भोपाल: राजधानी के जंबूरी मैदान में शुक्रवार से 11वें भोपाल विज्ञान मेले का शुभारंभ महापौर मालती राय ने किया. इस चार दिवसीय मेले में विभिन्न कार्यक्रमों, संवाद सत्रों, वर्कशाप और विशेषज्ञ व्याख्यानों से विज्ञान के प्रति जागरूकता और रुचि को बढ़ावा दिया जाएगा. इसमें प्रदेश भर से युवा वैज्ञानिक हिस्सो ले रहे हैं. विज्ञान मेले में युवा वैज्ञानिकों के माडलों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है. इसके साथ ही इस मेले में स्व सहायता समूह और एनजीओ के सदस्यों ने हस्त शिल्प व अन्य कलाकृतियों से संबंधित स्टाल लगाए गये हैं.
प्रदूषित जल को प्राकृतिक तरीके से बना रहे स्वच्छ
मेले में एक स्टाल पर युवा वैज्ञानिकों ने उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल को स्वच्छ बनाने का मॉडल तैयार किया है. इसमें बच्चों ने बताया कि किस प्रकार उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी को रेत, पत्थर व अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर शुद्ध बनाया जा सकता है और इसके पानी का इस्तेमाल खेती और कामर्शियल उपयोग में किया जा सकता है.
घर पर ही जांच सकेंगे हवा में कितना जहर
स्कूली छात्रों ने घर पर ही एयर क्वालिटी चेक करने के लिए डिवाईस तैयार की है. इसमें सेंसर लगे हुए हैं. यह डिवाईस आसपास कितना वायु प्रदूषण है और ह्यूमिडिटी के बारे में बताती है. खास बात यह है कि यदि वायु की गुणवत्ता अधिक खराब होती है, तो इस डिवाइस में बीप बजने लगती है. जिससे लोग अलर्ट हो सकें. इसके साथ ही इसमें एक एयर फिल्टर भी लगा हुआ है, जो प्रदूषित हवा को साफ करने का काम करता है. इतना ही इस डिवाइस से यदि आप अपने मोबाइल को कनेक्ट कर देते हैं, तो इससे संबंधित पूरा डेटा आपके मोबाइल पर भी मिलने लगता है.
चार दिवसीय मेले में होंगे ये कार्यक्रम
जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने बताया कि "यह मेला विज्ञान, तकनीकी शिक्षा और नवाचार को प्रोत्साहन देने का एक महत्वपूर्ण मंच है. मेले में पहले दिन विज्ञान प्रतिभा सम्मान और प्रतिभागियों से सीधा संवाद किया जाएगा. 'सीखो-कमाओ योजना वर्कशाप' और 'विज्ञान भारती परिचय एवं नवाचार मार्गदर्शन' सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे.
वहीं, 28 दिसंबर को विज्ञान शिक्षक कार्यशाला में शिक्षकों के लिए विशेष सत्र आयोजित होंगे. जिसमें उन्हें आधुनिक विज्ञान शिक्षण तकनीकों से अवगत कराया जाएगा. तीसरे दिन 29 दिसम्बर को विद्यार्थी संवाद और आईकेएस (भारतीय ज्ञान प्रणाली) पर विशेषज्ञ व्याख्यान प्रमुख आकर्षण होंगे. मेले का समापन 30 दिसम्बर को होगा. जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों और प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा."
विकसित भारत 2047 का आधार, विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार
भोपाल विज्ञान मेला 2024 का आयोजन विकसित भारत 2047 का आधार, विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार की थीम पर किया जा रहा है. यह एक ऐसा अद्वितीय मंच प्रदान करता है, जो संवाद के अवसर तो प्रदान करता ही है साथ ही अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी गतिविधियों का दुर्लभ अनुभव भी देता है.
इसमें विभिन्न विषयों पर आधारित पेवेलियन्स जैसे क्रिएटिव लर्निंग सेंटर, प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी पेवेलियन, हस्तशिल्प पेवेलियन, औषधीय पौधों का पेवेलियन, कृषि-प्रौद्योगिकी पेवेलियन, प्रमुख वैज्ञानिकों की जीवनी पर पेवेलियन, विभिन्न सरकारी योजनाओं पर पवेलियन आदि भी होंगे. विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तर के संगठन व संस्थाएं जैसे डीएई, इसरो, डीआरडीओ, एनटीपीसी, एनएचडीसी, सीआईएल, सीएसआईआर प्रयोगशालाएं और कृषि से संबंधित नवाचारों के भी स्टाल लगाए गए हैं.