भिंड : चंबल अंचल में सबसे बुरे हालात भिंड जिले के हैं. यहां मेहगांव नगर के कई वार्डों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. यहां सितंबर में हुई बारिश लोगों के लिए आफत बनकर बरसी है. लोगों के घरों में पानी घुस गया है और नदी नाले उफान पर हैं. चंबल और सिंधु का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है लेकिन बड़ी परेशानी नगरीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हो रही है क्योंकि जल भराव की वजह से लोग ना तो घर पर रह पा रहे हैं और ना ही बाहर निकल पा रहे हैं.
ग्वालियर-दतिया के बाद भिंड में पानी-पानी
पिछले दो दिनों से मध्य प्रदेश में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. यही वजह है कि पूरा प्रदेश पानी-पानी नज़र आ रहा है. चंबल अंचल में जहां ग्वालियर में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं, तो वहीं दतिया में बारिश की वजह से सात लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं अब आफत भिंड जिले पर टूट पड़ी है.
चौबीस घंटे में 160 मिमी बारिश
महगांव नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 4,5,6,7,8 पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. बीते 24 घंटों में 160 एमएम से अधिक बारिश के चलते लोगों के घरों में चार-चार फीट तक पानी भर चुका है. लोगों के घर गृहस्थी से लेकर खाने पीने का सामान भी खराब हो गया है. हालात इतने खराब हैं कि लोगों के घरों में बैठने तक की जगह नहीं बची है. कई लोग तो रोज का खाना बनाने तक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
बर्बाद हो गई घर में रखी फसल
बारिश से प्रभावित हुए लोगों की मानें तो कई लोग अपने घरों से सामान निकालकर ताला डालकर जा चुके हैं. हालांकि, नगर परिषद व प्रशासन पानी निकासी में लगा हुआ है. लोगों ने बताया कि जहां उनके घर में रखे सामान का नुकसान तो वहीं कई लोगों के घरों में रखी ज्वार, बाजरा, तिल आदि की फसल खराब हो चुकी है. प्रशासनिक अधिकारी लगातार बिगड़ी हुई परिस्थितियों का जायजा ले रहे हैं.
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नुकसान का सर्वे बाद में, आपदा प्रबंधन प्राथमिकता
एसडीएम नवनीत शर्मा ने कहा, '' बारिश की वजह से जो भी नुकसान हुआ है, उसका सर्वे बाद में होगा लेकिन यह एक प्राकृतिक आपदा है और प्रशासन की पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाना, पशुओं की जान बचाना और तीसरा जल निकासी करना है. सभी ओर तेजी से काम किया जा रहा है.''