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अबकी होली नेपाल, हांगकांग तक रंग जमाएगा भरतपुर का हर्बल गुलाल, ऐसे हो रहा है तैयार - Bharatpur Herbal Gulal

Bharatpur Herbal Gulal, इस बार होली पर भरतपुर का हर्बल गुलाल देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी रंग जमाने वाला है. अभी होली को भले ही वक्त है, लेकिन नेपाल, हांगकांग और केन्या से गुलाल की डिमांड आने लगी है. वहीं, भरतपुर के हर्बल गुलाल की बात करें तो इसे तैयार करने के लिए मंदिरों के फूल, गोमूत्र और गुलाब जल का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Bharatpur Herbal Gulal
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 15, 2024, 8:02 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 9:28 PM IST

अबकी होली विदेशों में रंग जमाएगा भरतपुर का हर्बल गुलाल

भरतपुर. मंदिरों में भगवान पर चढ़ाए जाने वाले फूल इस बार होली को भी महकाएंगे. मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से महिलाएं बड़ी मात्रा में हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं. यह हर्बल गुलाल भरतपुर और देश के अन्य शहरों के साथ ही नेपाल, हांगकांग, केन्या तक की होली में रंग जमाएगा. सोशल वेलफेयर रिसर्च ग्रुप (स्वर्ग संस्था) की ओर से यह हर्बल गुलाल महिलाओं के द्वारा तैयार कराया जा रहा है. रसायनमुक्त इस हर्बल गुलाल की कई खूबियां हैं.

गुलाल के रूप में महकेंगे फूल : स्वर्ग संस्था के प्रबंधक बलवीर सिंह ने बताया कि होली के त्योहार पर गुलाल की मांग को देखते हुए संस्था ने हर्बल गुलाल तैयार करने की पहल की है. यह गुलाल मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से तैयार किया जा रहा है. इसके लिए शहर के प्रमुख श्रीबांके बिहारी मंदिर, गणेश मंदिर, हनुमान मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों को इकट्ठा किया जाता है.

इसे भी पढ़ें - Holi Special : महिलाएं बना रही फूलों और सब्जियों से हर्बल गुलाल, त्वचा को नहीं पहुंचाती नुकसान

फूल व सब्जी से ऐसे होता है तैयार : हमने करीब एक माह पहले से मंदिरों से फूल इकट्ठा करना शुरू कर दिया था. इन फूलों को पानी में उबाला जाता है. उसके बाद फूलों के पानी को अलग कर के फूलों को सुखाया जाता है. सूखने के बाद फूलों को अलग-अलग रंग के अनुसार पीस कर पाउडर बना लेते हैं. पीले फूलों के पाउडर में हल्दी पाउडर मिक्स कर पीला गुलाल तैयार किया जाता है. इसी तरह गुलाबी गुलाल के लिए गुलाब के फूल का पाउडर, चुकंदर व गाजर का पाउडर मिक्स किया जाता है. हरे गुलाल के लिए फूलों की पत्तियों का पाउडर, पलक, हरा धनिया का पाउडर मिक्स किया जाता है.

खुशबू भी नेचुरल : बलवीर सिंह ने बताया कि हर्बल गुलाल में किसी तरह के रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया जाता. यहां तक कि इसकी खुशबू भी प्राकृतिक होती है. फूलों को उबलने से निकले पानी को ही बाद में पाउडर में मिक्स कर दिया जाता है. साथ ही इसमें गोमूत्र और गुलाब जल मिक्स किया जाता है, जिससे गुलाल और महकने लगता है.

इसे भी पढ़ें - Herbal Gulal In Bharatpur: भगवान के चढ़ावे से हर्बल गुलाल, यहां मंदिरों के फूलों को संजोया जाता है कुछ इस तरह!

नेपाल भी जाएगा भरतपुर का गुलाल : बलवीर सिंह ने बताया कि संस्था दूसरी बार हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. इस बार भरतपुर के हर्बल गुलाल की नेपाल, हांगकांग, केन्या से डिमांड है. साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों व अन्य राज्यों में भी हर्बल गुलाल भेजा जाएगा. इसके लिए भरतपुर के कुछ प्रमुख ऑयल मिल मालिकों ने बुकिंग कराई है. ऑयल मिल मालिक पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल तक अपने तेल के साथ गुलाल पहुंचाएंगे.

इसे भी पढ़ें - Special : डूंगरपुर के दिव्यांग बना रहे हर्बल गुलाल, केमिकल रंगों के खतरे से मिलेगी निजात

दर्जनों महिलाओं को रोजगार : बलवीर सिंह ने बताया कि हर्बल गुलाल बनाने में करीब दो दर्जन महिलाएं जुटी हुई हैं. अलग-अलग जगह पर तो कुछ अपने घरों में हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं. हर्बल गुलाल की रिटेल कीमत 450 रुपए किलो रखी गई है. इससे महिलाओं को अच्छी आय हो जाती है.

अबकी होली विदेशों में रंग जमाएगा भरतपुर का हर्बल गुलाल

भरतपुर. मंदिरों में भगवान पर चढ़ाए जाने वाले फूल इस बार होली को भी महकाएंगे. मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से महिलाएं बड़ी मात्रा में हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं. यह हर्बल गुलाल भरतपुर और देश के अन्य शहरों के साथ ही नेपाल, हांगकांग, केन्या तक की होली में रंग जमाएगा. सोशल वेलफेयर रिसर्च ग्रुप (स्वर्ग संस्था) की ओर से यह हर्बल गुलाल महिलाओं के द्वारा तैयार कराया जा रहा है. रसायनमुक्त इस हर्बल गुलाल की कई खूबियां हैं.

गुलाल के रूप में महकेंगे फूल : स्वर्ग संस्था के प्रबंधक बलवीर सिंह ने बताया कि होली के त्योहार पर गुलाल की मांग को देखते हुए संस्था ने हर्बल गुलाल तैयार करने की पहल की है. यह गुलाल मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से तैयार किया जा रहा है. इसके लिए शहर के प्रमुख श्रीबांके बिहारी मंदिर, गणेश मंदिर, हनुमान मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों को इकट्ठा किया जाता है.

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फूल व सब्जी से ऐसे होता है तैयार : हमने करीब एक माह पहले से मंदिरों से फूल इकट्ठा करना शुरू कर दिया था. इन फूलों को पानी में उबाला जाता है. उसके बाद फूलों के पानी को अलग कर के फूलों को सुखाया जाता है. सूखने के बाद फूलों को अलग-अलग रंग के अनुसार पीस कर पाउडर बना लेते हैं. पीले फूलों के पाउडर में हल्दी पाउडर मिक्स कर पीला गुलाल तैयार किया जाता है. इसी तरह गुलाबी गुलाल के लिए गुलाब के फूल का पाउडर, चुकंदर व गाजर का पाउडर मिक्स किया जाता है. हरे गुलाल के लिए फूलों की पत्तियों का पाउडर, पलक, हरा धनिया का पाउडर मिक्स किया जाता है.

खुशबू भी नेचुरल : बलवीर सिंह ने बताया कि हर्बल गुलाल में किसी तरह के रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया जाता. यहां तक कि इसकी खुशबू भी प्राकृतिक होती है. फूलों को उबलने से निकले पानी को ही बाद में पाउडर में मिक्स कर दिया जाता है. साथ ही इसमें गोमूत्र और गुलाब जल मिक्स किया जाता है, जिससे गुलाल और महकने लगता है.

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नेपाल भी जाएगा भरतपुर का गुलाल : बलवीर सिंह ने बताया कि संस्था दूसरी बार हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. इस बार भरतपुर के हर्बल गुलाल की नेपाल, हांगकांग, केन्या से डिमांड है. साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों व अन्य राज्यों में भी हर्बल गुलाल भेजा जाएगा. इसके लिए भरतपुर के कुछ प्रमुख ऑयल मिल मालिकों ने बुकिंग कराई है. ऑयल मिल मालिक पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल तक अपने तेल के साथ गुलाल पहुंचाएंगे.

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दर्जनों महिलाओं को रोजगार : बलवीर सिंह ने बताया कि हर्बल गुलाल बनाने में करीब दो दर्जन महिलाएं जुटी हुई हैं. अलग-अलग जगह पर तो कुछ अपने घरों में हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं. हर्बल गुलाल की रिटेल कीमत 450 रुपए किलो रखी गई है. इससे महिलाओं को अच्छी आय हो जाती है.

Last Updated : Mar 15, 2024, 9:28 PM IST
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