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पत्र मिलते ही नेताजी के समर्थकों ने लगाए बैनर पोस्टर, मंत्रालय की जगह हवालात जाने की आई नौबत - MP Fake Cabinet Minister Letter

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

निगम मंडलों में नियुक्तियों का इंतजार तो कई नेताओं को है, लेकिन मध्य प्रदेश के भिंड में एक युवक फर्जी आदेश के जरिए दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री बन बैठा और तो और इस फर्जी कैबिनेट मंत्री के समर्थ कौन है शहर भर में उसे बधाई देते होर्डिंग बैनर भी लगा दिए, लेकिन अब नेताजी को जेल भेजने की तैयारी है.

MP FAKE CABINET MINISTER LETTER
पत्र मिलते ही नेताजी के समर्थकों ने लगाए बैनर पोस्टर (ETV Bharat)

भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड में अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां सामाजिक संगठन 'राष्ट्रीय सामाजिक न्याय एवं मानव अधिकार आयोग भारत सरकार' के प्रदेश अध्यक्ष को मध्य प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम में मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के आदेश जारी हुए हैं. यह सूचना मिलने के बाद डॉ मनोज सिंह श्रीवास नाम के युवक के समर्थक भिंड जिले के अलग-अलग इलाकों में बधाई संदेश देते और बैनर पोस्टर लगाते नजर आए.

अब तक मध्य प्रदेश में निगम मंडलों में प्रदेश सरकार ने कोई नियुक्तियां नहीं की है. ऐसे में जब इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला से बात की गई, तो उन्होंने इस तरह की कोई भी बात की जानकारी न होने की बात कही. साथ ही इस बात की पुष्टि की कि ऐसी कोई नियुक्ति अभी की ही नहीं गई है.

वल्लभ भवन में बैठने वाले सचिव ने भेजा था पत्र

वहीं जब इस बात की तह तक जाने के लिए खुद मनोज सिंह श्रीवास से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि 'वह राष्ट्रीय सामाजिक न्याय एवं मानव अधिकार आयोग भारत सरकार के प्रदेश अध्यक्ष हैं. अक्सर भोपाल के वल्लभ भवन में आना-जाना लगा रहता है. मंत्रालय में ही उनके सचिव लोकेश शर्मा बैठते हैं. उनसे बातचीत के दौरान ही शर्मा ने उसे मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलाने की बात कही थी. इसके बाद लोकेश शर्मा ने मनोज सिंह श्रीवास को पोस्ट के जरिए एक लेटर भी भेजा था. जिसमें उसे कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने की बात लिखी हुई थी.

Manoj Singh Shrivas Fake Cabinet Minister letter
मनोज श्रीवास को मंत्री बनाने का फर्जी पत्र (ETV Bharat)

कलेक्टर ने कही FIR की बात

मनोज सिंह श्रीवास का कहना है 'इस पत्र के बारे में जब समर्थकों को पता चला तो उन्होंने उत्साह में बधाई वाले बैनर पोस्टर शहर में लगा दिए. जिस समय यह बैनर पोस्टर लगाए गए, उस वक्त मैं जिले में मौजूद भी नहीं था, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी.' वहीं जब इस बारे में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से बात की गई तो, उन्होंने इस मामले को शासन के नाम पर फ्रॉड करने वाला बताया है. उन्होंने कहा इस तरह की किसी भी कैबिनेट मंत्री के दर्जे वाली जानकारी शासन द्वारा उन्हें नहीं दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि अपने रुतबे के लिए इस तरह का कार्य अनुचित है. जल्द ही इस मामले में FIR करने पर विचार किया जाएगा.'

वहीं FIR की बात सामने आने के बाद फर्जी कैबिनेट मंत्री बनने के आरोपी मनोज सिंह श्रीवास का कहना है कि कलेक्टर द्वारा ऐसा कोई भी कदम उठाए जाने से पहले मामले की जांच होनी चाहिए.

यहां पढ़ें...

"बाप से अय्याशी, हमसे बदमाशी", साइबर एसपी से गजब छेड़छाड़, फेक ID से शेयर हो रही रील

कांग्रेस ने लिखा- रील मंत्री जी, एक और छोटी से घटना हो गई, रेल मंत्रालय ने दिखा दिया आईना, अब लोग ले रहे मजे

'मुख्यमंत्री ने मुलाकात के लिए बुलाया है'

मनोज सिंह श्रीवास के मुताबिक वह बीजेपी से जुड़ा हुआ है और इस संबंध में उसकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है. जिन्होंने उसे मुलाकात के लिए भोपाल बुलाया है और यह आश्वासन दिया है कि जल्द ही उनकी ओर से भिंड कलेक्टर के लिए जांच संबंधी एक पत्र भेजा जाएगा.

भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड में अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां सामाजिक संगठन 'राष्ट्रीय सामाजिक न्याय एवं मानव अधिकार आयोग भारत सरकार' के प्रदेश अध्यक्ष को मध्य प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम में मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के आदेश जारी हुए हैं. यह सूचना मिलने के बाद डॉ मनोज सिंह श्रीवास नाम के युवक के समर्थक भिंड जिले के अलग-अलग इलाकों में बधाई संदेश देते और बैनर पोस्टर लगाते नजर आए.

अब तक मध्य प्रदेश में निगम मंडलों में प्रदेश सरकार ने कोई नियुक्तियां नहीं की है. ऐसे में जब इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला से बात की गई, तो उन्होंने इस तरह की कोई भी बात की जानकारी न होने की बात कही. साथ ही इस बात की पुष्टि की कि ऐसी कोई नियुक्ति अभी की ही नहीं गई है.

वल्लभ भवन में बैठने वाले सचिव ने भेजा था पत्र

वहीं जब इस बात की तह तक जाने के लिए खुद मनोज सिंह श्रीवास से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि 'वह राष्ट्रीय सामाजिक न्याय एवं मानव अधिकार आयोग भारत सरकार के प्रदेश अध्यक्ष हैं. अक्सर भोपाल के वल्लभ भवन में आना-जाना लगा रहता है. मंत्रालय में ही उनके सचिव लोकेश शर्मा बैठते हैं. उनसे बातचीत के दौरान ही शर्मा ने उसे मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलाने की बात कही थी. इसके बाद लोकेश शर्मा ने मनोज सिंह श्रीवास को पोस्ट के जरिए एक लेटर भी भेजा था. जिसमें उसे कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने की बात लिखी हुई थी.

Manoj Singh Shrivas Fake Cabinet Minister letter
मनोज श्रीवास को मंत्री बनाने का फर्जी पत्र (ETV Bharat)

कलेक्टर ने कही FIR की बात

मनोज सिंह श्रीवास का कहना है 'इस पत्र के बारे में जब समर्थकों को पता चला तो उन्होंने उत्साह में बधाई वाले बैनर पोस्टर शहर में लगा दिए. जिस समय यह बैनर पोस्टर लगाए गए, उस वक्त मैं जिले में मौजूद भी नहीं था, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी.' वहीं जब इस बारे में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से बात की गई तो, उन्होंने इस मामले को शासन के नाम पर फ्रॉड करने वाला बताया है. उन्होंने कहा इस तरह की किसी भी कैबिनेट मंत्री के दर्जे वाली जानकारी शासन द्वारा उन्हें नहीं दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि अपने रुतबे के लिए इस तरह का कार्य अनुचित है. जल्द ही इस मामले में FIR करने पर विचार किया जाएगा.'

वहीं FIR की बात सामने आने के बाद फर्जी कैबिनेट मंत्री बनने के आरोपी मनोज सिंह श्रीवास का कहना है कि कलेक्टर द्वारा ऐसा कोई भी कदम उठाए जाने से पहले मामले की जांच होनी चाहिए.

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'मुख्यमंत्री ने मुलाकात के लिए बुलाया है'

मनोज सिंह श्रीवास के मुताबिक वह बीजेपी से जुड़ा हुआ है और इस संबंध में उसकी मुख्यमंत्री से भी बात हुई है. जिन्होंने उसे मुलाकात के लिए भोपाल बुलाया है और यह आश्वासन दिया है कि जल्द ही उनकी ओर से भिंड कलेक्टर के लिए जांच संबंधी एक पत्र भेजा जाएगा.

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