भोपाल। भोपाल में 29 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटकर विधायकों और मंत्रियों के लिए आवास बनाए जाने के प्रोजेक्ट को सरकार ने निरस्त कर दिया है. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस प्रोजेक्ट को निरस्त किए जाने की जानकारी सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करके दी है. उन्होंने कहा कि 'नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में विद्यमान वृक्षों को देखते हुए प्रस्ताव को संपूर्ण विचार के बाद अस्वीकृत कर दिया गया है. अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं.'
फैसले का लोगों ने किया स्वागत
उधर सरकार के इस फैसले का जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है. बीजेपी के स्थानीय विधायक भगवान दास सबनानी ने इस फैसले के मंत्री का आभार जताया है. पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. सुभाष पांडे ने कहा कि 'पर्यावरण को बचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस लेकर भोपाल शहर की हरियाली को बचाने का काम किया है, लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर अधिकारी बार-बार राजधानी की हरियाली को चोट पहुंचाने वाले प्रस्ताव लेकर क्यों आते हैं. इस प्रोजेक्ट के पहले विधानसभा के पीछे भी इसी तरह का प्रस्ताव लाया गया था.
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पर्यावरण को बचाने लामबंद हुए थे लोग
दरअसल, शिवाजी नगर और तुलसी नगर भोपाल का सबसे हराभरा इलाका है. यहां कई सालों पहले सरकार क्वार्टर बनाए गए थे. बाद में यहां कुछ सरकारी प्रोजेक्ट भी आए. इस क्षेत्र में करीबन 29 हजार से ज्यादा पेड़ मौजूद हैं. हाउसिंग वोर्ड द्वारा इस स्थान पर मध्य प्रदेश के विधायकों और मंत्रियों के लिए आवास बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसके लिए इन पेड़ों को काटा जाता. सरकार के इस प्रस्ताव के विरोध में स्थानीय लोग लामबंद हो गए और सड़क पर उतरकर पेड़ों को न काटे जाने की सरकार से अपील की थी.