नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह दिल्ली मेयर चुनाव में बेईमानी करने की साजिश कर रही है. जिससे कि आम आदमी पार्टी के मेयर को हटाया जा सके और भाजपा का मेयर लाया जा सके. शुक्रवार को सुबह 9 बजे दिल्ली मेयर का चुनाव होना है लेकिन अभी तक प्रेसाइडिंग ऑफिसर की नियुक्ति नहीं हुई है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि कुछ दिन पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कैसे वोटों को चोरी करने की कोशिश की. इसमें जो मुख्य विलेन थे वह चुनाव के प्रेसाइडिंग ऑफिसर थे. दिल्ली में मेयर चुनाव हुआ तो आम आदमी पार्टी 134 पार्षदों के साथ सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनी. जो सीनियर काउंसलर होता है उसे प्रेसाइडिंग ऑफिसर बनाया जाता है.
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उपराज्यपाल ने भारतीय जनता पार्टी के काउंसलर को प्रेसाइडिंग ऑफिसर बनाया था. उसने बेईमानी से वोट डलवाने की कोशिश की थी. कल होने जा रहे हैं मेयर चुनाव में परंपरा व नियम के अनुसार शैली ओबरॉय को प्रेसाइडिंग ऑफिसर होना था लेकिन उपराज्यपाल इस परंपरा को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. प्रेसाइडिंग ऑफिसर बनने की फ़ाइल जो यूडी मिनिस्टर के पास से होते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय और फिर उपराज्यपाल कार्यालय जानी थी.
उसे चोरी छिपे उपराज्यपाल कार्यालय भेज दिया गया. चीफ सेक्रेटरी ने नियमों के खिलाफ इस फाइल को उपराज्यपाल के पास भेजा है. इस संबंध में मैंने उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा कि यह फ़ाइल लौटाई जाए. कल मैंने दोबारा चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर पूछा कि किन नियमों के आधार पर चुनी हुई सरकार के मंत्री को बाईपास करते हुए फाइल सीधे उपराज्यपाल को भेजी गई लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कल सुबह 9 बजे दिल्ली मेयर का चुनाव है लेकिन हमारे पास अभी तक प्रेसाइडिंग ऑफिसर की कोई फाइल नहीं आई है. दिल्ली के उपराज्यपाल केरल में पादरियों से मिल रहे हैं, जबकि दिल्ली मेयर चुनाव के लिए प्रेसाइडिंग ऑफिसर नहीं नियुक्त हो सका है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुझे लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी साजिश कर रही है कि चुनाव हो तो उसमें वह बेईमानी कर सके.
दिल्ली नगर निगम से आम आदमी पार्टी के मेयर को किसी तरीके से हटाया जा सके भाजपा इसकी साजिश कर रही है. ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि चुनाव नहीं होता है तो फिर से नॉमिनेशन होगा. इस स्क्रूटनी कराई जाएगी और फिर वही प्रक्रिया होगी. इस तरीके से संवैधानिक संकट आ जाएगा.
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