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PUC के बगैर बाहर निकले तो कटेगा चालान, रेस्टोरेंट और होटल वाले नहीं जला सकेंगे तंदूर

बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर भोपाल कमिश्नर ने सख्ती दिखाई है. उन्होंने अधिकारियों को 100 दिन का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए.

BHOPAL AIR QUALITY IMPROVE PLAN
भोपाल का वायु प्रदूषण सुधारने एक्शन प्लान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

भोपाल: राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण और एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर भोपाल कमिश्नर संजीव सिंह ने नाराजगी जताई है. मंगलवार को कमिश्नर कार्यालय में उन्होंने कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाकर वायु प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए. उन्होंने जिला प्रशासन, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने और इसकी सतत निगरानी करने को भी कहा है.

अनफिट वाहनों पर होगी कार्रवाई, पीयूसी जरूरी

कमिश्नर संजीव सिंह ने आरटीओ एवं ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए कि "अनफिट वाहनों पर उचित कार्रवाई करें एवं पीयूसी यूनिट द्वारा लगातार जांच कर सर्टिफिकेट जारी करें. उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी को निर्देश दिए कि एयर क्वालिटी इंडेक्स की हर त्रैमासिक रिपोर्ट की समीक्षा की जाए. वहीं हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों की तीसरे माह के प्रथम सप्ताह में मॉनिटरिंग की जाए. कमिश्नर ने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मॉडरेड श्रेणी के हॉट स्पॉट की निगरानी के लिए विस्तृत रणनीति तैयार कर कारण एवं निवारण की रिपोर्ट भी तैयार की जाए. वहीं उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर एक्यूआई की तुलनात्मक गणना भी करें."

रेस्टोरेंट और होटलों में नहीं जलेंगे तंदूर

कमिश्नर संजीव सिंह ने जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी को भी निर्देशित किया है कि "नगर में व्यावसायिक गतिविधियों रेस्ट्रोरेंट, होटलों के तंदूर, ठेले इत्यादि पर अनाधिकृत ईंधन उपयोग करने पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करें. व्यवसायिक स्थलों पर एलपीजी के उपयोग को लेकर जागरुक किया जाए. साथ ही जिले में कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने पर भी अधिकारी किसानों पर नियमानुसार कार्रवाई करें. पूर्व में हुए ऐसे प्रकरणों की समीक्षा कर कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा जांच की जाए. साथ ही किसानों को पराली जलाने के हानिकारक दुष्परिणाम के बारे में भी जागरूक करें. किसानों को आवश्यकतानुसार मशीनीकृत सहयोग जैसे कि सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, अनुदान के साथ प्रदान किए जाएं."

सड़कों और प्रदूषण वाले स्थानों पर पानी का छिड़काव

संभागायुक्त ने नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण को निर्देश दिए कि "नगर में प्रदूषण के हॉट स्पॉट एवं धूल उड़ने के स्थानों पर पानी का छिड़काव और नियमित सफाई कराएं. रात के समय में कचरे से अलाव जलाकर हाथ सेंकने की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के साथ शहरवासियों को व्यापक स्तर पर जागरुक करें. इनका निरीक्षण भी किया जाए. कमिश्नर सिंह ने आरटीओ भोपाल के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि बेव बेस पीयूसी मानीटरिंग को आनलाइन कर व्यापक स्तर पर जांच करें. इसके साथ मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी निर्देश दिया गया है कि वो आसपास के क्षेत्रों में संचालित प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ भी अभियान चलाएं. ऐसे उद्योगों की सूची भी तैयार की जाए."

बढ़ते प्रदूषण के लिए सबसे अधिक उखड़ी सड़कें जिम्मेदार

दरअसल मेसर्स एआरआई पुणे द्वारा भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता के संबंध में एक स्टडी की गई थी. जिसमें सामने आया कि भोपाल की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले मुख्य वायु प्रदूषणकारी कारक धूल है. जो पीएम 10 की मात्रा बढ़ाने में उखड़ी सड़कों की धूल 62.2 प्रतिशत जिम्मेदार है. जबकि इन्हीं सड़कों से उड़ती धूल के कारण पीएम 2.5 भी 38 प्रतिशत बढ़ रहा है. वहीं यातायात परिवहन के कारण 13 प्रतिशत पीएम 10 और 33 प्रतिशत पीएम 2.5 बढ़ रहा है. संभागायुक्त ने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सड़कों का निर्माण कराने, गड्ढे भरवाने और निरंतर पीयूसी जांचने के साथ अनफिट वाहनों को सड़कों से हटाने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें:

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भोपाल में तेजी से बढ़ रहा वायु प्रदूषण, कलेक्टर ने जताई नाराजगी, अब जरुरी होगा PUC सर्टिफिकेट लेना

भोपाल में चलेगा 100 दिन का विशेष अभियान

भोपाल शहर की एक्यूआई सुधारने के लिए भोपाल नगर निगम द्वारा 100 दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां की जाएगी. धन तेरस और छोटी दिवाली एवं दीवाली के दिन विशेष रूप से धूल दमन के लिए पानी का छिड़काव, यांत्रिक सड़क स्वीपिंग मशीन के साथ, वाटर फॉगर मशीन का अधिक उपयोग किया जाएगा. भोपाल के विभिन्न स्थानों पर 85 फाउंटेन शुरू किए जाएंगे. सभी कचरा संग्रहण वाहनों की पीयूसी चैकिंग की जाएगी.

भोपाल: राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण और एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर भोपाल कमिश्नर संजीव सिंह ने नाराजगी जताई है. मंगलवार को कमिश्नर कार्यालय में उन्होंने कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाकर वायु प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए. उन्होंने जिला प्रशासन, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने और इसकी सतत निगरानी करने को भी कहा है.

अनफिट वाहनों पर होगी कार्रवाई, पीयूसी जरूरी

कमिश्नर संजीव सिंह ने आरटीओ एवं ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए कि "अनफिट वाहनों पर उचित कार्रवाई करें एवं पीयूसी यूनिट द्वारा लगातार जांच कर सर्टिफिकेट जारी करें. उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी को निर्देश दिए कि एयर क्वालिटी इंडेक्स की हर त्रैमासिक रिपोर्ट की समीक्षा की जाए. वहीं हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों की तीसरे माह के प्रथम सप्ताह में मॉनिटरिंग की जाए. कमिश्नर ने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मॉडरेड श्रेणी के हॉट स्पॉट की निगरानी के लिए विस्तृत रणनीति तैयार कर कारण एवं निवारण की रिपोर्ट भी तैयार की जाए. वहीं उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर एक्यूआई की तुलनात्मक गणना भी करें."

रेस्टोरेंट और होटलों में नहीं जलेंगे तंदूर

कमिश्नर संजीव सिंह ने जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी को भी निर्देशित किया है कि "नगर में व्यावसायिक गतिविधियों रेस्ट्रोरेंट, होटलों के तंदूर, ठेले इत्यादि पर अनाधिकृत ईंधन उपयोग करने पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करें. व्यवसायिक स्थलों पर एलपीजी के उपयोग को लेकर जागरुक किया जाए. साथ ही जिले में कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने पर भी अधिकारी किसानों पर नियमानुसार कार्रवाई करें. पूर्व में हुए ऐसे प्रकरणों की समीक्षा कर कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा जांच की जाए. साथ ही किसानों को पराली जलाने के हानिकारक दुष्परिणाम के बारे में भी जागरूक करें. किसानों को आवश्यकतानुसार मशीनीकृत सहयोग जैसे कि सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, अनुदान के साथ प्रदान किए जाएं."

सड़कों और प्रदूषण वाले स्थानों पर पानी का छिड़काव

संभागायुक्त ने नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण को निर्देश दिए कि "नगर में प्रदूषण के हॉट स्पॉट एवं धूल उड़ने के स्थानों पर पानी का छिड़काव और नियमित सफाई कराएं. रात के समय में कचरे से अलाव जलाकर हाथ सेंकने की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के साथ शहरवासियों को व्यापक स्तर पर जागरुक करें. इनका निरीक्षण भी किया जाए. कमिश्नर सिंह ने आरटीओ भोपाल के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि बेव बेस पीयूसी मानीटरिंग को आनलाइन कर व्यापक स्तर पर जांच करें. इसके साथ मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी निर्देश दिया गया है कि वो आसपास के क्षेत्रों में संचालित प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ भी अभियान चलाएं. ऐसे उद्योगों की सूची भी तैयार की जाए."

बढ़ते प्रदूषण के लिए सबसे अधिक उखड़ी सड़कें जिम्मेदार

दरअसल मेसर्स एआरआई पुणे द्वारा भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता के संबंध में एक स्टडी की गई थी. जिसमें सामने आया कि भोपाल की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले मुख्य वायु प्रदूषणकारी कारक धूल है. जो पीएम 10 की मात्रा बढ़ाने में उखड़ी सड़कों की धूल 62.2 प्रतिशत जिम्मेदार है. जबकि इन्हीं सड़कों से उड़ती धूल के कारण पीएम 2.5 भी 38 प्रतिशत बढ़ रहा है. वहीं यातायात परिवहन के कारण 13 प्रतिशत पीएम 10 और 33 प्रतिशत पीएम 2.5 बढ़ रहा है. संभागायुक्त ने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सड़कों का निर्माण कराने, गड्ढे भरवाने और निरंतर पीयूसी जांचने के साथ अनफिट वाहनों को सड़कों से हटाने के निर्देश दिए हैं.

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