भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया. जहां गुमशुदा हुई एक महिला के शव मिलने के बाद परिजन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया, तो वहीं पुलिस इस हत्या की जांच में जुटी थी, लेकिन करीब दो महीने बाद ही यह महिला भिंड पुलिस को उत्तर प्रदेश के नोएडा में नौकरी करती मिली, दिमाग को उलझा देने वाला यह केस भी अब पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है.
दो मई को गायब हुई, परिजन ने जले शव से पहचाना
असल में जानकारी के अनुसार महगांव के पोरसा रोड पर ससुराल में रह रही ज्योति अचानक 2 मई को गायब हो गई थी. जिसको लेकर ससुरालीजन ने मेहगांव पुलिस थाने में पहुंचकर ज्योति के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही मौ थाना क्षेत्र के कतरौल दंदरौआ रोड पर ग्राम मढ़रौली के पास एक महिला का अधजला हुआ शव मिला. जब शव की शिनाख्त कराई गई, तो ज्योति के मायके पक्ष के लोगों ने उसकी पहचान करते हुए ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगा दिया.
शव की शिनाख्त के बाद किया अंतिम संस्कार
ज्योति के मरने की बात सामने आने के बाद परिजन ने उसका अंतिम संस्कार कर शांति भोज कराया. वहीं पुलिस ने संदेह के चलते यह मामला जांच में लिया और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना आगे बढ़ायी, लेकिन इस विवेचना में पुलिस को झटका तब लगा, जब लगभग 50 दिन बाद अचानक ज्योति का पति सुनील पुलिस के पास पहुंचा और उसने पुलिस से अपनी पत्नी के केस को लेकर बातचीत की.
पति को आया मैसेज, ज्योति ने अंगूठा लगाकर निकाले रुपए
महिला के पति सुनील के मुताबिक 17 जून 2024 को उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया. जिससे पता चला कि उसकी पत्नी ज्योति है. जनधन खाते से लाड़ली बहना योजना के 2 हजार रुपय निकाले गए हैं. जब इस बात की जानकारी बैंक पहुंच कर ली तो पता चला कि उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक कियोस्क सेंटर से फिंगर प्रिंट स्कैन के जरिए यह ट्रांजेक्शन किया गया है.
सीसीटीवी से पता चला ज्योति जिंदा है
असल में ज्योति के बैंक खाते में उसके पति सुनील का मोबाइल नंबर जुड़ा हुआ था. ऐसे में लाड़ली बहना योजना के पैसे ज्योति के खाते में आते थे और बैंक से होने वाले ट्रांजेक्शन के मैसेज सुनील के मोबाइल पर ही आते थे. जब यह बात उसने पुलिस को बतायी तो पुलिस ने मथुरा पहुंच कर कियोस्क सेंटर के CCTV खंगाले तो पता चला कि खाते से रुपये निकालने वाली महिला कोई और नहीं बल्कि खुद मृत बतायी जा रही ज्योति थी, ये बात सामने आते ही पुलिस का भी सिर चकरा गया.
फोन पैकिंग कंपनी में कर रही थी नौकरी
सीसीटीवी के आधार पर इस बात की पुष्टि तो हो गई कि ज्योति जिंदा है. फिर मौ और महगांव पुलिस ने संयुक्त रूप से उसकी ट्रेसिंग शुरू की और लोकेशन का पता लगाया. इसके बाद उसके पीछे पुलिस टीम उत्तर प्रदेश के नोएडा पहुंची जहां एक उसे एक मोबाइल पैकिंग कंपनी में उसे पकड़ लिया, पता चला कि पिछले कई दिनों सी वह इसी कंपनी में नौकरी कर रही थी.
शादी से खुश नहीं थी इसलिए छोड़ दिया था घर
पुलिस उसे अपने साथ भिंड वापस ले आयी और जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि वह शादी नहीं करना चाहती थी. उसे अकेले रहना था, लेकिन घरवालों ने जबरन उसकी शादी करा दी थी. उसके दो बच्चे भी हुए, लेकिन हमेशा अपने पति के साथ झगड़ा होता रहता था. इस सब से तंग आकर वह घर छोड़ कर चली गई थी.
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ज्योति जिंदा तो अंतिम संस्कार वाला शव किसका
अब इस सब में सवाल पुलिस के लिए खड़ा हो गया है, कि जिस ज्योति के जले शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया, वह तो जिंदा है, ऐसे में जिस महिला का शव मढ़रौली गांव के पास मिला था और उसे ज्योति समझकर जला दिया गया वह कौन थी. अब ये केस पुलिस के लिए एक नई मुसीबत बन गया है.