खूंटीः आदिवासी बहुल खूंटी लोकसभा सीट झारखंड की सबसे हॉट सीट है. क्योंकि इसी सीट से अर्जुन मुंडा ने जीतकर मोदी सरकार में जगह बनाई हैं. वर्तमान में अर्जुन मुंडा के पास जनजातीय मंत्रलाय के साथ-साथ कृषि मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी है. इस बार के लोकसभा चुनाव में फिर भाजपा ने अर्जुन मुंडा को खूंटी से प्रत्याशी बनाया है.
इंडिया गठबंधन ने अब तक नहीं घोषित किया प्रत्याशी
वहीं इंडिया महागठबंधन की ओर से अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में अर्जुन मुंडा के सामने इंडिया महागठबंधन से कौन प्रत्याशी होगा इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. हालांकि कांग्रेस से कालीचरण मुंडा का नाम प्रत्याशी के दौड़ में आगे चल रहा है. यदि फिर कांग्रेस ने कालीचरण मुंडा को खूंटी सीट से चुनावी आखाड़ा में उतारा तो मुकाबला दिलचस्प हो सकता है. पिछले चुनाव में मात्र 1445 मतों के अंतर से अर्जुन मुंडा ने जीत दर्ज की थी. ऐसे में खूंटी में अर्जुन के रथ को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन से कौन महाबली चुनावी मैदान में होगा यह यक्ष प्रश्न है.
कालीचरण और दयामनी बारला के नाम की भी चर्चा
वहीं खूंटी सीट से इस बार चुनाव मैदान में ताल ठोकने को कालीचरण मुंडा बेताब हैं. इस बीच दयामनी बारला भी जोर लगा रही हैं, जबकि एनोस एक्का की पार्टी झारखंड पार्टी ने भी खूंटी से अब तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, वहीं इसी बीच खूंटी से पत्थलगड़ी नेत्री बबीता बेलोशा कच्छप चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है. इस कारण खूंटी लोकसभा सीट पहले और हॉट हो गया है.
राज्य के पूर्व सीएम और वर्तमान में मोदी सरकार के जनजातीय और कृषि मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा का इस बार कालीचरण मुंडा के अलावा एनोस एक्का की पार्टी के साथ-साथ पत्थलगड़ी नेत्री बबीता बेलोसा कच्छप के बीच मुकाबला होने की संभावना है. हालांकि अभी तक कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है और ना ही एनोस ने उम्मीदवार का नाम का एलान किया है, लेकिन उससे पहले ही भारत आदिवासी पार्टी ने पत्थलगड़ी नेत्री बबीता बेलोशा कच्छप के नाम की घोषणा कर दी है.
भारत आदिवासी पार्टी ने बबीता बेलोसा का उतारा मैदान में
झारखंड के बाहर की राजनीति पार्टी भारत आदिवासी पार्टी इस बार खूंटी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान कर इस सीट को और भी हॉट बना दिया है. बताते चलें कि भारत आदिवासी पार्टी की उम्मीदवार बबीता बेलोसा वहीं हैं जिन्होंने सात वर्ष पूर्व पत्थलगड़ी आंदोलन किया था. आदिवासी समुदाय के लिए किए गए सामाजिक, संवैधानिक अधिकार के संघर्ष को देखते हुए उन्हें इस क्षेत्र का चेहरा बनाया गया है. जानकारी के अनुसार भारत आदिवासी पार्टी के राजस्थान में तीन और मध्यप्रदेश में एक विधायक हैं. पिछले दिनों खूंटी लोकसभा के छह विधानसभा क्षेत्र खूंटी, सिमडेगा, सरायकेला खरसावां, कोलेबिरा, तमाड़, सिमडेगा, तोरपा के ग्राम सभा प्रमुखों और लोगों के साथ रायशुमारी की गई और इसके बाद सर्वसम्मति से बबीता बेलोशा कच्छप के नाम पर मुहर लगी.
विभिन्न दलों के नेता क्षेत्र भ्रमण कर अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटे
इधर, खूंटी में राजनीतिक पार्टियों के नेता क्षेत्र भ्रमण में जुटे हैं. कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी कालीचरण मुंडा भी क्षेत्र में बैठकें कर लोगों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हैं, जबकि एनोस एक्का भी पीछे नहीं है. राष्ट्रीय पार्टियों की तरह वो भी अपने समर्थकों के साथ लोकसभा क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने में जुटे हैं. पत्थलगड़ी नेत्री बबीता फिलहाल क्षेत्र में नहीं हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि होली बाद खूंटी में उनकी एंट्री संभव है.
आदिवासी नहीं होंगे दिग्भ्रमितः सोमा मुंडा
इस संबंध में आदिवासियों के पड़हा राजा सह आदिवासी नेता सोमा मुंडा ने कहा कि दिग्भ्रमित करने वालों की अब खूंटी में कोई जगह नहीं है. ये लोग कभी खूंटी के आदिवासियों को बहला-फुसलाकर अपना हुकूमत कायम करना चाहते थे, लेकिन यहां के आदिवासियों ने ही उन्हें बाहर निकाला था. इसलिए तथाकथित लोगों के आने-जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
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