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भिवानी की मुस्कान श्योराण का कमाल, राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीती गोल्ड - PARA ATHLETICS CHAMPIONSHIP

23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भिवानी की मुस्कान श्योराण ने स्वर्ण पदक जीता है.

भिवानी की मुस्कान श्योराण ने जीता गोल्ड
भिवानी की मुस्कान श्योराण ने जीता गोल्ड (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 21, 2025, 4:08 PM IST

भिवानी: 17 से 20 फरवरी तक चेन्नई के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुई 23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 में भिवानी की खिलाड़ी मुस्कान श्योराण ने गोल्ड मेडल जीता है. मुस्कान ने ये पदक गोला फेंक स्पर्धा में हासिल किया है. मुस्कान के गोल्ड जीतने से खेल नगरी भिवानी का नाम एक बार फिर रोशन हुआ है. पदक विजेता बेटी मुस्कान की उपलब्धि से भिवानी के लोगों में खुशी का माहौल है.

1.2 मीटर के अंतर से प्रतिद्वंदी को हराया : इस बारे में जानकारी देते हुए कोच मदन ने बताया कि 23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मुस्कान श्योराण ने 4.92 मीटर गोला फेंककर स्वर्ण पदक हासिल किया है. मुस्कान ने द्वितीय स्थान पर रही अपनी प्रतिद्वंदी को 1.2 मीटर के अंतर से मात दी, जो कि गोला फेक खेल के क्षेत्र में बड़ी जीत मानी जाती है, क्योंंकि इस प्रकार के खेल की जीत व हार एक-एक प्वाईंट पर निर्भर करती है. उन्होंने बताया कि मुस्कान एक होनहार खिलाड़ी है, जिन्होंने पहले भी राष्ट्रीय पैरा चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल कर भिवानी का मान बढ़ाया और लगातार दूसरे वर्ष भी राष्ट्रीय पैरा चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा एक बार फिर से मनवाया है.

भिवानी की मुस्कान श्योराण पदक दिखाती हुई
भिवानी की मुस्कान श्योराण पदक दिखाती हुई (ETV Bharat)

गांव से भिवानी आकर बसे, परिणाम आज सबके सामने : वहीं बेटी मुस्कान की उपलब्धि पर खुशी जताते उनके पिता रमेश श्योराण ने बताया कि मूल रूप से गांव पहाड़ी के निवासी है, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की खेल प्रतिभा को भांपते हुए भिवानी में रहने लगे, ताकि मुस्कान को अच्छी ट्रेनिंग दी जा सकें. क्योंकि गांव पहाड़ी में ना तो अच्छे खेल स्टेडियम है और ना ही अच्छे प्रशिक्षक.

मुस्कान की उपलब्धि एक प्रेरणा : उन्होंने कहा कि भिवानी खेल के क्षेत्र में अग्रणीय है और उन्होंने भिवानी में रहने की सोची. जिसका परिणाम आज सभी के सामने है. उन्होंने कहा कि बेटी मुस्कान शारीरिक चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए लगातार अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है, जो कि समाज के अन्य बच्चों के लिए एक प्रेरणा है.

इसे भी पढ़ें : पिता के सपने को बेटी ने किया साकार, क्रिकेट टूर्नामेंट में ऑलराउंडर खिलाड़ी बनी, भारतीय टीम की कैप्टन बनना कनिका खर्ब का लक्ष्य

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भिवानी: 17 से 20 फरवरी तक चेन्नई के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुई 23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 में भिवानी की खिलाड़ी मुस्कान श्योराण ने गोल्ड मेडल जीता है. मुस्कान ने ये पदक गोला फेंक स्पर्धा में हासिल किया है. मुस्कान के गोल्ड जीतने से खेल नगरी भिवानी का नाम एक बार फिर रोशन हुआ है. पदक विजेता बेटी मुस्कान की उपलब्धि से भिवानी के लोगों में खुशी का माहौल है.

1.2 मीटर के अंतर से प्रतिद्वंदी को हराया : इस बारे में जानकारी देते हुए कोच मदन ने बताया कि 23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मुस्कान श्योराण ने 4.92 मीटर गोला फेंककर स्वर्ण पदक हासिल किया है. मुस्कान ने द्वितीय स्थान पर रही अपनी प्रतिद्वंदी को 1.2 मीटर के अंतर से मात दी, जो कि गोला फेक खेल के क्षेत्र में बड़ी जीत मानी जाती है, क्योंंकि इस प्रकार के खेल की जीत व हार एक-एक प्वाईंट पर निर्भर करती है. उन्होंने बताया कि मुस्कान एक होनहार खिलाड़ी है, जिन्होंने पहले भी राष्ट्रीय पैरा चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल कर भिवानी का मान बढ़ाया और लगातार दूसरे वर्ष भी राष्ट्रीय पैरा चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा एक बार फिर से मनवाया है.

भिवानी की मुस्कान श्योराण पदक दिखाती हुई
भिवानी की मुस्कान श्योराण पदक दिखाती हुई (ETV Bharat)

गांव से भिवानी आकर बसे, परिणाम आज सबके सामने : वहीं बेटी मुस्कान की उपलब्धि पर खुशी जताते उनके पिता रमेश श्योराण ने बताया कि मूल रूप से गांव पहाड़ी के निवासी है, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की खेल प्रतिभा को भांपते हुए भिवानी में रहने लगे, ताकि मुस्कान को अच्छी ट्रेनिंग दी जा सकें. क्योंकि गांव पहाड़ी में ना तो अच्छे खेल स्टेडियम है और ना ही अच्छे प्रशिक्षक.

मुस्कान की उपलब्धि एक प्रेरणा : उन्होंने कहा कि भिवानी खेल के क्षेत्र में अग्रणीय है और उन्होंने भिवानी में रहने की सोची. जिसका परिणाम आज सभी के सामने है. उन्होंने कहा कि बेटी मुस्कान शारीरिक चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए लगातार अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है, जो कि समाज के अन्य बच्चों के लिए एक प्रेरणा है.

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