जयपुर: स्थानीय निकाय निदेशालय ने राज्य में नगरपालिका के गठन के लिए साल 2021 में नए मापदंडों को तय किया था, जिसमें जनसंख्या, प्रति व्यक्ति आय, आजीविका और दूसरे मानक शामिल किए गए थे. नगर पालिका के लिए क्षेत्र की जनसंख्या 10 हजार या अधिक होना, जनसंख्या घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर या अधिक होना, स्थानीय प्रशासन की दृष्टि से राजस्व प्राप्ति के स्रोत/औसत प्रति व्यक्ति आय 10 रुपए प्रति व्यक्ति अधिक होना, कृषि से भिन्न क्रियाकलापों में नियोजन का प्रतिशत 10 प्रतिशत या अधिक होना, आर्थिक महत्व और शहरी विकास की दृष्टि से दूसरे महत्वपूर्ण बिंदु तय किए गए थे. इन्हीं मानकों के आधार पर अब प्रदेश में नए नगरीय निकायों का गठन किया गया है. इसके साथ ही पुराने नगरीय निकायों को क्रमोन्नत भी किया गया है.
ये बनी नई नगर पालिका : राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 3 और धारा 329 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और मानकों का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार ने जोधपुर जिले की कुड़ी भगतासनी और तिवरी, जयपुर जिले की जमवारामगढ़, झुंझुनू की जाखल, डूंडलोद और सुलताना, जालौर की सायला को चतुर्थ श्रेणी नगर पालिका घोषित किया गया है.
इन नगरीय निकायों को किया गया क्रमोन्नत : राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 329 और 337 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए आर्थिक भौगोलिक दृष्टि से और बढ़ते हुए औद्योगिकीकरण को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने भीलवाड़ा और पाली नगर परिषद को नगर निगम में क्रमोन्नत किया है. इसी तरह पुष्कर, लालसोट, शाहपुरा नगर पालिका को नगर परिषद में क्रमोन्नत किया गया है. इसके अलावा लोसल, तारानगर, महवा चतुर्थ श्रेणी नगर पालिका को तृतीय श्रेणी नगर पालिका में जबकि बांदीकुई तृतीय नगर पालिका को द्वितीय श्रेणी नगर पालिका में क्रमोन्नत किया गया है.