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हिसंक किसान आंदोलन को भारतीय किसान संघ का समर्थन नहीं: मोहिनी मोहन मिश्र - किसान आंदोलन

Farmers Protest 2024: भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने चुनाव के समय किसानों के नाम पर शुरू होने वाली राजनैतिक चुनावी पैंतरेबाजी को बंद करने की बात कहते हुए कहा कि हिसंक आंदोलन को बीकेएस का समर्थन नहीं है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 14, 2024, 7:55 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान संघ किसानों की उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है. देश की सरकारों के साथ संवाद कर किसानों के पक्ष को मजबूती से रखता आया है. जहां संवाद से रास्ता नहीं निकलता है तो आंदोलन भी करता है. उक्त बातें भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने अपने जारी बयान में कही.

उन्होंने कहा कि 19 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली के रूप में एक लाख किसानों का अनुषासित शांतिपूर्ण प्रदर्षन इसका उदाहरण है. देश भर से किसान दिल्ली में आये शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार से कही और बिना किसी को परेशान किये वापिस लौट गये. मिश्र ने कहा कि जब राजनैतिक मंसा के साथ किसानों के कंधे का प्रयोग कुछ लोग अपनी राजनैतिक हित साधना के लिये करते है तो पीड़ा होती है.

मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा भारतीय किसान संघ का मानना है कि जब किसान के नाम पर राजनैतिक आंदोलन चलता है तो इसका नुकसान सिर्फ किसानों को होता है. विगत वर्षों में मंदसौर व दिल्ली में हुए आंदोलन इस बात के प्रमाण है. कहीं छह तो कहीं आंकड़ा छह सौ तक भी पहंचा है, जहां किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. उनके मुद्दे व मांगे जस की तस हैं. इसलिए भारतीय किसान संघ का आग्रह है कि किसानों के नाम पर राजनैतिक चुनावी पैंतरावाजी बंद होनी चाहिए.
किसान हित में लड़ने वाले संगठन लगातार किसानों की समस्या निवारण के लिए लड़ रहे हैं. सरकार किसी की भी हो सामंजस्य से किसानों की समस्याओं का समाधान निकाल भी रहे हैं. उन्होंने कहा कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है वह उसे मिलना ही चाहिए. आज बीज व बाजार किसानों की प्रमुख समस्या है. मंडी के अंदर हो या बाहर किसान के साथ बीज व बाजार में शोषण बंद होना चाहिए.

ये भी पढ़ें : EXPLAINER: किसान संगठनों ने 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च का आह्वान किया, जानिए क्या है मांग

मिश्र ने कहा कि जब राजनैतिक मंशा से चुनाव के दौरान किसान के नाम पर आंदोलन होते हैं तो आंदोलन के दौरान होने वाली हिंसा, अराजक माहौल, राष्ट्र की संपति का नुकसान होने से समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव जन्म लेेता है. जिसका खामियाजा अपनी बेहतरी के लिये संघर्षरत किसान को चुकाना पड़ता है. इसलिए भारतीय किसान संघ हिंसक आंदोलन का समर्थन नहीं करता है. हमारा आग्रह है कि जिन लोगों को अपनी राजनैतिक महत्वाकांछा पूरी करनी हैं वो करें, लेकिन समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव को पैदा न करें. हम पुनः दोहराते हैं कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है वह किसान को मिलना चाहिए.

भारतीय किसान संघ की मांग:

  1. लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का अधिकार है.
  2. कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त की जाए.
  3. किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की जाए.
  4. जहर नहीं जैविक चाहिये, जीएम बीज की अनुमति नहीं दी जाए.
  5. बीज किसान का अधिकार है.
  6. घोषित समर्थन मूल्य से बाजार भाव नीचे न जाए. इसको सरकार सुनिश्चित करे.

ये भी पढ़ें : दिल्ली के बॉर्डर सील!, सिंधु, गाजीपुर, टिकरी और कालिंदी कुंज बॉर्डर पर आज कैसे रहे हालात

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान संघ किसानों की उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है. देश की सरकारों के साथ संवाद कर किसानों के पक्ष को मजबूती से रखता आया है. जहां संवाद से रास्ता नहीं निकलता है तो आंदोलन भी करता है. उक्त बातें भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने अपने जारी बयान में कही.

उन्होंने कहा कि 19 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली के रूप में एक लाख किसानों का अनुषासित शांतिपूर्ण प्रदर्षन इसका उदाहरण है. देश भर से किसान दिल्ली में आये शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार से कही और बिना किसी को परेशान किये वापिस लौट गये. मिश्र ने कहा कि जब राजनैतिक मंसा के साथ किसानों के कंधे का प्रयोग कुछ लोग अपनी राजनैतिक हित साधना के लिये करते है तो पीड़ा होती है.

मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा भारतीय किसान संघ का मानना है कि जब किसान के नाम पर राजनैतिक आंदोलन चलता है तो इसका नुकसान सिर्फ किसानों को होता है. विगत वर्षों में मंदसौर व दिल्ली में हुए आंदोलन इस बात के प्रमाण है. कहीं छह तो कहीं आंकड़ा छह सौ तक भी पहंचा है, जहां किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. उनके मुद्दे व मांगे जस की तस हैं. इसलिए भारतीय किसान संघ का आग्रह है कि किसानों के नाम पर राजनैतिक चुनावी पैंतरावाजी बंद होनी चाहिए.
किसान हित में लड़ने वाले संगठन लगातार किसानों की समस्या निवारण के लिए लड़ रहे हैं. सरकार किसी की भी हो सामंजस्य से किसानों की समस्याओं का समाधान निकाल भी रहे हैं. उन्होंने कहा कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है वह उसे मिलना ही चाहिए. आज बीज व बाजार किसानों की प्रमुख समस्या है. मंडी के अंदर हो या बाहर किसान के साथ बीज व बाजार में शोषण बंद होना चाहिए.

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मिश्र ने कहा कि जब राजनैतिक मंशा से चुनाव के दौरान किसान के नाम पर आंदोलन होते हैं तो आंदोलन के दौरान होने वाली हिंसा, अराजक माहौल, राष्ट्र की संपति का नुकसान होने से समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव जन्म लेेता है. जिसका खामियाजा अपनी बेहतरी के लिये संघर्षरत किसान को चुकाना पड़ता है. इसलिए भारतीय किसान संघ हिंसक आंदोलन का समर्थन नहीं करता है. हमारा आग्रह है कि जिन लोगों को अपनी राजनैतिक महत्वाकांछा पूरी करनी हैं वो करें, लेकिन समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव को पैदा न करें. हम पुनः दोहराते हैं कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है वह किसान को मिलना चाहिए.

भारतीय किसान संघ की मांग:

  1. लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का अधिकार है.
  2. कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त की जाए.
  3. किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की जाए.
  4. जहर नहीं जैविक चाहिये, जीएम बीज की अनुमति नहीं दी जाए.
  5. बीज किसान का अधिकार है.
  6. घोषित समर्थन मूल्य से बाजार भाव नीचे न जाए. इसको सरकार सुनिश्चित करे.

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