भीलवाड़ा : बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट से वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा के वस्त्र उद्यमियों के चेहरे पर भी चिंता नजर आ रही है. इसका कारण है कि भीलवाड़ा से ही प्रतिमाह 150 करोड़ रुपए का यार्न, डेनिम का बांग्लादेश में एक्सपोर्ट किया जाता था, जो अब बंद हो गया है. मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आर. के. जैन ने कहा कि बांग्लादेश का क्राइसिस लंबा चलता है तो फिर एक्सपोर्ट के लिए दूसरे देश का रुख करना होगा.
कपड़े के व्यापार को लेकर बांग्लादेश और भीलवाड़ा के व्यापारियों में गहरा रिश्ता है, जिसके चलते प्रतिवर्ष भीलवाड़ा से 2000 करोड़ रुपए का डेनियम फैब्रिक बांग्लादेश में एक्सपोर्ट किया जाता है. बांग्लादेश में बड़े स्तर पर रेडीमेड गारमेंट तैयार होता है. ऐसे में अब बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक क्राइसिस से भीलवाड़ा के वस्त्र उद्यमी चिंतित हैं.
लाखों लोगों को मिल रहा रोजगार : दक्षिणी राजस्थान के सबसे बड़े औद्योगिक संगठन मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आर. के. जैन ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पूरे विश्व में भीलवाड़ा टेक्सटाइल नगरी के नाम से विख्यात है. यहां 450 वीविंग, 18 प्रोसेसिंग, 20 स्पिनिंग और 10 डेनिम इंडस्ट्री हैं. इन इंडस्ट्री में प्रत्यक्ष रूप से 65000 कर्मी काम करते हैं और 1 लाख 50 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है.
एक साल का 2000 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट : उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा की इंडस्ट्री संकट में चल रही है, क्योंकि कपड़े की डिमांड काफी कम हुई है. इसके अलावा वर्तमान में बांग्लादेश में जो चल रहा है, उससे भी भीलवाड़ा के उद्योगपति चिंतित हैं. उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा से 150 से 200 करोड़ रुपए का कॉटन फैब्रिक, कॉटन यार्न और डेनिम फैब्रिक बांग्लादेश के लिए एक्सपर्ट होता है, जो साल का 2000 करोड़ रुपए का है. आरके जैन ने बताया कि बांग्लादेश संकट के कारण ये एक्सपोर्ट बंद है, जिसके चलते उद्यमी चिंतित हैं. अगर बांग्लादेश का क्राइसिस लंबे समय तक चलता रहा तो हमें एक्सपोर्ट के लिए दूसरे देश का रुख करना पड़ेगा.