भरतपुर: शहर के सुभाषनगर निवासी और भारतीय सेना के वीर जवान हवलदार सोनेंद्र सिंह का पटियाला में तबीयत खराब होने से देहांत हो गया. शनिवार को उनका पार्थिव शरीर भरतपुर लाया गया और पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी अंतिम यात्रा में पूरे क्षेत्र का माहौल गमगीन था. भारत माता की जय और शहीद हवलदार सोनेंद्र अमर रहे के गगनभेदी जयकारों से वातावरण गूंज उठा. हवलदार सोनेंद्र सिंह 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने वाले थे, लेकिन उससे पहले देश के लिए अपना अंतिम बलिदान दे गए.
सूबेदार जीतेंद्र सिंह ने बताया कि हवलदार सोनेंद्र सिंह आर्म्ड फर्स्ट में पटियाला में तैनात थे. 12 दिसंबर की रात उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी. उन्हें तुरंत मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.
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देश सेवा का गौरवशाली सफर: सेवानिवृत्त रिसालदार मेजर टीकम सिंह ने बताया कि हवलदार सोनेंद्र सिंह ने वर्ष 2003 में भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा की शुरुआत की थी. वे वर्तमान में पटियाला की आर्म्ड यूनिट प्रथम में तैनात थे. 21 वर्षों के सेवाकाल में उनकी कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी ने भारतीय सेना का गौरव बढ़ाया. उनकी सेवाएं देश के प्रति समर्पण और अदम्य साहस की मिसाल रही हैं. हवलदार सोनेंद्र सिंह 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त होकर अपने परिवार के पास लौटने वाले थे, लेकिन नियति ने इससे पहले ही उन्हें अपने परिवार और देश से छीन लिया. हवलदार सोनेंद्र के परिवार में पत्नी, 16 वर्षीय बेटी अनुष्का और 10 वर्षीय बेटा आदित्य हैं. पूरा परिवार उनकी असमय मृत्यु से सदमे में हैं. उनकी पत्नी और बच्चों के लिए यह अपूर्णीय क्षति है.
श्रद्धांजलि दी: शनिवार को भरतपुर पहुंचते ही हवलदार सोनेंद्र के पार्थिव शरीर को सैन्य अधिकारियों, भूतपूर्व सैनिकों और स्थानीय नागरिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. सेना के जवानों ने सलामी देकर अपने वीर साथी को अंतिम विदाई दी. पुष्पांजलि के दौरान हर व्यक्ति की आंखों में गर्व और गम के आंसू थे. भरतपुर के नागरिकों ने हवलदार सोनेंद्र को एक सच्चे देशभक्त और वीर सैनिक के रूप में याद किया. उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए और उनकी शहादत को नमन किया.