ETV Bharat / state

5 साल से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे इस गांव के लोग, अब किया चुनाव का बहिष्कार - Water Scarcity Problem - WATER SCARCITY PROBLEM

Water Problem in Bharatpur, भरतपुर के चकराम नगर गांव के लोग कई सालों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. उनका आरोप है कि अधिकारियों, नेताओं के पास निवेदन करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने अब 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान किया है.

Chakram Nagar Villagers
Chakram Nagar Villagers
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 2, 2024, 5:29 PM IST

5 साल से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे इस गांव के लोग

भरतपुर. संभाग मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित चकराम नगर गांव के सैकड़ों लोग बीते 5 साल से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. गांव में पीने का पानी उपलब्ध कराने की मांग को लेकर ग्रामीण स्थानीय नेता, अधिकारी, यहां तक की मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्यालय तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं. चुनावों में नेता आते हैं और समस्या के समाधान का वादा करके चले जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा. गांव में अधिकतर परिवार गरीब और मजदूरी करने वाले हैं. हालात ये हैं कि ग्रामीण महिला, पुरुष और बच्चे सिर पर मटका रखकर 2 किमी दूर से पानी भरकर लाते हैं. अब ग्रामीणों ने ऐलान कर दिया है कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो चुनाव का बहिष्कार कर मतदान करने नहीं जाएंगे. वहीं, जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने कहा कि इस संबंध में ग्रामीणों ने कोई संपर्क नहीं किया है. पूरा मामला क्या है इसके बारे में पता करवाया जाएगा.

ग्रामीणों ने बताया दुख : गांव के महेंद्र सिंह के अनुसार गांव में बीते 5 साल से पानी की समस्या बनी हुई है. पहले चंबल का पानी आता था, लेकिन पाइप में लीकेज होने की वजह से चंबल के पानी की सप्लाई बंद कर दी गई. आरोप है कि उसे अब तक ठीक कर शुरू नहीं किया गया है. वहीं, गांव के ही विनीत भारद्वाज ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना में गांव के पास के गांवों को शामिल किया गया है. उनके लिए पानी की टंकी बनाई गई है. उनका आरोप है कि इस संबंध में अधिकारियों और नेताओं से संपर्क कर निवेदन किया था कि चकराम नगर गांव को भी इस योजना में शामिल किया जाए. यहां के लिए अलग से एक पानी की टंकी बना दी जाए, लेकिन इस योजना में भी गांव को शामिल नहीं किया गया.

पढ़ें. पानी की मांग को लेकर लोगों का विरोध प्रदर्शन, मतदान बहिष्कार की चेतावनी

पहले पानी फिर मजदूरी: ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि पीने के पानी के लिए हर दिन 2 किलोमीटर दूर तक सिर पर मटका रखकर जाना पड़ता है. पानी की कमी की वजह से परिवार के लोग दैनिक दिनचर्या नहीं कर पाते. महिलाएं पानी के लिए सुबह जल्दी जागती हैं और पानी भरकर लाती हैं. इसके बाद मजदूरी करने जाती हैं. कई बार तो पानी की व्यवस्था करने में मजदूरी छूट जाती है.

सभी के दरवाजे खटखटाए : महेंद्र सिंह ने बताया कि चुनाव के समय पर नेता वोट मांगने गांव में आते हैं. लोग जब उनको अपनी पानी की समस्या बताते हैं, तो वो चुनाव जीतने के बाद समाधान करने का आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई नेता गांव में नहीं आता न ही पानी की समस्या का समाधान करते हैं. गांव में पानी की समस्या को लेकर कई बार नेताओं, अधिकारियों और यहां तक की कलेक्टर तक को ज्ञापन दिया है. बीते दिनों भरतपुर में स्थित मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्यालय में भी ज्ञापन देकर आए हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

पानी नहीं मिला तो मतदान नहीं : ग्रामीणों का कहना है कि गांव में करीब 550 मतदाता हैं. पूरे गांव ने एकजुट होकर यह निश्चय किया है कि यदि इस बार पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो पूरा गांव चुनाव का बहिष्कार करेगा और मतदान करने नहीं जाएगा. इस संबंध में जब जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है. पूरा मामला क्या है इसके बारे में पता करवाया जाएगा.

5 साल से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे इस गांव के लोग

भरतपुर. संभाग मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित चकराम नगर गांव के सैकड़ों लोग बीते 5 साल से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. गांव में पीने का पानी उपलब्ध कराने की मांग को लेकर ग्रामीण स्थानीय नेता, अधिकारी, यहां तक की मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्यालय तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं. चुनावों में नेता आते हैं और समस्या के समाधान का वादा करके चले जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा. गांव में अधिकतर परिवार गरीब और मजदूरी करने वाले हैं. हालात ये हैं कि ग्रामीण महिला, पुरुष और बच्चे सिर पर मटका रखकर 2 किमी दूर से पानी भरकर लाते हैं. अब ग्रामीणों ने ऐलान कर दिया है कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो चुनाव का बहिष्कार कर मतदान करने नहीं जाएंगे. वहीं, जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने कहा कि इस संबंध में ग्रामीणों ने कोई संपर्क नहीं किया है. पूरा मामला क्या है इसके बारे में पता करवाया जाएगा.

ग्रामीणों ने बताया दुख : गांव के महेंद्र सिंह के अनुसार गांव में बीते 5 साल से पानी की समस्या बनी हुई है. पहले चंबल का पानी आता था, लेकिन पाइप में लीकेज होने की वजह से चंबल के पानी की सप्लाई बंद कर दी गई. आरोप है कि उसे अब तक ठीक कर शुरू नहीं किया गया है. वहीं, गांव के ही विनीत भारद्वाज ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना में गांव के पास के गांवों को शामिल किया गया है. उनके लिए पानी की टंकी बनाई गई है. उनका आरोप है कि इस संबंध में अधिकारियों और नेताओं से संपर्क कर निवेदन किया था कि चकराम नगर गांव को भी इस योजना में शामिल किया जाए. यहां के लिए अलग से एक पानी की टंकी बना दी जाए, लेकिन इस योजना में भी गांव को शामिल नहीं किया गया.

पढ़ें. पानी की मांग को लेकर लोगों का विरोध प्रदर्शन, मतदान बहिष्कार की चेतावनी

पहले पानी फिर मजदूरी: ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि पीने के पानी के लिए हर दिन 2 किलोमीटर दूर तक सिर पर मटका रखकर जाना पड़ता है. पानी की कमी की वजह से परिवार के लोग दैनिक दिनचर्या नहीं कर पाते. महिलाएं पानी के लिए सुबह जल्दी जागती हैं और पानी भरकर लाती हैं. इसके बाद मजदूरी करने जाती हैं. कई बार तो पानी की व्यवस्था करने में मजदूरी छूट जाती है.

सभी के दरवाजे खटखटाए : महेंद्र सिंह ने बताया कि चुनाव के समय पर नेता वोट मांगने गांव में आते हैं. लोग जब उनको अपनी पानी की समस्या बताते हैं, तो वो चुनाव जीतने के बाद समाधान करने का आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई नेता गांव में नहीं आता न ही पानी की समस्या का समाधान करते हैं. गांव में पानी की समस्या को लेकर कई बार नेताओं, अधिकारियों और यहां तक की कलेक्टर तक को ज्ञापन दिया है. बीते दिनों भरतपुर में स्थित मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्यालय में भी ज्ञापन देकर आए हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

पानी नहीं मिला तो मतदान नहीं : ग्रामीणों का कहना है कि गांव में करीब 550 मतदाता हैं. पूरे गांव ने एकजुट होकर यह निश्चय किया है कि यदि इस बार पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो पूरा गांव चुनाव का बहिष्कार करेगा और मतदान करने नहीं जाएगा. इस संबंध में जब जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया है. पूरा मामला क्या है इसके बारे में पता करवाया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.