बैतूल: आमला जनपद की ग्राम पंचायत बोरदेही में 30 साल पहले पंचायत द्वारा नीलाम कर किराए से दी गई 24 दुकानों का आवंटन कलेक्टर ने निरस्त कर दिया है. साथ ही कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को दुकानों को खाली कराने के आदेश भी दिए हैं. जिसके बाद से दुकानदारों में हलचल मच गई है. वहीं बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि "नियमों की अनदेखी करते हुए दुकानों को आवंटित किया गया था. जिस मामले की सुनवाई करते हुए सभी दुकानों के आवंटन को रद्द कर दिया गया है. दुकानों का फिर से नियमानुसार आवंटन किया जाएगा."
दुकानों को खाली कराने के आदेश
कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को इस मामले में बेदखली की कार्रवाई का आदेश दिया है. जिस पर सीईओ बैतूल ने एसडीएम आमला व सीईओ जनपद पंचायत आमला को कार्रवाई के लिए आदेश जारी किए हैं. कलेक्टर ने 30 साल पहले पंचायत द्वारा आवंटित की गई दुकानों को आवंटित करने की प्रक्रिया को त्रुटिपुर्ण बताया है. इस मामले की संदीप वाईकर नामक शख्स ने शिकायत की थी.
गतल तरीके से हुआ दुकानों का आवंटन
शिकायतकर्ता संदीप ने पंचायत पर गलत तरीके से दुकानों का आवंटन करने सहित अपने पहचान वालों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. संदीप का कहना था कि, ''पंचायत ने एक ही परिवार को 2-2 दुकानें आवंटित कर दी हैं. जिससे पात्र लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.'' वहीं इस मामले का कलेक्टर कोर्ट में प्रकरण भी चलाया गया.
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दुकान आवंटन में नियमों की हुई अनदेखी
बोरदेही पंचायत द्वारा अधिनियम के मुताबिक दुकानों की आवंटन नीलामी नहीं की गई है. दुकान आवंटन के पहले विहित प्रधिकारी से अनुमति प्राप्त नहीं की गई. ऐसे स्थिति में ग्राम पंचायत बोरदेही जनपद पंचायत आमला द्वारा अधिकार क्षेत्र के बाहर 24 दुकानों का इकरारनामा तैयार कर किराए पर दिया जाना विधि विपरीत है. जिसके चलते दुकानों के आवंटन को निरस्त किया गया है. वहीं इस मामले में संबधित सचिव के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनत्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.