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चुनाव से पहले राहुल गांधी फिर भगवान महाकाल की शरण में, कितनी कम होगी कांग्रेस की क्राइसिस !

Rahul Gandhi Worship Mahakal : राहुल गांधी चौथी बार महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. इससे पहले वह जब दो बार बाबा महाकाल के दर पर पहुंचे तो उन्हें कामयाबी मिली. तो क्या एक दशक से केंद्र की सत्ता से बेदखल कांग्रेस के अच्छे दिन शुरू होंगे. क्या कांग्रेस की क्राइसिस कुछ कम होंगी, क्या है भगवान महाकाल का सत्ता से कनेक्शन, इसी का विश्लेषण करती है ये रिपोर्ट....

Rahul Gandhi Worship Mahakal
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बाबा महाकाल की पूजा करते राहुल गांधी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 2:19 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 2:52 PM IST

उज्जैन। भगवान महाकाल के बारे में कहा जाता है 'काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का'. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति एक बार भी बाबा महाकाल की शरण में चला जाता है, उसके पास संकट फटक नहीं सकते. अगर प्रारब्ध में कोई अनोहनी भी लिखी है तो बाबा महाकाल उस अनहोनी को टाल देते हैं. या फिर वो अनहोनी इतनी हल्की घटना बनकर गुजर जाती है कि महाकाल के भक्त को इसका अहसास तक नहीं होता. बाबा महाकाल की महिमा का शब्दों में वर्णन संभव नहीं है. यही कारण है कितना भी बड़ा नेता हो या अभिनेता, व्यापारी हो या उद्योगपति, सभी महाकाल के दर पर शीश झुकाने जाते हैं.

Rahul Gandhi Worship Mahakal
2018 विधानसभा चुनाव के दौरान गर्भगृह में कमलनाथ व सिंधिया के साथ

क्या कांग्रेस को क्राइसिस से उबार देंगे भगवान महाकाल

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए सियासी दलों के नेताओं का पहुंचना जारी है. हर चुनाव से पहले राजनेता बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने आते हैं. कांग्रेस बीते एक दशक से केंद्र की सत्ता से बाहर है. जितनी खराब हालत कांग्रेस की इन 10 सालों में हुई, ऐसी पहले कभी नहीं रही. अब कांग्रेस को सारी उम्मीदें राहुल गांधी से ही हैं. अब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले राहुल गांधी आजकल भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. उनकी यात्रा उज्जैन पहुंच चुकी है. राहुल गांधी एक बार फिर बाबा महाकाल के दर हाजिरी लगाने जा रहे हैं. ये चौथा अवसर है जब राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद 2 किमी का रोड शो करेंगे.

राहुल गांधी कब-कब पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर

राहुल गांधी सबसे पहले साल 2010 में महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने गए थे. इसके अगले साल राहुल गांधी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अदध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी मिली. इसके बाद साल 2018 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी ने बाबा महाकाल के दर पर पहुंचकर पूजा अर्चना की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना की थी. बता दें कि उस समय सिंधिया कांग्रेस में थे और राहुल गांधी के खासमखास भी. इसके बाद आए चुनावी परिणाम ने सभी राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया था. गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान व छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई थी. उस समय इस मान्यता को बल मिला था कि राहुल गांधी द्वारा महाकाल से मांगी गई मुराद पूरी हो गई. इसके बाद साल 2022 में भारत जोड़ो यात्रा जब उज्जैन पहुंची तो राहुल गांधी ने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. अब चौथी बार राहुल गांधी भगवान महाकाल के सामने शाष्टांग होने जा रहे हैं.

Rahul Gandhi Worship Mahakal
महाकाल मंदिर के नंदी गृह में महाकाल की भक्ति में लीन राहुल गांधी

गांधी परिवार के सभी सदस्य कर चुके हैं महाकाल की पूजा

गांधी परिवार के सभी सदस्य भगवान महाकाल के दर पर हाजिरी लगा चुके हैं. साल 2019 में लोकसभा चुनाव का प्रचार करने उज्जैन पहुंची प्रियंका गांधी ने भी महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की थी. इससे पहले गांधी परिवार की सोनिया गांधी ने साल 2008 में महाकालेश्वर मंदिर में हाजिरी लगाई थी. ऐसा माना जाता है कि बाबा महाकाल के आशीर्वाद से ही कांग्रेस को 2009 में फिर से केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिला था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी भगवान महाकाल की शरण में गए थे. 1987 में जब वह राजीव गांधी प्रधानमंत्री पद थे, तब उन्होंने भगवान महाकाल के दर अपनी हाजिरी लगाई थी. साल 30 दिसंबर 1979 में इंदिरा गांधी ने भी बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया था. इसके तत्काल बाद जनवरी 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 353 सीटों पर जीत मिली. इंदिरा गांधी फिर प्रधानमंत्री बनी. इंदिरा गांधी के लिए ये जीत इसलिए ज्यादा अहम थी कि क्योंकि आपातकाल के दौरान उनकी छवि को गहरा धक्का लगा था.

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित

राहुल गांधी द्वारा चुनाव से पहले बाबा महाकाल के दर पर जाने को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित कहते हैं "राहुल गांधी इस समय यात्रा निकाल रहे हैं, जब कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत है और ऐसे समय जब बीजेपी ने 195 सीटें डिक्लेयर कर दी. वहीं, अभी कांग्रेस का कुछ आता पता नहीं है. कांग्रेस के नेता लीडर जरूर बनना चाहते हैं, लेकिन जो एप्रोच होना चाहिए वो राहुल में दिखाई नहीं देती. एमपी का जिक्र करें तो यहां अकेले जीतू पटवारी पर जिम्मेदारी छोड़ दी है. ऐसे मौके पर आप जाति जनगणना की बात कर रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी को मंदिर जाने से भी चुनावी फायदा नहीं मिल पाएगा."

Rahul Gandhi Worship Mahakal
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उज्जैन की ओर

छवि में सुधार होगा लेकिन सत्ता तक पहुंचना मुश्किल

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं "राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इमेज बिल्डिंग पार्ट 2 है, इसमें उन्हें लाभ भी मिल रहा है, लेकिन राजनीतिक लाभ कांग्रस को कितना मिलेगा, यह आने वाले चुनावी नतीजे ही बताएंगे. राहुल गांधी एक बार फिर महाकाल पहुंच रहे हैं, पहले भी पहुंचते रहे हैं. महाकाल मंदिर के अलावा कई और धार्मिक स्थलों पर वे जाते रहे हैं, लेकिन इसमें उद्देश्य राजनीतिक ज्यादा है, श्रद्धा भाव नहीं है. अब महाकाल से मांगी गई मुराद उनकी कितनी पूरी हुई, यह वह खुद ही बता सकते हैं और यदि नहीं हुई मुराद पूरी तो बाबा महाकाल कब पूरी करेंगे या नहीं करेंगे यह देखना होगा."

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शिवराज की सफलता के पीछे बाबा महाकाल का आशीर्वाद !

ऐसा माना जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगर करीब 17 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे तो इसमें भी बाबा महाकाल का ही आशीर्वाद रहा है. हर कोई जानता है कि जब भी शिवराज सिंह को लगा कि कुर्सी पर संकट है तो वह सपरिवार बाबा महाकाल की शरण में पहुंच गए. शिवराज को जानने वाले अक्सर इस बात को दोहराते भी रहते हैं कि वह बाबा महाकाल के अन्नय भक्त हैं. शिवराज खुद इस बात को कई बार कह चुके हैं. अगर वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को आश्चर्यजनक तरीके से सीएम की कुर्सी मिली तो इसमें भी बाबा महाकाल का ही आशीर्वाद ही माना जा रहा है.

उज्जैन। भगवान महाकाल के बारे में कहा जाता है 'काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का'. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति एक बार भी बाबा महाकाल की शरण में चला जाता है, उसके पास संकट फटक नहीं सकते. अगर प्रारब्ध में कोई अनोहनी भी लिखी है तो बाबा महाकाल उस अनहोनी को टाल देते हैं. या फिर वो अनहोनी इतनी हल्की घटना बनकर गुजर जाती है कि महाकाल के भक्त को इसका अहसास तक नहीं होता. बाबा महाकाल की महिमा का शब्दों में वर्णन संभव नहीं है. यही कारण है कितना भी बड़ा नेता हो या अभिनेता, व्यापारी हो या उद्योगपति, सभी महाकाल के दर पर शीश झुकाने जाते हैं.

Rahul Gandhi Worship Mahakal
2018 विधानसभा चुनाव के दौरान गर्भगृह में कमलनाथ व सिंधिया के साथ

क्या कांग्रेस को क्राइसिस से उबार देंगे भगवान महाकाल

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए सियासी दलों के नेताओं का पहुंचना जारी है. हर चुनाव से पहले राजनेता बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने आते हैं. कांग्रेस बीते एक दशक से केंद्र की सत्ता से बाहर है. जितनी खराब हालत कांग्रेस की इन 10 सालों में हुई, ऐसी पहले कभी नहीं रही. अब कांग्रेस को सारी उम्मीदें राहुल गांधी से ही हैं. अब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले राहुल गांधी आजकल भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. उनकी यात्रा उज्जैन पहुंच चुकी है. राहुल गांधी एक बार फिर बाबा महाकाल के दर हाजिरी लगाने जा रहे हैं. ये चौथा अवसर है जब राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद 2 किमी का रोड शो करेंगे.

राहुल गांधी कब-कब पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर

राहुल गांधी सबसे पहले साल 2010 में महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने गए थे. इसके अगले साल राहुल गांधी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अदध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी मिली. इसके बाद साल 2018 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी ने बाबा महाकाल के दर पर पहुंचकर पूजा अर्चना की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना की थी. बता दें कि उस समय सिंधिया कांग्रेस में थे और राहुल गांधी के खासमखास भी. इसके बाद आए चुनावी परिणाम ने सभी राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया था. गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान व छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई थी. उस समय इस मान्यता को बल मिला था कि राहुल गांधी द्वारा महाकाल से मांगी गई मुराद पूरी हो गई. इसके बाद साल 2022 में भारत जोड़ो यात्रा जब उज्जैन पहुंची तो राहुल गांधी ने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. अब चौथी बार राहुल गांधी भगवान महाकाल के सामने शाष्टांग होने जा रहे हैं.

Rahul Gandhi Worship Mahakal
महाकाल मंदिर के नंदी गृह में महाकाल की भक्ति में लीन राहुल गांधी

गांधी परिवार के सभी सदस्य कर चुके हैं महाकाल की पूजा

गांधी परिवार के सभी सदस्य भगवान महाकाल के दर पर हाजिरी लगा चुके हैं. साल 2019 में लोकसभा चुनाव का प्रचार करने उज्जैन पहुंची प्रियंका गांधी ने भी महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की थी. इससे पहले गांधी परिवार की सोनिया गांधी ने साल 2008 में महाकालेश्वर मंदिर में हाजिरी लगाई थी. ऐसा माना जाता है कि बाबा महाकाल के आशीर्वाद से ही कांग्रेस को 2009 में फिर से केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिला था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी भगवान महाकाल की शरण में गए थे. 1987 में जब वह राजीव गांधी प्रधानमंत्री पद थे, तब उन्होंने भगवान महाकाल के दर अपनी हाजिरी लगाई थी. साल 30 दिसंबर 1979 में इंदिरा गांधी ने भी बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया था. इसके तत्काल बाद जनवरी 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 353 सीटों पर जीत मिली. इंदिरा गांधी फिर प्रधानमंत्री बनी. इंदिरा गांधी के लिए ये जीत इसलिए ज्यादा अहम थी कि क्योंकि आपातकाल के दौरान उनकी छवि को गहरा धक्का लगा था.

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित

राहुल गांधी द्वारा चुनाव से पहले बाबा महाकाल के दर पर जाने को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित कहते हैं "राहुल गांधी इस समय यात्रा निकाल रहे हैं, जब कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत है और ऐसे समय जब बीजेपी ने 195 सीटें डिक्लेयर कर दी. वहीं, अभी कांग्रेस का कुछ आता पता नहीं है. कांग्रेस के नेता लीडर जरूर बनना चाहते हैं, लेकिन जो एप्रोच होना चाहिए वो राहुल में दिखाई नहीं देती. एमपी का जिक्र करें तो यहां अकेले जीतू पटवारी पर जिम्मेदारी छोड़ दी है. ऐसे मौके पर आप जाति जनगणना की बात कर रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी को मंदिर जाने से भी चुनावी फायदा नहीं मिल पाएगा."

Rahul Gandhi Worship Mahakal
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उज्जैन की ओर

छवि में सुधार होगा लेकिन सत्ता तक पहुंचना मुश्किल

राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल कहते हैं "राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इमेज बिल्डिंग पार्ट 2 है, इसमें उन्हें लाभ भी मिल रहा है, लेकिन राजनीतिक लाभ कांग्रस को कितना मिलेगा, यह आने वाले चुनावी नतीजे ही बताएंगे. राहुल गांधी एक बार फिर महाकाल पहुंच रहे हैं, पहले भी पहुंचते रहे हैं. महाकाल मंदिर के अलावा कई और धार्मिक स्थलों पर वे जाते रहे हैं, लेकिन इसमें उद्देश्य राजनीतिक ज्यादा है, श्रद्धा भाव नहीं है. अब महाकाल से मांगी गई मुराद उनकी कितनी पूरी हुई, यह वह खुद ही बता सकते हैं और यदि नहीं हुई मुराद पूरी तो बाबा महाकाल कब पूरी करेंगे या नहीं करेंगे यह देखना होगा."

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शिवराज की सफलता के पीछे बाबा महाकाल का आशीर्वाद !

ऐसा माना जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगर करीब 17 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे तो इसमें भी बाबा महाकाल का ही आशीर्वाद रहा है. हर कोई जानता है कि जब भी शिवराज सिंह को लगा कि कुर्सी पर संकट है तो वह सपरिवार बाबा महाकाल की शरण में पहुंच गए. शिवराज को जानने वाले अक्सर इस बात को दोहराते भी रहते हैं कि वह बाबा महाकाल के अन्नय भक्त हैं. शिवराज खुद इस बात को कई बार कह चुके हैं. अगर वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को आश्चर्यजनक तरीके से सीएम की कुर्सी मिली तो इसमें भी बाबा महाकाल का ही आशीर्वाद ही माना जा रहा है.

Last Updated : Mar 5, 2024, 2:52 PM IST
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