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पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था मरीज, जांच में निकला पेनक्रियाज कैंसर, एम्स के डॉक्टरों ने बचाई जान - BHOPAL AIIMS OPERATION

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एम्स के डॉक्टरों ने फिर कमाल दिखाया. पेनक्रियाज कैंसर से पीड़ित मरीज का सफल ऑपरेशन किया.

BHOPAL AIIMS OPERATION
एम्स के डॉक्टरों ने कैंसर का किया इलाज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 21, 2024, 7:21 PM IST

भोपाल: एम्स अस्पताल के डाक्टरों ने एक बार फिर पेनक्रियाज कैंसर से जूझ रहे एक मरीज की जान बचाने में सफलता पाई है. दरअसल, मरीज अस्पताल में पेट दर्द और पीलिया (ज्वाइंडिस) की बीमारी का इलाज कराने भोपाल आया था. जब उसने एम्स अस्पताल के डाक्टरों को दिखाया, तो उन्होंने इससे संबंधित जांच कराई. इसमें पता चला कि मरीज के अग्नाशय में कैंसर है. इसी वजह से उसे बार-बार पीलिया और पेट में दर्द होता था. बीमारी का पता लगने के बाद मरीज का एम्स अस्पताल में सफल इलाज किया गया.

निजी अस्पतालों में इलाज के बाद भी नहीं हुआ सुधार

एम्स में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के डाक्टरों ने बताया कि '55 वर्षीय मरीज बीते 6 महीने से पेट के उपरी हिस्से में दर्द और पीलिया की समस्या से जूझ रहा था. एम्स आने से पहले उसने प्रदेश के कुछ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज कराया, लेकिन वहां से उसे आराम नहीं मिला. जबकि पेट दर्द समेत अन्य समस्याएं बढ़ती जा रही थी. जिसके बाद मरीज एम्स भोपाल के मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ओपीडी में आया. जहां परीक्षण के बाद पता चला कि उसे अग्नाशय का कैंसर है. इसके बाद मरीज की तकलीफ कम करने और पित्त की नली के रुकावट को दूर करने के लिए स्टेंटिंग प्रक्रिया की गई और उसे आगे के इलाज के लिए सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में भेजा गया.

एम्स में 8 घंटे तक चली सर्जरी

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में जांच के बाद डॉ. नीलेश श्रीवास्तव की टीम ने मरीज के अग्नाशय से ट्यूमर को निकाला. डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने बताया कि 'व्यापक परीक्षणों के बाद पुष्टि हुई कि मरीज के ट्यूमर को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाया जा सकता है. ऐसे में हमारी टीम ने व्हिपल प्रक्रिया की तैयारी की. जिससे मरीज के स्वस्थ होने की संभावनाएं बढ़ सके. 8 घंटे तक चली यह सर्जरी सर्जिकल और एनेस्थीसिया टीमों के संयुक्त प्रयासों से सफलतापूर्वक पूरी हुई. मरीज को ऑपरेशन के बाद सर्जिकल आईसीयू में उत्कृष्ट देखभाल की गई. जिससे उसकी रिकवरी भी जल्दी हो गई.'

यहां पढ़ें...

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एम्स में 16वें पेनक्रियाज कैंसर का सफल ऑपरेशन

एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि 'यह उपलब्धि हमारे समाज की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति हमारी निरंतर
प्रतिबद्धता का प्रतीक है. प्रत्येक सफल सर्जरी हमारे मरीजों और उनके परिवारों के लिए आशा का प्रतिनिधित्व करती है. एम्स भोपाल में हम उपचार की किरण बने रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और चिकित्सा उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि अग्न्याशय कैंसर अपनी आक्रामकता के लिए जाना जाता है. प्रभावी प्रबंधन के लिए इसकी प्रारंभिक पहचान अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. ट्यूमर को हटाने के लिए व्हिपल प्रक्रिया, द्वारा की जाने वाली सर्जरी एक जटिल शल्य चिकित्सा है. एम्‍स भोपाल में पिछले एक वर्ष के दौरान 16 अग्न्याशय कैंसर मरीजों का सफल उपचार किया गया.

भोपाल: एम्स अस्पताल के डाक्टरों ने एक बार फिर पेनक्रियाज कैंसर से जूझ रहे एक मरीज की जान बचाने में सफलता पाई है. दरअसल, मरीज अस्पताल में पेट दर्द और पीलिया (ज्वाइंडिस) की बीमारी का इलाज कराने भोपाल आया था. जब उसने एम्स अस्पताल के डाक्टरों को दिखाया, तो उन्होंने इससे संबंधित जांच कराई. इसमें पता चला कि मरीज के अग्नाशय में कैंसर है. इसी वजह से उसे बार-बार पीलिया और पेट में दर्द होता था. बीमारी का पता लगने के बाद मरीज का एम्स अस्पताल में सफल इलाज किया गया.

निजी अस्पतालों में इलाज के बाद भी नहीं हुआ सुधार

एम्स में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के डाक्टरों ने बताया कि '55 वर्षीय मरीज बीते 6 महीने से पेट के उपरी हिस्से में दर्द और पीलिया की समस्या से जूझ रहा था. एम्स आने से पहले उसने प्रदेश के कुछ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज कराया, लेकिन वहां से उसे आराम नहीं मिला. जबकि पेट दर्द समेत अन्य समस्याएं बढ़ती जा रही थी. जिसके बाद मरीज एम्स भोपाल के मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ओपीडी में आया. जहां परीक्षण के बाद पता चला कि उसे अग्नाशय का कैंसर है. इसके बाद मरीज की तकलीफ कम करने और पित्त की नली के रुकावट को दूर करने के लिए स्टेंटिंग प्रक्रिया की गई और उसे आगे के इलाज के लिए सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में भेजा गया.

एम्स में 8 घंटे तक चली सर्जरी

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में जांच के बाद डॉ. नीलेश श्रीवास्तव की टीम ने मरीज के अग्नाशय से ट्यूमर को निकाला. डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने बताया कि 'व्यापक परीक्षणों के बाद पुष्टि हुई कि मरीज के ट्यूमर को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाया जा सकता है. ऐसे में हमारी टीम ने व्हिपल प्रक्रिया की तैयारी की. जिससे मरीज के स्वस्थ होने की संभावनाएं बढ़ सके. 8 घंटे तक चली यह सर्जरी सर्जिकल और एनेस्थीसिया टीमों के संयुक्त प्रयासों से सफलतापूर्वक पूरी हुई. मरीज को ऑपरेशन के बाद सर्जिकल आईसीयू में उत्कृष्ट देखभाल की गई. जिससे उसकी रिकवरी भी जल्दी हो गई.'

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एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि 'यह उपलब्धि हमारे समाज की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति हमारी निरंतर
प्रतिबद्धता का प्रतीक है. प्रत्येक सफल सर्जरी हमारे मरीजों और उनके परिवारों के लिए आशा का प्रतिनिधित्व करती है. एम्स भोपाल में हम उपचार की किरण बने रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और चिकित्सा उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि अग्न्याशय कैंसर अपनी आक्रामकता के लिए जाना जाता है. प्रभावी प्रबंधन के लिए इसकी प्रारंभिक पहचान अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. ट्यूमर को हटाने के लिए व्हिपल प्रक्रिया, द्वारा की जाने वाली सर्जरी एक जटिल शल्य चिकित्सा है. एम्‍स भोपाल में पिछले एक वर्ष के दौरान 16 अग्न्याशय कैंसर मरीजों का सफल उपचार किया गया.

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