जयपुर. लोकसभा चुनाव ठीक पहले प्रदेश की भजनलाल सरकार ने राहत का पिटारा खोला. कैबिनेट बैठक में प्रदेश की आम जनता और कर्मचारियों को महंगाई से राहत देने वाले कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिसमें राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 प्रतिशत वैट की कमी करने, अलग-अलग जिलों में पेट्रोल-डीजल की दरों में अंतर की विसंगति को दूर करने और सरकारी कार्मिकों को केंद्र के समान 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने के अहम निर्णय शामिल हैं. इसके साथ बैठक में ऊर्जा क्षेत्र में सवा दो लाख करोड़ के निवेश और सड़कों के लिए सीआरआईएफ के तहत 1357 करोड़ के निवेश को भी स्वीकृत प्रदान करने का निर्णय लिया गया.
प्रदेश में एक सामान होगी पेट्रोल-डीजल की दर : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती और दूरस्थ जिलों में लोगों को पेट्रोल-डीजल की दरें करीब 5 रुपए तक अधिक देनी पड़ रही थी. साथ ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के डीलरों को भी इस विसंगति के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल की वैट दर में दो प्रतिशत कमी की है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी के निर्देशानुसार दूरस्थ जिलों के लिए डिपो से पेट्रोल पंप तक तेल परिवहन के मूल्य में भी कमी की गई है. उन्होंने बताया कि इस निर्णय से प्रदेश में पेट्रोल पर 1 रुपए 40 पैसे से लेकर 5 रुपए 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 1 रुपए 34 पैसे से लेकर 4 रुपए 85 पैसे प्रति लीटर तक कमी आएगी. नई दरें 15 मार्च, 2024 को सुबह 6 बजे से प्रभावी होगी. आमजन को यह राहत प्रदान करने से राज्य सरकार पर 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा.
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12 लाख 40 हजार सरकारी कर्मियों व पेंशनरों के मंहगाई भत्ते में वृ़द्धि : मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी कार्मिकों और पेंशनर्स को संबल देने के लिए केंद्र सरकार के अनुरुप मंहगाई भत्ते में 4 प्रतिशत वृद्धि करने का निर्णय किया है. इससे मंहगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा. प्रदेश के 8 लाख कर्मचारी व 4 लाख 40 हजार पेंशनर इस निर्णय से लाभान्वित हांगे. मंहगाई भत्ते की बढ़ी हुई दरें 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होंगी. कर्मचारियों को मार्च 2024 के वेतन (देय अपै्रल 2024) से बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा. जनवरी और फरवरी माह की राशि संबंधित कर्मचारियों के जीपीएफ, जीपीएफ-2004 साथ ही जीपीएफ-एसएबी खातों में जमा की जाएगी. सरकारी कार्मिकों और पेंशनर्स को यह राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 1640 करोड़ रुपए प्रति वर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करेगी. पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारियों को भी बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का लाभ मिलेगा.
प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में होगा सवा दो लाख करोड़ का निवेश : मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है. तीन साल बाद राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र सरप्लस की स्थिति में आ जाएगा और प्रदेश बिजली खरीदने के स्थान पर दूसरे राज्यों को बिजली बेचने में सक्षम हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस क्रम में बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं और 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं. राजस्थान ऊर्जा विकास निगम व एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट और 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी. सीएम ने बताया कि 800 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया माध्यम से करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है, इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64,000 करोड़ रुपए का निवेश अपेक्षित है. इस प्रकार प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में कुल करीब सवा दो लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा.
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सड़कों के लिए सीआरआईएफ के तहत 1357 करोड़ स्वीकृत : मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीआरआईएफ के तहत राजस्थान में 31 प्रमुख जिलों के सड़कों और राज्य राजमार्गों को चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 972.80 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं. साथ ही सीआरआईएफ के अंतर्गत सेतु बंधन योजना के तहत विभिन्न जिलों में 07 आरओबी, आरयूबी, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिए 384.56 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं. सीएम ने बताया कि प्रत्येक विधान सभा में सड़क निर्माण के लिए 5 करोड़ और अस्पताल के लिए 3 करोड़ की राशि देने का भी प्रावधान किया गया है.
सौ दिवसीय कार्य योजना व बजट घोषणाओं की समीक्षा बैठक : उधर, कैबिनेट से पहले सीएम ने मुख्यमंत्री कार्यालय में सौ दिवसीय कार्य योजना में शामिल बिन्दुओं, बजट घोषणाओं सहित अन्य घोषणाओं की क्रियान्विति पर आयोजित समीक्षा बैठक की. बैठक में सीएम ने प्रदेश में साइबर क्राइम पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गृह विभाग, पुलिस मुख्यालय व जिलों में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आईटी एक्सपर्ट्स की सेवाएं लेने के निर्देश दिए. वहीं, मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को राजस्व वृद्धि के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि का मूल्यांकन कर उपयोग करने, प्रत्येक संभाग में एमएसएमई विकास व सुविधा केंद्र कार्य योजना अनुरूप शीघ्र स्थापित करने और राजस्व विभाग को समस्त राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए. साथ ही सीएम ने नगरीय आवासन विभाग को सवाई मानसिंह अस्पताल में बन रहे आईपीडी टावर के लिए पार्किंग स्थल बनाने की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए.
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उन्होंने कहा कि स्वायत्त शासन विभाग जोधपुर, उदयपुर, अजमेर और बीकानेर शहर में सार्वजनिक पार्किंग व मार्केट एरिया में पार्किंग की व्यवस्था के लिए कार्य योजना बनाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को गर्मी के मौसम को देखते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सुचारू आपूर्ति के लिए कंटीन्जेसी प्लान बनाने और जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में चल रहे कार्यों को तय समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए. बैठक में मुख्यमंत्री ने चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के निर्देश दिए. आगे उन्होंने ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्य गति बढ़ाने के निर्देश भी दिए.