेड़ अब काफी बड़े हो चुके हैं. इस बार भी पौधारोपण की तैयारी चल रही है.

BHADBHADA RESTING GHAT PLANTS
भोपाल का भदभदा विश्राम घाट (ETV Bharat)

भोपाल: सनातन धर्म में पितरों की आत्मा शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि हर साल पितृ पक्ष में पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और श्राद्ध मिलने से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं, लेकिन भोपाल में पुरखे पेड़ बनकर लोगों को जीवन दे रहे हैं. यह वह पेड़ है, जिन्हें भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर पुरखों की अस्थियों के बाद बची राख में पौधों को रोपा गया था और अब यह ऑक्सीजन चेंबर के रूप में काम कर रहे हैं. अब तक यहां करीब 6 हजार पौधे लगाए गए हैं, जो अब करीब 20 फीट तक हो चुके हैं.

भदभदा विश्राम घाट समिति के सचिव ममतेश शर्मा से बातचीत (ETV Bharat)

कोरोना काल में इकट्ठा हुई थी 20 ट्रक राख

भदभदा विश्राम घाट समिति के सचिव ममतेश शर्मा कहते हैं कि ''कोरोना काल के दौरान करीबन 100 दिन के अंदर लगभग 7 हजार दाह संस्कार हुए थे. उस समय शव की राख को मृतकों के परिजन ले जाने को तैयार नहीं थे. तब समिति ने भदभदा विश्राम घाट पर श्रीराम वन तैयार करने का निर्णय लिया था. इसके बाद समिति ने मृतकों के परिजनों और सगे संबंधियों से आग्रह किया था कि इस श्रीराम वन में अपने परिजनों की याद में एक पौधा लेकर आएं और रोपें. इन पौधों का रख रखाव समिति करेगी. इसके बाद पहले चरण में यहां दाह संस्कार की राख डालकर यहां 5 हजार 600 पौधे रोपे गए थे. इसके बाद यहां 700 और पौधे लगाए गए. पिछले 3 सालों में यह पौधे आज करीबन 20 फीट तक के हो चुके हैं और अब एक ऑक्सीजन चेंबर बन चुके हैं.''

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ऑक्सीजन के रूप में दे रहे हैं आशीर्वाद

ममतेश शर्मा कहते हैं कि पूर्वजों की देह की राख में तैयार हुए यह पौधे अब एक तरह से पुरखे बनकर ऑक्सीजन के रूप में अपना आशीर्वाद दे रहे हैं. यहां कुछ और स्थान खाली है, उसे भी पौधारोपण के लिए तैयार कराने पर विचार चल रहा है, ताकि जो भी व्यक्ति अपने पूवर्जों की याद में पौधा रोपना चाहता है. वह यहां आकर लगा सकेगा. साथ ही उसके पास पूर्वज का नाम भी लिख सकेंगे. श्राद्ध पक्ष में पौधे रोपने का अपना महत्व है. ज्योतिषाचार्य पं. विष्णु राजौरिया कहते हैं कि श्राद्ध पक्ष में पीपल का पेड़ खासतौर से लगाना चाहिए. पीपल में देवताओं के साथ पितृ का भी वास माना जाता है. इसलिए पीपल के पेड़ पर दूध में पानी और तिल मिलाकर चढ़ाने का प्रावधान है. इससे पितृ संतुष्ट होते हैं. पीपल के अलावा बरगद, बिल्वपत्र, अशोक का भी पेड़ लगाना चाहिए.

भोपाल: सनातन धर्म में पितरों की आत्मा शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि हर साल पितृ पक्ष में पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और श्राद्ध मिलने से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं, लेकिन भोपाल में पुरखे पेड़ बनकर लोगों को जीवन दे रहे हैं. यह वह पेड़ है, जिन्हें भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर पुरखों की अस्थियों के बाद बची राख में पौधों को रोपा गया था और अब यह ऑक्सीजन चेंबर के रूप में काम कर रहे हैं. अब तक यहां करीब 6 हजार पौधे लगाए गए हैं, जो अब करीब 20 फीट तक हो चुके हैं.

भदभदा विश्राम घाट समिति के सचिव ममतेश शर्मा से बातचीत (ETV Bharat)

कोरोना काल में इकट्ठा हुई थी 20 ट्रक राख

भदभदा विश्राम घाट समिति के सचिव ममतेश शर्मा कहते हैं कि ''कोरोना काल के दौरान करीबन 100 दिन के अंदर लगभग 7 हजार दाह संस्कार हुए थे. उस समय शव की राख को मृतकों के परिजन ले जाने को तैयार नहीं थे. तब समिति ने भदभदा विश्राम घाट पर श्रीराम वन तैयार करने का निर्णय लिया था. इसके बाद समिति ने मृतकों के परिजनों और सगे संबंधियों से आग्रह किया था कि इस श्रीराम वन में अपने परिजनों की याद में एक पौधा लेकर आएं और रोपें. इन पौधों का रख रखाव समिति करेगी. इसके बाद पहले चरण में यहां दाह संस्कार की राख डालकर यहां 5 हजार 600 पौधे रोपे गए थे. इसके बाद यहां 700 और पौधे लगाए गए. पिछले 3 सालों में यह पौधे आज करीबन 20 फीट तक के हो चुके हैं और अब एक ऑक्सीजन चेंबर बन चुके हैं.''

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ममतेश शर्मा कहते हैं कि पूर्वजों की देह की राख में तैयार हुए यह पौधे अब एक तरह से पुरखे बनकर ऑक्सीजन के रूप में अपना आशीर्वाद दे रहे हैं. यहां कुछ और स्थान खाली है, उसे भी पौधारोपण के लिए तैयार कराने पर विचार चल रहा है, ताकि जो भी व्यक्ति अपने पूवर्जों की याद में पौधा रोपना चाहता है. वह यहां आकर लगा सकेगा. साथ ही उसके पास पूर्वज का नाम भी लिख सकेंगे. श्राद्ध पक्ष में पौधे रोपने का अपना महत्व है. ज्योतिषाचार्य पं. विष्णु राजौरिया कहते हैं कि श्राद्ध पक्ष में पीपल का पेड़ खासतौर से लगाना चाहिए. पीपल में देवताओं के साथ पितृ का भी वास माना जाता है. इसलिए पीपल के पेड़ पर दूध में पानी और तिल मिलाकर चढ़ाने का प्रावधान है. इससे पितृ संतुष्ट होते हैं. पीपल के अलावा बरगद, बिल्वपत्र, अशोक का भी पेड़ लगाना चाहिए.

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