भरतपुर. राजस्थान में पूर्व राजपरिवार विवाद मामले में बुधवार को भी फैसला नहीं हो सका. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के अधिवक्ता यशवंत सिंह फौजदार ने बताया कि मामले की बुधवार को एसडीएम कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन एसडीएम ने मामले में कोई फैसला देने के बजाय 14 जून सुनवाई की नई तारीख दे दी. एसडीएम ने मामले की फाइलों के अध्ययन के लिए और समय मांगा है.
आरोपों से चोरी की एफआईआर तक : गौरतलब है कि भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और उनकी पत्नी व पूर्व सांसद दिव्या सिंह एवं उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह के बीच लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा है. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एसडीएम कोर्ट में वरिष्ठ नागरिक के रूप में प्रार्थना पत्र पेश किया था. प्रार्थना पत्र में पूर्व राजपरिवार सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट करने, खाना नहीं देने, घर छोड़ने को मजबूर करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.
मामले में पूर्व मंत्री की पत्नी और पूर्व सांसद दिव्या सिंह व बेटा अनिरुद्ध सिंह ने भी चुनौती दी कि यह मामला एसडीएम कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है. साथ ही मां-बेटा का आरोप था कि पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बीते 30 साल में महाराजा सूरजमल की पूरी संपत्ति बेच दी. सिर्फ एक मोतीमहल बचा है. इस पूरे विवाद में पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे के खिलाफ लॉकर से 10 किलो सोना और करोड़ों के जेवरात चोरी करने के आरोप लगाते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई है.