भरतपुर: बहुचर्चित पूर्व सरपंच दान सिंह हत्याकांड में 7 साल बाद न्यायालय ने पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पांच आरोपियों में एक महिला भी शामिल है, जबकि एक अन्य महिला को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. पांचों आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.
अपर लोक अभियोजक भगत सिंह सूरौता ने बताया कि गुरुवार को एडीजे कोर्ट द्वितीय के न्यायाधीश सीताराम मीणा ने बहुचर्चित दान सिंह हत्याकांड मामले में अहम फैसला सुनाया है. मामले में सात लोगों रतन सिंह, प्रह्लाद, शाकिर, रवींद्र, अनेक सिंह, गुड्डी और सोमवती के खिलाफ चालान पेश किया गया था. 7 साल तक चले मामले में तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश सीताराम मीणा ने फैसला सुनाते हुए प्रह्लाद, शाकिर, रवींद्र, अनेक सिंह और ओमवती को आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं, साक्ष्य के अभाव में गुड्डी को बरी कर दिया गया, जबकि रतन सिंह की इस दौरान मौत चुकी है.
यह थी घटना : मृतक दान सिंह के बेटे भूपेंद्र सिंह ने बताया कि पिता दान सिंह और गांव के रतन सिंह के बीच रंजिश चल रही थी. वर्ष 2015 में दान सिंह पूर्व सरपंच को रतन सिंह आदि ने गांव में हमला कर फायरिंग करवाई थी, जिसमें दान सिंह पूर्व सरपंच घायल हो गया था. मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.
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11 सितंबर 2017 को दान सिंह कुम्हेर थाने से भरतपुर अपने घर लौट रहा था. इस दौरान कुछ अपराधी दान सिंह का पीछा करते हुए सारस चौराहे के पास न्यू सिविल लाइन कॉलोनी स्थित उनके घर तक पहुंच गए. जैसे ही दान सिंह ने अपनी गाड़ी की खिड़की खोली अपराधियों ने उन पर फायरिंग कर दी. जिसमें दान सिंह की मौत हो गई थी.
उस समय यह हत्याकांड काफी चर्चित रहा था. घटना को लेकर परिजनों और समर्थकों द्वारा प्रदर्शन और रोड जाम भी किया गया था. मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया था. घटना को अंजाम देने के लिए शार्पशूटरों को 2 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी.